श्रीलंका में भी आधार जैसी पहचान पत्र योजना लागू की जा रही है। श्रीलंका में आधार जैसी योजना ‘यूनीक डिजिटल आइडेंटिटी प्रोजेक्ट’ के लिए भारत भी मदद कर रहा है। भारत इस परियोजना पर तीन सौ करोड़ रुपये खर्च करेगा, जिसमें से पहली किस्त के 45 करोड़ रुपए दे भी दिये गए हैं।श्रीलंका के राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक श्रीलंका के डिजिटलीकरण की दिशा में अहम इस योजना के लिए वित्तपोषण भारत सरकार की ओर से किया जा रहा है। भारत सरकार इस परियोजना पर कुल तीन सौ करोड़ रुपये खर्च करेगी। श्रीलंका के राष्ट्रपति कार्यालय में हुई अहम बैठक में श्रीलंका के राष्ट्रीय सुरक्षा पर राष्ट्रपति के वरिष्ठ सलाहकार सगाला रत्नानायका, श्रीलंका के तकनीकी मंत्री कनक हेराथ, श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले और भारतीय उच्चायुक्त के प्रथम सचिव एलडोस मैथ्यू और अन्य अधिकारी शामिल हुए।
इस दौरान भारतीय उच्चायुक्त ने पहली किस्त के रूप में 45 करोड़ रुपए का चेक कनक हेराथ को सौंपा। यह कुल रकम का 15 प्रतिशत है। फिलहाल 45 करोड़ रुपए अग्रिम भुगतान के तौर पर दिए गए हैं। वहीं, राष्ट्रपति के सलाहकार रत्नानायका ने कहा कि उनकी सरकार तय समय सीमा में इस परियोजना को पूरा करने की कोशिश करेगी।
भारत और श्रीलंका के बीच मार्च 2022 में इस परियोजना को लेकर समझौता हुआ था। समझौते के तहत इस परियोजना के लिए इंडो श्रीलंका जॉइंट प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के लिए सॉफ्टवेयर का विकास भी भारत सरकार द्वारा किया जा रहा है।(एएमएपी)