सूर्य पर होने वाली विभिन्न घटनाओं की देगा जानकारी।
कहां जा रहा है आदित्य एल1
यह लगभग 63 मिनट की पीएसएलवी की ‘सबसे लंबी उड़ान’ होगी। इसरो के अनुसार, ‘आदित्य-एल1’ सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित वेधशाला है। अंतरिक्ष यान, 125 दिन में पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर की यात्रा करने के बाद लैग्रेंजियन बिंदु ‘एल1’ के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित होगा। यह वहीं से सूर्य पर होने वाली विभिन्न घटनाओं का अध्ययन करेगा। इसरो सूत्रों के मुताबिक, लॉन्च के बाद आदित्य-एल1 करीब 16 दिनों तक पृथ्वी की परिक्रमा करेगा। इन 16 दिनों में आदित्य सूर्य की ओर बढ़ने के लिए पांच चरणों में तेजी लाएगा। उसके बाद यह 110 दिनों तक सूर्य की ओर यात्रा करेगा और एक निश्चित दूरी पर खड़े होकर तारे का निरीक्षण करेगा। इस लैग्रेंज बिंदु पर, सूर्य और पृथ्वी के आकर्षण और प्रतिकर्षण बल एक साथ परस्पर क्रिया करते हैं। परिणामस्वरूप, कृत्रिम उपग्रह इस क्षेत्र में पहुंचने के बाद स्थिर रह सकते हैं। आदित्य-एल1 अंतरिक्ष के वातावरण, मौसम, उस पर सूर्य के प्रभाव को जानने का प्रयास करेगा।
क्या करेगा आदित्य एल1
आदित्य एल1 वाहन कुल सात पेलोड ले जाता है। इन्हें सूर्य की विभिन्न परतों का विस्तार से निरीक्षण करने के लिए डिजाइन किया गया है। ये पेलोड प्रकाशमंडल से लेकर क्रोमोस्फीयर या कोरोना जिसे सूर्य की सबसे बाहरी परत कहा जाता है, का निरीक्षण करेंगे। इसके अलावा, इससे वैज्ञानिकों को सौर तापन, सौर का उत्सर्जन, सौर तूफान जैसी हेलियोसेंट्रिक घटनाओं को समझने में भी मदद मिलेगी। आदित्य एल1 में दो मुख्य पेलोड हैं, विजिबल एमिशन लाइन कोरोनोग्राफी (वीईएलसी) और सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (एसयूआईटी)। लैग्रेंज बिंदु पर पहुंचने के बाद, वीईएलसी पेलोड प्रति दिन 1,440 छवियां भेजेगा। इसलिए इस पेलोड को आदित्य-एल1 के सबसे महत्वपूर्ण पेलोड में से एक माना जाता है। पिछले महीने 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ में सफलता प्राप्त कर भारत ऐसा कीर्तिमान रचने वाला दुनिया का पहला और अब तक का एकमात्र देश बन गया है।
पीएम मोदी ने बधाई
आदित्य-एल1 की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर इसरो के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई दी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा जारी रखी है। हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई। इसरो को भी भारत के पहले सौर मिशन आदित्य -एल1 के सफल प्रक्षेपण के लिए बधाई। संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए ब्रह्मांड की बेहतर समझ विकसित करने के लिए हमारे अथक वैज्ञानिक प्रयास जारी रहेंगे।(एएमएपी)