युद्धक क्षमता बढ़ाने के तरीकों के लिए 04-06 सितंबर तक होगा विचार-विमर्श।
सम्मेलन के दौरान रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट नौसेना कमांडरों को संबोधित करेंगे और उनके साथ बातचीत करेंगे। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान भी उपस्थित रहेंगे। यह सम्मेलन देश के समग्र आर्थिक विकास के लिए आवश्यक सुरक्षित समुद्री वातावरण के विकास की दिशा में कई अंतर-मंत्रालयी पहलों को आगे बढ़ाने के लिए वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ नौसेना कमांडरों की संस्थागत बातचीत का अवसर प्रदान करेगा। सम्मेलन में एनएसए, भारतीय सेना और भारतीय वायुसेना के प्रमुखों के साथ त्रि-सेवा तालमेल के मुद्दे पर विचार-विमर्श करने के साथ ही समुद्री बलों की तैयारी का आकलन किया जाएगा।

नौसेना के कमांडर विवेक मधवाल ने बताया कि पिछले छह महीनों के दौरान तीव्र परिचालन गति देखी गई है, क्योंकि भारतीय नौसेना का अभियान अटलांटिक से प्रशांत महासागर तक फैला हुआ है। भारतीय नौसेना के जहाज़ों ने ‘ऑपरेशन कावेरी’ के हिस्से के रूप में सूडान से भारतीय नागरिकों की निकासी की थी और ‘ऑपरेशन करुणा’ के दौरान चक्रवात मोचा के बाद म्यांमार में राहत एवं बचाव कार्य चलाया था। यह फोरम नौसेना की परिचालन तैयारियों की विस्तृत समीक्षा करेगा, जिसमें नौसेना के हथियारों, सेंसर के प्रदर्शन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि कमांडर 2047 तक पूर्ण ‘आत्मनिर्भरता’ हासिल करने की दृष्टि के अनुरूप ‘मेक इन इंडिया’ के माध्यम से स्वदेशीकरण को बढ़ाने पर नौसेना परियोजनाओं की भी समीक्षा करेंगे। सम्मेलन के मौके पर नौसेना के स्वदेशीकरण, नवाचार और तकनीकी पहल का प्रदर्शन करने की भी योजना बनाई गई है। साथ ही भारतीय नौसेना में पुरानी प्रथाओं की पहचान करने और उन्हें हटाने की दिशा में हुई प्रगति की भी समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना हिन्द महासागर और उसके बाहर अनिश्चित भू-रणनीतिक स्थितियों के कारण उभरने वाली सभी समुद्री सुरक्षा चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए तैयार है।(एएमएपी)



