भारत-म्यांमार बॉर्डर पर कंटीले तार (फेंसिंग) लगाने का काम तेजी से किया जा रहा है। अब तक मणिपुर-मिजोरम बॉर्डर पर 10 किलोमीटर के एरिया में फेंसिंग लगाने का काम पूरा हो चुका है। जो एजेंसियां इस योजना पर काम कर रही हैं, उन्हें निर्देश दिया गया है कि वह बॉर्डर पर जल्द से जल्द इस काम को पूरा कर लें। केंद्र सरकार की ओर से ये कदम मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच चल रही हिंसा के बीच उठाया गया है। मैतेई समुदाय ने आरोप लगाया है कि कुकी “म्यांमार सीमा पार से अवैध रूप से आए हैं और मणिपुर में वन भूमि पर कब्जा कर रहे हैं”।

मणिपुर में घसे थे म्यांमार से 700 से अधिक अवैध अप्रवासी
हाल ही में मणिपुर सरकार ने कहा था कि जुलाई में म्यांमार से 700 से अधिक अवैध अप्रवासी राज्य में दाखिल हुए हैं। मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने कहा था कि नए प्रवासियों की घुसपैठ के मामले को अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव और राज्य में मौजूदा कानून व्यवस्था को देखते हुए अत्यधिक संवेदनशीलता से निपटा जाएगा। दूसरी ओर कुकियों ने तर्क दिया है कि अवैध आप्रवासन का मुद्दा सिर्फ एक छलावा है। उनके पास अपनी नागरिकता साबित करने के लिए दस्तावेज हैं।
विश्वास बहाली के लिए बातचीत जारी
हिंसाग्रस्त राज्य में विश्वास बहाली के लिए सरकार मैतेई और कुकी, दोनों समुदायों से बात कर रही है। असम में छह-छह दौर की वार्ता हो चुकी है। इस बीच, कुकी प्रतिनिधि मंडल दिल्ली में गृह मंत्री शाह से भी मुलाकात कर चुका है। 35 हजार जवान तैनात : मणिपुर में सेना व अर्धसैनिक बल के करीब 35 हजार, जवान तैनात हैं। राज्य में अब दवा और अन्य वस्तुओं की आपूर्ति नियमित रूप से हो रही है। आवश्यक चीजों की आपूर्ति भी नियंत्रण में है।
याचिका सीजेआई के पास
सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा व महिलाओं से बर्बरता की जांच रिटायर्ड जज की अध्यक्षता वाली कमेटी से कराने की मांग से जुड़ी याचिका को सीजेआई के पास भेज दी। इसे जस्टिस एसके कौल व जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किए जाने का उल्लेख था।(एएमएपी)



