हरियाणा द्वारा हथिनीकुंड बराज से यमुना में पानी छोड़े जाने के बाद यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। सोमवार दोपहर 12 बजे दिल्ली में ओल्ड रेलवे ब्रिज पर यमुना का जलस्तर बढ़कर 204.36 मीटर पहुंच गया है। नदी का चेतावनी स्तर 204.50 मीटर है। दोपहर 12 बजे हथिनीकुंड बैराज से 2,17,003 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। पिछले 5 घंटे से यमुना में हर घंटे 2 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा जा रहा है। हालात को देखते हुए दिल्ली में पहले ही बाढ़ की चेतावनी जारी कर दी गई है। माना जा रहा है कि अगले एक घंटे में यमुना का जलस्तर खतरे के निशाने 204.50 मीटर को पार कर जाएगा। वहीं, मंगलवार को खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार करने की आशंका है।उत्तर भारत में भारी बारिश से उत्पन्न स्थिति पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह एक दूसरे पर उंगली उठाने का समय नहीं है। सभी प्रभावित राज्यों की सरकारों को जनता को राहत देने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है। केजरीवाल शहर में लगातार हो रही बारिश के कारण जगह-जगह पानी भरने और यमुना नदी में बढ़ते जलस्तर के संबंध में सोमवार को दिल्ली सचिवालय में हाईलेवल बैठक की है। इस बैठक में सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग तथा दिल्ली नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

इतनी बारिश के लिए दिल्ली का सिस्टम तैयार नहीं : केजरीवाल

बैठक के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में इतनी बारिश 40 साल के बाद हुई है। इतनी बारिश के लिए दिल्ली का सिस्टम तैयार नहीं है। यह समय आरोप-प्रत्यारोप का नहीं है। इस समय सभी को मिलकर काम करना होगा। हालात ऐसे हैं कि सब प्रयास कम पड़ रहे हैं। दिल्ली में बारिश से बाढ़ का खतरा कम है। लेकिन यमुना में पानी छोड़े जाने से खतरा ज्यादा बढ़ गया है। हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़ा जा रहा है। केजरीवाल ने कहा कि सीडब्ल्यूसी के मुताबिक दिल्ली में यमुना नदी 203.58 मीटर पर बह रही है। कल सुबह इसके 205.5 मीटर तक पहुंचने की आशंका है। साथ ही मौसम पूर्वानुमान के मुताबिक, यमुना में जल स्तर बहुत अधिक बढ़ने की उम्मीद नहीं है। अगर यमुना 206 मीटर का आंकड़ा पार करती है तो हम नदी के किनारे निकासी शुरू कर देंगे।

आज दिल्ली के सभी स्कूल बंद

वहीं, दिल्ली-एनसीआर में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश व मौसम विभाग की चेतावनियों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने सोमवार को एमसीडी, सरकारी व निजी स्कूलों को बंद रखने के आदेश दिए। इस संबंध में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया कि दो दिनों से हो रही बारिश को ध्यान में रखते हुए सभी स्कूलों को एक दिन के लिए बंद किया गया है। सोमवार को मौसम के हालात देखने के बाद ही स्कूल खोलने संबंधित निर्णय लिया जाएगा।

बता दें कि, दिल्ली सरकार ने हरियाणा द्वारा हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के बाद रविवार को ही बाढ़ की चेतावनी जारी कर दी थी। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने बाढ़ के खतरे के मद्देनजर अधिकारियों को सतर्क रहने और संवेदनशील क्षेत्रों में आवश्यक उपाय करने का निर्देश दिया गया है। नदी के तटबंध के आसपास रहने वाले लोगों को अलर्ट कर स्थान खाली करने को कह दिया गया है। दिल्ली सरकार ने बाढ़ संभावित क्षेत्रों और यमुना के जलस्तर की निगरानी के लिए एक केंद्रीय नियंत्रण कक्ष सहित 16 नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं।

यमुना मंगलवार को खतरे के निशान को पार कर सकती है : आतिशी

दिल्ली की मंत्री आतिशी ने सोमवार को कहा कि राजधानी में यमुना का जलस्तर मंगलवार को दोपहर तक खतरे के निशान को पार कर सकता है क्योंकि नदी में बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है। लोक निर्माण विभाग मंत्री ने निकासी और राहत कार्यों की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि भारत के उत्तरी राज्यों में मूसलाधार वर्षा के कारण दिल्ली में यमुना की ओर पानी बहुत तेजी बढ़ रहा है।

आतिशी ने कहा कि कल सुबह तक हरियाणा से करीब 43,000 क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया, जो अब बढ़कर लगभग तीन लाख क्यूसेक हो गया है। हमें लगता है कि मंगलवार को दोपहर के आसपास यमुना में जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच जाएगा। दिल्ली में यमुना का चेतावनी स्तर 204.50 मीटर, जबकि खतरे का स्तर 205.33 मीटर है। दिल्ली में यमुना नदी के पास स्थित निचले इलाके बाढ़ के लिहाज से संवेदनशील माने जाते हैं और वहां करीब 37,000 लोग रहते हैं।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दिल्ली में रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक पिछले 24 घंटे की अवधि में 153 मिलीमीटर (मिमी) बारिश दर्ज की गई, जो 1982 के बाद से जुलाई में एक दिन में हुई सर्वाधिक बारिश है।  गौरतलब है कि, दिल्ली-एनसीआर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में पिछले दो दिन से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के चलते सभी नदी-नाले उफान पर हैं और नदियां रौद्र रूप धारण कर तेजी से मैदानी इलाकों में तबाही मचा रही हैं।(एएमएपी)