चंद्रयान-3 की सफल लैडिंग 13 कंपनियों के लिए पारस पत्थर साबित हुआ है। ये वे कंपनियां हैं, जो प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से चंद्रयान के निर्माण से जुड़ी थीं। इन कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में चंद्रयान की सफल लैंडिंग से पहले ही 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा जुड़ चुके हैं। दिलचस्प बात यह है चंद्रयान को छूने भर से इन कंपनियों के पूंजीकरण में जितनी बढ़ोतरी हुई है, उतनी रकम में 34 से ज्यादा चंद्रयान-3 जैसे अभियानों को अंतरिक्ष में भेजा जा सकता है।चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के बाद से इन कंपनियों ने स्टॉक्स में 20,727 करोड (2.5 अरब डॉलर) का इजाफा हो चुका है। ये कंपनियां रॉकेट कम्युनिकेशन, नैविगेशन, इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट, मेटल गियर जैसी चीजें बनाती हैं। ब्लूमबर्ग के मुताबिक कंपनियों के पूंजीकरण में 2 अरब डॉलर से ज्यादा बढ़ोतरी एक सप्ताह में ही हुई है।

33.32 फीसदी तक चढ़ गए कंपनियों के शेयर

इस मिशन में सहयोग देने वाली कंपनियों के शेयर 33.32 फीसदी तक चढ़ गए। इसरो के रॉकेटों के लिए कोबाल्ट आधारित अलॉय बनाने वाली सरकारी कंपनी मिश्र धातु निगम के शेयरों की कीमत चंद्रयान-3 लॉन्च होने के बाद से 33.32 फीसदी तक बढ़ चुकी है।

गैस मुहैया कराने वाली लिंडे इंडिया के शेयर 23% चढ़ गए।

  • चंद्रयान के प्रोपल्शन व लैंडर मॉड्यूल्स के ऑनबोर्ड सिस्टम से जुड़ी सेंटम इलेक्ट्रॉनिक्स के स्टॉक में 11% की तेजी आई है।
  • सैटेलाइड कम्युनिकेशन से जुड़ी कंपनी एवेंटेल के शेयर 12 फीसदी तक बढ़े हैं।
  • विक्रम लैंडर बनाने वाली हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स के शेयर की कीमत एक दिन में ही 3.5 फीसदी बढ़ गई।
  • चंद्रयान के लॉन्च से जुड़े रॉकेट के बूस्टर से जु़ड़ी एलएंडटी एक दिन में 1.47 फीसदी बढ़ा।
  • चंद्रयान के इंजन बनाने से जुडी एमटीएआर के शेयर की कीमत करीब 5.14 फीसदी बढ़ी है।
  • चंद्रयान के लिए बाईमेटेलिक एडेप्टर मुहैया कराने वाली भेल के शेयर चंद्रयान लॉन्च होने के बाद से 11.52 फीसदी चढ़े।
  • गोदरेज एयरोस्पेस 12.62% बढ़ा है। इसने थ्रस्टर व इंजन से जुड़े उपकरण मुहैया कराए।

एयरोस्पेस की इन कंपनियों को लाभ

चंद्रयान-3 से सीधे तौर पर नहीं जुड़े होने के बाद भी एयरोस्पेस व डिफेंस के क्षेत्र में काम करने वाली कई कंपनियों को चंद्रयान-3 से जुड़ी कंपनियों में आई तेजी का लाभ मिला है। इनमें पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक के शेयर की कीमत 5.47 फीसदी बढ़ी है। इसके अलावा भारत फोर्ज, एस्ट्रा माइक्रोवेव, स्टॉक्स बॉक्स के विश्लेषक रिचेज वैनारा के मुताबिक चंद्रयान-3 के लॉन्च के बाद से ही निवेशकों में एयरोस्पेस व डिफेंस क्षेत्र की कंपनियों के शेयर खरीदने में खासी रुचि देखी जा रही है। एक अनुमान के मुताबिक आने वाले कुछ ही वर्षों में स्पेस ट्यूरिज्म कई लाख करोड़ रुपये का उद्योग बन जाएगा। इसका सबसे ज्यादा लाभ स्पेस और डिफेंस से जुड़ी कंपनियों को मिलेगा।(एएमएपी)