- आपका अखबार ब्यूरो।
तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में पहली बार भाजपा दस्तक दे रही है। वृहत हैदराबाद नगर निगम के चुनावों में भाजपा जितनी ताकत झोंक रही है, उससे बहुत से राजनीतिक पर्यवेक्षक चकित हैं। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर भाजपा एक स्थानीय निकाय के चुनावों में अपने राष्ट्रीय नेताओं को क्यों उतार रही है। इससे पहले तो किसी पार्टी खासतौर से किसी राष्ट्रीय पार्टी ने ऐसा नहीं किया।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का सवाल जायज है। इसका जवाब खोजने के लिए जरा कुछ तथ्यों पर गौर करना पड़ेगा। इस नगर निगम के चुनाव क्षेत्र पर गौर कीजिए। इसके तहत राज्य की पांच लोकसभा सीटें और बत्तीस से पैंतीस विधानसभा सीटें आती हैं। अब जरा एक और तथ्य पर गौर कीजिए। उत्तराखंड (5), हिमाचल प्रदेश (4), जम्मू-कश्मीर (5) (लद्दाख के अलग होने के बाद), गोवा, असम को छोड़कर पूर्वोत्तर के सातो राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में से किसी में इससे ज्यादा लोकसभा सीटें नहीं हैं। भाजपा के इतनी ताकत झोंकने की यह तो पहली वजह है।
दक्षिण का दूसरा द्वार
दूसरी वजह यह है कि भाजपा के अपने आंकलन के मुताबिक उसे लगता है कि अगले विधानसभा चुनावों में तेलंगाना कर्नाटक के बाद दक्षिण का उसका दूसरा द्वार हो सकता है। लोकसभा चुनाव में चार सीटें जीतने और इसी महीने विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में तेलंगाना राष्ट्र समिति को हराने के बाद उसका हौसला बढ़ा हुआ है।
तीसरी वजह यह है कि हाल में बिहार विधानसभा चुनाव असदउद्दीन की पार्टी एमआईएम के बढ़े हुए हौसले को वह पस्त करना चाहती है। फिर सवाल उठता है कि एक छोटी सी पार्टी जिसके अपने ही राज्य में सिर्फ सात विधायक और एक लोकसभा सदस्य है, उसके मुकाबले में भाजपा क्यों उतरना चाहती है। क्योंकि हार जाने पर बड़े नुक्सान का भी खतरा है।
ओवैसी को घर में घुसकर चुनौती
इसके बावजूद भाजपा जोखिम मोल ले रही है। उसकी वजह है, पश्चिम-बंगाल के विधानसभा चुनाव। देश भर में ऐसी धारणा बन रही है कि ओवैसी की पार्टी भाजपा की बी टीम है। भाजपा ही उसकी मदद कर रही है ताकि वह उसके विरोधियों के मुसलिम वोट काटकर भाजपा की मदद करे। भाजपा पश्चिम-बंगाल के चुनाव में उतरने से पहले इस धारणा को तोड़ना चाहती है। वह इस तरह की धारणा बनाने वालों को बताना चाहती है कि भाजपा ओवैसी के घर में घुसकर उन्हें चुनौती दे रही है। अब इससे यह धारणा कितनी बदलेगी यह तो समय ही बताएगा।
भाग्यनगर बनाने आए योगी
वृहत हैदराबाद नगर निगम के चुनाव में आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उतर गए। हैदराबाद में उन्होंने एक सभा को संबोधित किया और रोड शो भी किया। उन्होंने कहा कि वे हैदराबाद को भाग्य नगर बनाने आए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने फैजाबाद को अयोध्या और इलाहाबाद को प्रयागराज बना दिया। योगी ने केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार की योजनाओं का जिक्र किया और राम मंदिर का भी। उन्होंने कहा कि तीन साल में अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बन जाएगा तो हैदराबाद के लोगों को भी आमंत्रित करेंगे।
इस चुनाव के लिए एक दिसम्बर को वोट पड़ेगा और चार दिसम्बर को नतीजे आएंगे। चुनाव प्रचार का रविवार को आखिरी दिन है और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह हैदराबाद पहुंच रहे हैं। शनिवार को योगी की सभा और रोड शो में जितनी बड़ी संख्या में लोग जुटे वह भाजपा के लिए हैदराबाद में पहली बार देखा जा रही है। यदि यह भीड़ वोट में बदलती है तो हैदराबाद के भाग्यनगर बनने का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।