बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के बीच ट्विटर पर जुबानी जंग देखने को मिली है। ये विवाद नए हवाईअड्डों के निर्माण को लेकर हुआ है। दरअसल, सत्ता में आने के बाद से बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार देशभर में नए हवाई अड्डे बनाए जाने का दावा कर रही है। इसे लेकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने तंज कसा और केंद्र सरकार पर हमला बोला। चिदंबरम के आंकड़ों पर सिंधिया ने जवाब दिया और उनके दावों को हवा-हवाई बताया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने कहा- शेखी बघारना और बढ़ा-चढ़ाकर कहना इस सरकार की पहचान है। उन्होंने कहा- सरकार दावा करती है कि उसने पिछले 7 साल में 74 हवाई अड्डे बनाए हैं, ये दावे खोखले और झूठे हैं। मई 2014 के बाद से सिर्फ 11 नए हवाई अड्डे बनाए गए और जो चालू हैं। 74 हवाई अड्डों में 9 हेलिकॉप्टर स्टेशन और दो वॉटरड्रोम शामिल हैं। ‘उद्घाटन’ के तुरंत बाद वॉटरड्रोम बंद हो गए। 74 हवाई अड्डों में से 15 अब उपयोग में नहीं हैं, क्योंकि वहां कोई उड़ानें नहीं हैं। बीजेपी-एनडीए सरकार ने 479 नए रूट्स लॉन्च किए। इनमें से 225 अब परिचालन में नहीं हैं।
बढ़ा-चढ़ाकर बोलना सरकार की पहचान
पीएम मोदी के नेतृत्व में दूरदर्शी सरकार
65 साल में सिर्फ 3 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे थे
योजना में 1.23 करोड़ लोगों ने उड़ान भरी
केंद्रीय मंत्री ने और क्या-क्या कहा
- 74 हवाई अड्डों/हेलीपोर्ट/जल हवाई अड्डों के निर्माण में सरकार के प्रयास दूरदराज के क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे और पहुंच का विस्तार करने और क्षेत्रीय विकास की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। इनमें से अधिकांश हवाई अड्डे दूर-दराज के शहरों, जैसे दरभंगा, झारसुगुड़ा, जमशेदपुर और राउरकेला आदि के साथ सीधे संपर्क का एकमात्र सोर्स हैं।
- इन विकासों में अभूतपूर्व पूंजी निवेश शामिल है। पिछले 10 वर्षों में लगभग 75000 करोड़ रुपये पर खर्चे गए हैं, जो सीधे तौर पर देश में रोजगार की वृद्धि से जुड़ा है और सभी वर्गों की बढ़ती आकांक्षाओं को पूरा करने के अलावा इसका गहरा सामाजिक प्रभाव है। पहले की सरकारें 70 वर्षों में जो हासिल करने में विफल रहीं, वो सिर्फ 9 वर्षों में हासिल किया गया है।
- सिंधिया ने भी आखिर में चिदंबरम पर तंज कसा और कहा- चिदंबरम जी, स्पष्ट रूप से फैक्ट्स की जांच करना वर्तमान कांग्रेस का मजबूत पक्ष नहीं है। अस्तित्व और प्रासंगिकता की हताशा ने आप जैसे वरिष्ठ समझदार नेताओं को प्रभावित किया है। कृपया आधे-अधूरे सच को ना बनाए रखें।(एएमएपी)