अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीन की गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर बड़ा बयान दिया है। न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, राष्ट्रपति बाइडेन ने बीजिंग की उच्च बेरोजगारी और उम्रदराज कार्यबल को लेकर आगाह किया है। उन्होंने कहा, ‘चीन की आर्थिक परेशानियां वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए ‘टिकिंग टाइम बम’ की तरह हो गई हैं। यह स्थिति दूसरे देशों के लिए संभावित खतरा है।’ अमेरिकी राष्ट्रपति ने पार्क सिटी, यूटा में फंड-रेजर में दानदाताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही।जो बाइडेन ने कहा कि जब बुरे लोगों को समस्या होती है, तब वे बुरा काम करते हैं। उन्होंने कहा, ‘एक समय चीन को प्रेरित करने वाला प्रतीत होने वाला इंजन अब लड़खड़ा रहा है, जो पूरे चीनी परिवारों और अर्थव्यवस्थाओं के लिए खतरनाक जोखिम पैदा करेगा। रिपोर्ट के अनुसार, चीन एक वक्त ग्लोबलाइजेशन के लाभ वाले वर्जन के तौर पर देखा जाता था। मगर, अब यह दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए असाधारण अनिश्चितता के दौर में आखिरी वाइल्ड कार्ड के तौर पर डेवलप हो चुका है।

चीन के निर्यात में 2 अंकों की गिरावट

गौरतलब है कि चीन का निर्यात जुलाई में सालाना आधार पर 14.5 प्रतिशत गिर गया। इसके साथ ही सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी पर आर्थिक मंदी को दूर करने का दबाव बढ़ गया है। सीमा शुल्क विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई में निर्यात 14.5 प्रतिशत घटकर  281.8 अरब डॉलर रह गया। इससे पहले जून में निर्यात 12.4 प्रतिशत घटा था। कमजोर घरेलू मांग के चलते आयात सालाना आधार पर 12.4 प्रतिशत गिरकर 201.2 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया। इससे पिछले महीने यह 6.8 प्रतिशत घटा था। देश का व्यापार अधिशेष एक साल पहले के रिकॉर्ड उच्च स्तर से 20.4 प्रतिशत घटकर 80.6 अरब डॉलर रह गया।

अमेरिका और चीन के बीच सहयोग जरूरी

अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने हाल ही में कहा था कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की जरूरतों को पूरा करना यूएस और चीन की साझा जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि जब तक दोनों देश सहयोग नहीं करते, तब तक वैश्विक चुनौतियों से निपटने में किसी भी प्रगति की कल्पना करना मुश्किल है। येलेन ने कहा कि चीनी अर्थव्यवस्था की सुस्ती वैश्विक अर्थव्यवस्था की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि चीन दुनियाभर के कई देशों के लिए बड़ा आयातक है। उन्होंने कहा, ‘संबंधों में द्विपक्षीय भागीदारी को लेकर हममें से प्रत्येक की चिंताओं को ईमानदारी से व्यक्त करने और वैश्विक अर्थव्यवस्था की जरूरतों से निपटना हमारा साझा दायित्व है। वास्तव में, जबतक अमेरिका और चीन सहयोग नहीं करते, यह कल्पना करना मुश्किल है कि वैश्विक चुनौतियों का समाधान तलाशने की दिशा में प्रगति हो सकती है।’(एएमएपी)