पटना में विपक्षी जमावड़े के बाद अब कांग्रेस शासित राज्य कर्नाटक में जुटान की तैयारी है। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया है कि अगली मीटिंग 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में होगी। उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। वेणुगोपाल ने ट्वीट किया, ‘पटना में विपक्ष की सर्वदलीय बैठक की अपार सफलता के बाद अब अगली मीटिंग बेंगलुरु में 17 और 18 जुलाई को होने वाली है। हम फासीवादी और गैरलोकतांत्रिक ताकतों को हराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम देश के सामने एक मजबूत विजन पेश करेंगे।’

महाराष्ट्र की राजनीति का असर तो नहीं

राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता चितरंजन गगन के अनुसार बिहार में 23 जून को विपक्षी एकता के लिए हुई बैठक की सफलता से घबराकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र में विपक्ष को कमजोर करने की साजिश रची। गगन के इस दावे को ही आधार मानें तो बिहार की महागठबंधन सरकार को दिखने लगा है कि विपक्षी एकता को बनाए रखना आसान नहीं होगा।

तृणमूल कांग्रेस की नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कांग्रेस के साथ पटना में बैठक के दौरान रहीं और साथ निभाने का दावा भी कर गईं, लेकिन पश्चिम बंगाल से तकरार की खबरें आ ही रही हैं। उधर दिल्ली में आप अपना एकाधिकार कांग्रेस के साथ बांटने को तैयार नहीं है। आप ने पटना की बैठक में भी कांग्रेस से तकरार जाहिर कर दिया था। दो प्रमुख नेताओं और राज्यों के बाद महाराष्ट्र का उथलपुथल विपक्षी एकता के लिए अगुवाई कर रहे नीतीश कुमार के लिए निश्चित रूप से सहज नहीं है।

कांग्रेस के कारण टली पहली बैठक

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देशभर के विपक्षी नेताओं से बात करने और कांग्रेस नेता राहुल गांधी, अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे तक से मुलाकात करने के बाद 12 जून को पटना में विपक्षी एकता के लिए बैठक रखी थी। कांग्रेस की ओर से बेहद खराब रिस्पांस के कारण यह बैठक टालनी पड़ी और नीतीश कुमार ने खुद भी इस बात का जिक्र किया कि उन्हें (कांग्रेस को) आगे आना चाहिए। इसके बाद जब कांग्रेस तैयार हुई तो 23 जून को पटना में बैठक हो गई।

तारीख टलने का ऐसा रहा सिलसिला

पटना में हुई बैठक में आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी आए, लेकिन वह मीडिया से मुखातिब होने के पहले लौट गए। वजह कांग्रेस से बैठक के दौरान हुई तनातनी थी। मीडिया के सामने बाकी जो नेता आए भी, उन्होंने पत्रकार वार्ता में भी किसी सवाल का जवाब देने की जगह अपनी बात बोलकर निकल जाना उचित समझा। बात बोलने के दौरान ही कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने 11 या 12 जुलाई को शिमला में अगली बैठक होने की जानकारी दी थी। लेकिन, यह जानकारी फेल हो गई। फिर, 13-14 जुलाई को बेंगलुरू में बैठक होने की जानकारी दी गई। अब इस तारीख के टलने की भी जानकारी जदयू के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता केसी त्यागी ने सार्वजनिक की है। इसके कुछ घंटे बाद कांग्रेस की ओर से आननफानन में 17-18 जून को बेंगलुरू में ही बैठक होने की जानकारी दी गई।(एएमएपी)