हरियाणा के पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक गोपाल कांडा को एयरहोस्टेस गीतिका शर्मा की मौत के मामले से बरी कर दिया गया है। 11 साल चले ट्रायल के बाद दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से गोपाल कांडा बाइज्जत बरी होकर मंगलवार को निकले। बता दें कि इस मामले के चलते गोपाल कांडा को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। 2012 में गीतिका शर्मा ने आत्महत्या कर ली थी, जो कभी गोपाल कांड की ही एयरलाइन कंपनी में एयरहोस्टेस के तौर पर काम करती थीं और फिर उन्हें प्रमोट करके निदेशक बना दिया गया था।अदालत ने गोपाल कांडा के साथ ही उनकी सहयोगी अरुणा चड्ढा को भी इस मामले में बरी कर दिया है। दोनों पर गीतिका शर्मा को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा था। गोपाल कांडा के मालिकाना हक वाली एयरलाइन कंपनी MDLR में गीतिका शर्मा एयरहोस्टेस के तौर पर काम करती थीं। गीतिका शर्मा को 5 अगस्त, 2012 को उनके दिल्ली के अशोक विहार स्थित आवास पर मृत पाया गया था। इस मामले में गोपाल कांडा पर उत्पीड़न के आरोप लगे थे और कहा गया था कि इसी के चलते गीतिका शर्मा ने जान दे दी।

गोपाल कांडा पर इस मामले में आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा 306, आपराधिक साजिश की धारा 506, सबूत मिटाने को लेकर आईपीसी के सेक्शन 201 समेत कई आरोपों में केस दर्ज हुआ था। यही नहीं बाद में गोपाल कांडा पर रेप की धारा 376 और अप्राकृतिक सेक्स की धारा 377 भी लगाई गई थी। हालांकि बाद में दिल्ली हाई कोर्ट ने इन दोनों धाराओं को हटाने का आदेश दे दिया था।
पुलिस ने क्या कहा था चार्जशीट में, क्यों हो गए बरी
कांडा को दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में 2014 में नियमित जमानत भी दे दी थी। पुलिस ने अपनी चार्जशीट में यह बताया था कि कांडा को गीतिका बहुत पसंद थी और वह उस पर अपनी कंपनी में वापस आने का दबाव बना रहे थे। हालांकि उन पर आत्महत्या के लिए उकसाने समेत कोई आरोप साबित नहीं हो पाए।(एएमएपी)



