चुनाव से पहले पायलट को साधने की कवायद

कांग्रेस पार्टी से जुड़े सूत्रों के अनुसार, पिछले दिनों दिल्ली में मल्लिकार्जुन खड़गे के दिल्ली स्थित आवास पर हुई बैठक में सुलह का फार्मूला तैयार किया गया था। बता दें कि बैठक के बाद से ही सचिन पावलट ने चुप्पी साध रखी है। हालांकि, राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर जरूर पायलट ने इशारों में सीएम गहलोत को निशाने पर लिया था। सियासी जानकार सचिन पायलट की चुप्पी को अलग-अलग सियासी मायने निकाल रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि उन्हें सीडब्ल्यूसी मेंबर और चुनाव कैंपेन कमेटी का प्रमुख बनाया जा सकता है। चर्चा यह भी है कि चुनाव से ठीक पहले पायलट समर्थक को बड़ा पद दिया जा सकता है, ताकि पायलट खेमे को खुश किया जा सके। हालांकि, सीडब्ल्यूसी मेंबर के लिए पायलट पहले भी इनकार कर चुके हैं। सचिन पायलट राजस्थान से बाहर नहीं जाना चाहते हैं। ऐसे में संभावना यह है कि सचिन पायलट को चुनाव कैंपेन कमेटी का प्रमुख बनाया जा सकता है।
पायलट के पास नहीं है कोई पद
उल्लेखनीय है कि सचिन पायलट को 2020 में पीसीसी चीफ और डिप्टी सीएम पदों से बर्खास्त किया गया था, तब से ही पायलट किसी भी पद पर नहीं है। हालांकि, पायलट समर्थक विधायकों को सीएम गहलोत ने मंत्री बनाकर एडजस्ट कर दिया, लेकिन पायलट के पास कोई पद नहीं है। ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान सचिन पायलट को बड़ा पद दे सकता है। सियासी जानकारों का कहना है कि पायलट को पीसीसी चीफ भी बनाया जा सकता है, लेकिन गोविंद सिंह डोटासरा को हटाने से जाट समुदाय नाराज हो सकता है। जो कि कांग्रेस का वोट बैंक माना जाता रहा है। चर्चा है कि राहुल गांधी के मणिपुर दौरे से लौटने के बाद इसे फाइनल किया जाएगा। संभवत: सीएम गहलोत और पायलट को आमने-सामने बैठाकर इस पर चर्चा की जाएगी।(एएमएपी)



