आपका अखबार ब्यूरो।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बड़बोलेपन से दिल्ली पर नया संकट आ गया है। दिल्ली में करोना की तीसरी लहर आ गई है। दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को सरकार को कड़ी फटकार लगाई। पूछा अभी तक संक्रमण रोकने के लिए ठोस उपाय क्यों लागू नहीं किए। यह भी कहा कि किस तरह की निगरानी कर रहे हैं आप, आपने तो न्यूयार्क जैसे शहर को भी पीछे छोड़ दिया। पंद्रह दिन में एक लाख लोग संक्रमित हो गए।
‘अभी तक आप नींद में थे’
दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को लताड़ लगाते हुए कहा कि अभी तक आप नींद में थे। हालात बिगड़ते देख केजरीवाल एक बार फिर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की शरण में पहुंचे। उधर हाई कोर्ट में दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि अदालत जो भी निर्देश सुझाव देगी उसका शतप्रतिशत पालन किया जाएगा।
सस्ती लोकप्रियता का हश्र
केजरीवाल की सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की आदत ने ही दिल्ली को खतरे में डाला है। यह तीसरी बार है जब केजरीवाल अमित शाह की शरण में पहुंचे हैं।
“You were shaken out of slumber, you turned turtle after we asked questions,” said the Delhi High court slamming the Kejriwal govt over its recent measures to tackle the Corona spike.https://t.co/vEDraIGWXu
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) November 19, 2020
पहली बार जब उन्होंने करीब दो लाख प्रवासी मजदूरों को डीटीसी की बसें लगाकर यूपी बार्डर पर छोड़ दिया था। केंद्र सरकार ने चार अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की पर केजरीवाल को छोड़ दिया। दूसरी बार लॉकडाउन के दौरान जब दिल्ली में करोना के मामलों की संख्या बेतहाशा बढ़ने लगी तो केजरीवाल ने हथियार डाल दिए। मुख्यमंत्री व उनके मत्रियों ने कहा अब इस पर काबू करना कठिन है और इसे हर्ड इम्यूनिटी के लिए छोड़ दिया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा सब कुछ खोल देना चाहिए। उन्होंने करोना की जांच भी बंद कर दी।
काम केंद्र का पीठ अपनी ठोंकी
इसके बाद अमित शाह ने मामला अपने हाथ में लिया। आईटीबीपी का एक हजार बेड का करोना अस्पताल बनवाया। टेस्टिंग बढ़वाई और दूसरे संसाधन उपलब्ध कराए। मामला जब सुधर गया तो केजरीवाल ने अपनी पीठ थपथपाना शुरू कर दिया। घूम घूम कर कहने लगे कि करोना से निपटने का दिल्ली सरकार का मॉडल अमेरिका ने अपना लिया है।
दिल्ली में करोना की तीसरी लहर आई तो केजरीवाल के हाथ पैर फिर फूल गए। सो फिर अमित शाह की शरण में पहुंचे। हालात ऐसे हो गए हैं कि पिछले एक महीने में ही दिल्ली में करोना के एक लाख से ज्यादा नये मरीज हो गए। एक दिन में ही 131 लोगों की मौत हो गई।
केंद्र फिर आगे आया
गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि शादी ब्याह में दो सौ लोगों के शामिल होने की इजाजत क्यों दी। कोर्ट ने कहा कि अट्ठारह दिन पहले यह कदम क्यों नहीं उठाया गया। क्या सरकार सो रही थी। केंद्र सरकार एक बार फिर दिल्ली की मदद के लिए आगे आई है। गृहमंत्री ने आश्वासन दिया है कि दूसरे प्रदेशों से डाक्टरों को एयर लिफ्ट किया जाएगा। रेलवे ने करोना मरीजों के लिए ट्रेन में बेड तैयार कर दिए हैं।
ऐसे समय जब देश में करोना से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या चौरानबे फीसदी पहुंच गई है। दिल्ली सारे किए पर पानी फेर रही है। अदालत की फटकार के बाद सरकार जागी है। शादी ब्याह में शरीक होने की संख्या घटाकर पचास कर दी है। मास्क नहीं पहनने पर जुर्माने की रकम पांच सौ से बढ़ाकर दो हजार कर दी है। अदालत से इजाजत मांगी है कि अकेले कार में चलने वालों को भी मास्क पहनना जरूरी किया जाय।