बी20 समिट में बोले टाटा संस के प्रमुख।
आने वाले 10 वर्षों में औसतन 7% की विकास दर हासिल करने की राह पर भारत
टाटा समूह के मुखिया ने कहा कि भारत आने वाले दस वर्षों में औसतन सात प्रतिशत सालाना की विकास दर हासिल करने की राह पर है। हमारा देश वैश्विक वैल्यू चेन में प्रमुख भूमिका निभाने की स्थिति में है। उन्होंने कहा कि भारत के पास फिलहाल कई ऐसी विशेषताएं हैं जो उसके पक्ष में काम कर रहीं हैं। चंद्रशेखरन ने कहा कि विशेष रूप से उस सप्ताह के दौरान सभा को संबोधित करना एक “बड़ा सौभाग्य” है, जब भारत ने चंद्रमा पर एक अंतरिक्ष यान की सफलतापूर्वक सॉफ्ट-लैंडिंग की।
आकांक्षा के प्रतीक से उपलब्धि का प्रतीक बना चंद्रमा
उन्होंने कहा कि चंद्रमा लंबे समय से आकांक्षा का प्रतीक रहा है। जब हम असंभव के लिए प्रयास करना चाहते हैं हम कहते हैं कि चंद्रमा की ओर निशाना साधें। सहस्राब्दियों से भारत के महानतम कवियों ने चंद्रमा पर ध्यान केंद्रित किया और हमारे और चंद्रमा के बीच अथाह दूरी पर आश्चर्य व्यक्त किया है। चंद्रशेखरन ने आगे कहा कि लेकिन आज हम चांद को एक नई रोशनी में देखते हैं। पिछले हफ्ते, लाखों भारतीयों और दुनिया भर के लोगों ने टेलीविजन या ऑनलाइन लैंडिंग देखी। उनके लिए चंद्रमा आकांक्षा के प्रतीक से उपलब्धि के प्रतीक में बदल गया है। उन्होंने कहा, ‘हर रात ऊपर की ओर एक साधारण सी नजर इस बात की याद दिलाती है कि एक राष्ट्र के रूप में हमने क्या हासिल किया है और हम भविष्य में क्या हासिल करने में सक्षम हैं।
एआई से भारत में और ज्यादा रोजगार सृजित होंगे
बी20 इंडिया के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा कि कृत्रिम मेधा (एआई) से भारत में अधिक रोजगार सृजित होंगे क्योंकि इससे कम कौशल या बिना कौशल वाले अधिक लोग उच्च स्तर की नौकरियों में सक्षम होंगे। टाटा संस के चेयरमैन चंद्रशेखरन ने यहां बी20 शिखर सम्मेलन भारत 2023 में एक पैनल चर्चा में कहा कि भारत ने तकनीकी-कानूनी दृष्टिकोण अपनाकर डेटा गोपनीयता और संरक्षण की दिशा में ‘शानदार सफलता’ हासिल की है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के आगमन के साथ गोपनीयता और नौकरियों पर चिंताओं को दूर करने का प्रयास करते हुए, उन्होंने कहा कि वास्तव में हमारे जैसे देश में, यह (एआई) नौकरियां पैदा करेगा क्योंकि यह लोगों को थोड़े कौशल या बिना कौशल के सशक्त करेगा, उन्हें सूचना कौशल के साथ सशक्त करेगा ताकि वे उच्च स्तर की नौकरियों का प्रदर्शन कर सकें।(एएमएपी)