आपका अख़बार ब्यूरो / एएमएपी
भारत दुनिया में सबसे तेज रफ्तार से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर है। भारतीय स्टेट बैंक यानी एसबीआई ने अपनी इकोरैप रिपोर्ट में कहा कि है अगर भारत अपनी ग्रोथ की मौजूदा रफ्तार को कायम रखता है, तो देश को वित्‍त वर्ष 27-28 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का टैग मिलने की पूरी संभावना है। अर्थशास्त्रियों ने ये भी कहा कि 2027 तक भारत, जापान और जर्मनी जैसे देशों को पीछे छोड़ सकता है। इसी के साथ यह भी एक सुखद खबर है कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के बावजूद लोगों की जिन्‍दगी काफी हद तक पटरी आ गयी है। लोगों की अब क्रय शक्ति यानि पीपीपी (क्रय शक्ति समता) भी बढ़ गई है। अधिकांश लोग अब महंगे घर, कार, मोबाईल खरीदने लगे हैं।

महंगी कारें बनी लोगों की पहली पसंद

भारत में इस समय कार खरीदने की काफी होड़ मची हुई है या यूं कहें कि एक ट्रेंड तेजी से बदल रहा है। हाल ही में सामने आए कुछ आंकड़े इस तरफ इशारा कर रहे हैं कि अब लोग बजट नहीं बल्कि कॉम्पैक्ट और मिड साइज कारों को सबसे ज्यादा पसंद कर रहे हैं। वाहन कंपनियों के संगठन सियाम और ऑटोमोबाइल विश्लेषक जैटो डायनेमिक्स के आंकड़े बताते हैं कि 2021-22 के मुकाबले 2022-23 और चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भी कार खरीदने को लेकर लोगों की पसंद तेजी से बदली है।

यह आंकड़े बताते हैं कि लोग अब कम दाम वाली कार को खरीदना पसंद नहीं कर रहे। पांच साल पहले देश में कारों की कुल बिक्री में 7.5 लाख रुपए से कम दाम की कारों की हिस्सेदारी 58% से ज्यादा थी, जो अब करीब 50% घटकर 26-30% रह गई है। दूसरी ओर 7.5-12.5 लाख की कॉम्पैक्ट और मिड साइज कारों की कुल बिक्री में हिस्सेदारी बढ़कर 42-52% हो गई है। वहीं अब 7.5-25 लाख की कारों की बिक्री 62-77% तक हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, 12.5-25 लाख रुपये की एसयूवी और सेडान कारों की हिस्सेदारी 20-25% हो गई है। वहीं 25 लाख रुपये से ज्यादा महंगी लग्जरी कारों की हिस्सेदारी बढ़कर 5-7% तक हो गई है। कॉम्पैक्ट और मिड साइज सेगमेंट में लोगों को हुंडई क्रेटा, किया सेल्टोस, टाटा नेक्सॉन और महिंद्रा थार जैसी कारें सबसे ज्यादा पसंद आ रही हैं।

महंगे घर ज्यादा खरीद रहे भारतीय

देश में महंगे मकानों की बिक्री बढ़ गई है। कोरोना महामारी का असर अब रीयल एस्टेट सेक्टर पर भी धीरे-धीरे कम होता दिखाई दे रहा है। महामारी की दिक्कतों के बाद भी देश में महंगे घरों की बिक्री में बढ़ोतरी देखी गई है। बिक्री में बीते दो साल में 50 लाख से ज्यादा कीमत के घरों की बिक्री की हिस्सेदारी 52 प्रतिशत से बढ़कर 60 प्रतिशत हो गई है। इसमें भी सबसे ज्यादा बढ़ोतरी एक करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत वाले मकान में देखी गई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, लोग 50 लाख से कम कीमत के घर लोग कम खरीद रहे हैं, जबकि 50 लाख से ऊपर या 1 करोड़ से ज्यादा बजट के घरों की बिक्री में तेज इजाफा हुआ है। इससे पता चलता है कि इकोनॉमी पटरी पर आ रहा है। लोगों की जीवन पटरी पर आ रहा है। कमाई भी पटरी पर आ रही है।

महंगे स्मार्टफोन की बढ़ी डिमांड

भारतीयों के बीच महंगे स्मार्टफोन खरीदने का चलन तेजी से बढ़ा है। पिछले वर्षों की तुलना की जाए तो आजकल स्‍मार्टफोन का चलन काफी तेज गया है। कंपनियां भी कई महंगे मोबाईल बनाने में लगी हुई है। जिसमें 20 हजार से लेकर 1 लाख रुपए तक के स्‍मार्टफोन बाजार में इन दिनों धूम मचा रहे हैं। लेकिन भारतीय भी इन्‍हें खरीदने में पीछे नहीं है। महंगे फोन की मार्केट में 60 फीसदी हिस्सेदारी केवल आईफोन की है। भारतीय नया स्मार्टफोन खरीदने के मामले में महंगे स्मार्टफोन को काफी तरजीह दे रहे हैं। वहीं, सस्ता फोन खरीदने से बच रहे हैं।

रिपोर्ट की मानें, तो पिछली दो तिमाही के दौरान स्मार्टफोन मार्केट के शिपमेंट में गिरावट दर्ज की गई है। लेकिन साल 2023 की पहली तिमाही में प्रीमियम स्मार्टफोन मार्केट में 4.7 फीसद की ग्रोथ दर्ज की गई है। वही साल 2023 की पहली तिमाही में बेचे गए कुल स्मार्टफोन में से करीब एक तिहाई हाई-एंड स्मार्टफोन शामिल रहे हैं। भारत में 45 हजार रुपये से ज्यादा कीमत वाले स्मार्टफोन में बढ़िया डिमांड देखी जा रही है। सैमसंग लगातार तीन तिमाही से टॉप पर है। इससे पहले, एप्पल प्रीमियम स्मार्टफोन में टॉप पोजिशन पर था। वीवो भी इस लिस्ट में दूसरे पायदान पर है, जबकि वनप्लस फास्टेस्ट ग्रोइंग स्मार्टफोन ब्रांड है।(एएमएपी)