पाकिस्तान को 1992 में विश्वकप जिताने वाले इमरान खान 2018 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे। हालांकि साल भर पहले अविश्वास प्रस्ताव में हार जाने के बाद पद से हटना पड़ा। इमरान के खिलाफ 100 से अधिक मामले हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुए अपने फायदे के लिए कीमती तोहफे बेचे। इमरान ने चुनाव आयोग को दी गई संपत्ति की घोषणा में उसका ब्योरा नहीं दिया था। चुनाव आयोग ने बाद में डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में शिकायत दर्ज की थी कि पीएम रहते हुए इमरान को जो गिफ्ट मिले उसे उन्होंने बेच दिया। इस मामले में उन्हें आपराधिक कानूनों के जरिए सजा की भी मांग की गई थी।
शनिवार को हुए थे गिरफ्तार
बता दें कि इस्लामाबाद की एक अदालत द्वारा तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में खान (70) को भ्रष्टाचार का दोषी ठहराए जाने के तुरंत बाद शनिवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। अदालत ने खान को तीन साल जेल की सजा सुनाई है। वह इस समय अटक जेल में हैं। वहीं, पंजाब पुलिस के अनुसार खान की गिरफ्तारी के बाद से प्रांत के विभिन्न हिस्सों में पीटीआई के 200 से अधिक पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि पीटीआई ने आरोप लगाया है कि न केवल पुलिस ने खान की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे उसके कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया बल्कि उसने पार्टी पदाधिकारियों को हिरासत में लेने के लिए उनके घरों पर छापा मारा।
अंधेरे कमरे में रखने का आरोप
बता दें कि इमरान खान के अटॉर्नी जनरल नईम हैदर पंजोठा ने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) अध्यक्ष को पंजाब प्रांत में स्थित जेल में सी-श्रेणी की सुविधाएं दी गयी हैं। उन्होंने बताया कि देश की विश्व कप विजेता क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान को जेल की जिस कोठरी में रखा गया है वहां मक्खियां तथा खटमल भरे पड़े हैं। पंजोठा ने सोमवार को खान से जेल में मुलाकात करने के बाद कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री छोटे-से कमरे में बंद हैं जिसमें खुले में शौचालय बना हुआ है। पंजोठा ने कहा कि खान ने उन्हें बताया है कि पुलिस ने उन्हें गिरफ्तारी वारंट नहीं दिखाया और पुलिस ने लाहौर में उनके घर में उनकी पत्नी के कमरे का दरवाजा तोड़ने की कोशिश भी की थी।(एएमएपी)