पाकिस्तान में नियमानुसार सदन भंग होने के 90 दिन के भीतर चुनाव पर अमल संभव नहीं है। पाकिस्तान निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को राजनीतिक दलों के साथ बैठक में साफ किया कि नई जनगणना के आधार पर अगले साल फरवरी तक आम चुनाव हो जाएंगे।पाकिस्तान में शहबाज शरीफ सरकार का कार्यकाल अगस्त में समाप्त होने के बाद 90 दिन के भीतर यानी नवंबर के दूसरे सप्ताह तक चुनाव हो जाने चाहिए थे। गुरुवार को निर्वाचन आयोग ने साफ किया कि चुनाव नवंबर तक तो नहीं हो पाएंगे। हां, यह आश्वासन जरूर दिया है कि जनवरी के अंत या फरवरी के मध्य तक चुनाव हो जाएंगे। अवामी नेशनल पार्टी सहित कुछ राजनीतिक दलों के लोग गुरुवार को पाकिस्तान चुनाव आयोग से मिले। इस दौरान हुई बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान राजा ने फरवरी तक चुनाव कराने का आश्वासन दिया।

पाकिस्तान चुनाव आयोग ने नई जनगणना के आधार पर निर्वाचन क्षेत्रों का नए सिरे से परिसीमन करने का निर्णय लिया, जिससे आम चुनावों में देरी हुई है। चुनाव रोडमैप पर चर्चा के दौरान राजनीतिक दलों ने साफ कहा कि यदि 90 दिनों के भीतर चुनाव कराना संभव नहीं है, तो उन्हें चुनाव की तारीख और कार्यक्रम बताया जाए। पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) भी आगामी चुनावों को लेकर अनिश्चितता खत्म करने की मांग कर चुकी है। पाकिस्तान चुनाव आयोग ने बताया कि नए सिरे से परिसीमन में लगभग चार महीने लगेंगे, जिसका मतलब है कि देश में आम चुनाव प्रांतीय और राष्ट्रीय असेंबली के विघटन के 90 दिनों के भीतर नहीं हो सकते हैं।

चुनाव आयोग के अधिकारियों ने परिसीमन की समय-सीमा को यथासंभव कम करने का आश्वासन दिया और कहा कि यदि परिसीमन अभ्यास पहले पूरा हो गया, तो चुनाव जल्द ही हो सकते हैं, शायद जनवरी के अंत तक। उन्होंने जोर देकर कहा कि चुनाव आयोग किसी भी पक्ष के दबाव के आगे नहीं झुकेगा और चुनाव किसी भी हालत में फरवरी के मध्य से आगे नहीं बढ़ेंगे। चुनाव आयोग ने कहा कि पहले से घोषित परिसीमन कार्यक्रम के तहत प्रक्रिया 120 दिनों में (14 दिसंबर तक) पूरी की जानी हैं। उसके बाद ही चुनाव तिथियां घोषित होंगी।(एएमएपी)