अपनी सेना को मजबूत करने में मदद के लिए केन्या ने क्रेडिट लाइन बढ़ाने को कहा।
केन्याई प्रतिनिधिमंडल ने गोवा, बेंगलुरु में शिपयार्ड और रक्षा उद्योगों का दौरा किया।
दौरे पर आए केन्याई प्रतिनिधिमंडल ने अपनी सेना के लिए सशस्त्र हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर ‘प्रचंड’ के साथ-साथ छोटे हथियार, तोपखाना बंदूकें खरीदने में रुचि दिखाई है। केन्या के रक्षा सचिव ने कहा कि उनकी सरकार केन्याई नौसेना के लिए नौसैनिक जहाजों के संयुक्त डिजाइन और विकास में संभावित सहयोग पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, अभी तक केन्या अपनी नौसेना के लिए किस श्रेणी के नौसैनिक जहाजों पर विचार कर रहा है, इसके बारे में कोई स्पष्टता नहीं है। डुएले ने उन क्षेत्रों पर प्रकाश डालते हुए भारतीय रक्षा उद्योग के बढ़ते ‘कौशल’ को सराहा, जिसमें यह केन्याई बलों की आवश्यकताओं का समर्थन कर सकता है।
भारत और केन्या के बीच यह वार्ता ऐसे समय में हो रही है, जब भारत रक्षा और सुरक्षा मामलों पर जोर देते हुए कई अफ्रीकी देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने के प्रयास कर रहा है। दोनों देशों ने पहली संयुक्त रक्षा सहयोग समिति (जेडीसीसी) की बैठक फरवरी 2019 में भारत में की थी। भारत ने लखनऊ में डेफएक्सपो-2020 में पहली बार भारत-अफ्रीका रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन की मेजबानी की, जो रक्षा संबंधों को मजबूत करने और भारत और अफ्रीकी देशों के बीच सैन्य-से-सैन्य सहयोग के ढांचे को मजबूत करने पर केंद्रित था।
भारत-केन्या की दूसरी जेडीसीसी की बैठक 8-9 नवंबर 2022 को नैरोबी में आयोजित की गई थी। इसके बाद उस वर्ष 10-11 नवंबर को पहली बार भारत-केन्या रक्षा निर्यात सेमिनार हुआ। इसके बाद अप्रैल 2023 में भारत ने पुणे में भारत-अफ्रीका सेना प्रमुखों के सम्मेलन में अफ्रीकी संघ के 42 देशों को लगभग 14 बिलियन डॉलर की ऋण सुविधा प्रदान की। अब फिर भारत-केन्या के मजबूत होते रक्षा संबंधों के बीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने नैरोबी की क्रेडिट लाइन बढ़ाने के लिए समर्थन का वादा किया है।(एएमएपी)



