राकांपा प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा है कि अजीत पवार सहित नौ विधायकों ने पार्टी के अध्यक्ष को बिना बताए और पार्टी की नीतियों से हटकर मंत्री पद की शपथ ली है। नौ विधायक किसी भी तरह पार्टी के नहीं हो सकते हैं। इन पर कार्रवाई करने के लिए चुनाव आयोग को भी पत्र लिखा गया है। अनुशासन समिति को भी पत्र लिखा गया है। संबंधित सदस्यों को भी अपात्रता का नोटिस भेजा गया है। इस संबंध में जब भी विधानसभा अध्यक्ष हमें बुलाएंगे, हम उनसे मिलने जाएंगे।

विधानसभा अध्यक्ष ने पत्रकारों से की बात
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने पत्रकारों को बताया कि उन्हें नौ एनसीपी विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली जयंत पाटिल द्वारा दायर याचिका मिली है। इस याचिका को ध्यान से पढ़ने के बाद उचित कार्रवाई करेंगे। वहीं, जब पूछा गया कि राकांपा के कितने विधायकों ने अजित पवार का समर्थन किया है? तो नार्वेकर ने कहा कि अभी इस बारे कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि विधानसभा में नए विपक्षी नेता की नियुक्ति पर निर्णय लेना उनका विशेषाधिकार है।
डॉ. जितेंद्र अवहाद बने नेता प्रतिपक्ष
बता दें, वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव डॉ. जितेंद्र अवहाद को महाराष्ट्र विधानसभा में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) का नया नेता प्रतिपक्ष और नया मुख्य सचेतक नियुक्त किया है। यह नियुक्ति अजित पवार के पद छोड़ने और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी सरकार में शामिल होने के कुछ घंटों बाद हुई, जिसमें वर्तमान डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस दूसरे डिप्टी सीएम थे। ठाणे जिले के मुंब्रा-कलवा से विधायक अवहाद ने कहा कि राकांपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने उन्हें विधानसभा में पार्टी और विपक्ष का मुख्य सचेतक नियुक्त किया है।(एएमएपी)



