उदयनिधि के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म पर दिये गये बयान पर बवाल मचा हुआ है। अब उदयनिधिन स्टालिन की मुश्किलें भी बढ़ सकती है। उनके इस बयान को लेकर दिल्ली पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाई गई है। हिंदू सेना ने इस मामले में दिल्ली पुलिस के कमिश्नर संजय अरोड़ा के पास अपनी शिकायत दी है। उदयनिधि स्टालिन के इस बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। सामाजिक कार्यकर्ता और सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल ने उदयनिधि पर भड़काऊ बयान देने का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है।
उदयनिधि ने कही ये बात
शनिवार को चेन्नई में एक कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय के खिलाफ और इसे खत्म करना चाहिए। उदयनिधि ने कहा था, ‘मुझे लगता है कि इन कॉन्फ्रेंस के आयोजक ने मुझे विशेष बात कहने का मौका दिया है। आपने इस कॉन्फ्रेंस का नाम सनातन उन्मूलन सम्मेलन रखा है। मैं इसकी प्रशंसा करता हूं।’ उन्होंने आगे कहा कि कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता है और उन्हें सिर्फ खत्म किया जाना चाहिए। हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते हैं। हमें इन्हें खत्म करना होगा। इसी तरह हमें सनातन को खत्म करना होगा। सनातन का विरोध करने की बजाए इसे खत्म किया जाना चाहिए। सनातन नाम संस्कृत से लिया गया है और यह समानता तथा सामाजिक न्याय के खिलाफ है।’
बयान पर अड़े उदयनिधि
उदयनिधि स्टालिन के इस बयान पर जब बवाल बढ़ा तब उन्होंने एक बार फिर अपनी बात रखी और सनातन धर्म को लेकर पूर्व में रखे गए अपने विचार पर ही कायम नजर आए। उदयनिधि स्टालिन ने कहा, ‘मैं पेरियार और अंबेडकर द्वारा लिखी गई बातों को दिखाने के लिए तैयार हूं। इन लोगों ने सनातन धर्म और इससे समाज पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों को लेकर गहर शोध किया था। मेरा मानना है कि जिस तरह कोविड-19, डेंगू और मलेरिया मच्छरों द्वारा फैलता है उसी तरह सनातन धर्म भी कई सामाजिक बुराइयों का कारक है।’

विश्व हिंदू परिषद ने बताया औपनिवेशिक मानसिकता
उदयनिधि के बयान पर विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ नेता विजय शंकर तिवारी की भी प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने स्टालिन के बयान की निंदा करते हुए कहा कि स्टालिन का बयान सनातन धर्म के खिलाफ है और यह और औपनिवेशिक मानसिकता है। एएनआई से बातचीत में वीएचपी नेता ने कहा कि ऐसे लोगों को अपनी औपनिवेशिक मानसिकता से बाहर आना चाहिए। सनात का मतलब होता है जो शाश्वत है और यह कई बरसों से मौजूद है और आगे भी अस्तित्व में रहेगा।
कांग्रेस ने स्टालिन के बयान से बनाई दूरी
कांग्रेस ने स्टालिन के इस बयान से खुद को अलग कर लिया है। तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद ने कहा कि नेताओं में हिंदुओं को गाली देने की होड़ मची है। 1000 सालों से सनातन धर्म को खत्म करने की कोशिश हो रही है। कोई इसे मिटा नहीं सका है। कांग्रेस पार्टी के नेता राशिद अल्वी ने कहा कि इस देश की पहचान है कि यहां सभी धर्मों का सम्मान होता है। हमारा संविधान धर्मनिरपेक्ष इसलिए है क्योंकि विभिन्न धर्मों के लोग यहां रहते हैं। लेकिन पिछले 9 सालों में बीजेपी ने धर्म का राजनीतिकरण किया है इसलिए कोई आकर धर्म को लेकर ऐसी बातें कहता है। जिसने यह सबकुछ कहा है वो गलत है लेकिन धर्म के राजनीतिकरण के लिए बीजेपी जिम्मेदार है।
बीजेपी ने की बयान की निंदा, कहा- हिंदू विरोधी चेहरा उजागर
उदयनिधि स्टालिन के बयान पर मचे हंगामे के बीच भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आई है। भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि एमके स्टालिन इंडिया गठबंधन के मजबूत स्तंभ हैं और उनके बेटे इस तरह का बयान दे रहे हैं। कांग्रेस और गठबंधन के अन्य सदस्यों को अपना स्टैंड साफ करना चाहिए। यह बयान दुर्भाग्यपूर्ण है और इसकी निंदा होनी चाहिए। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि एक बार फिर इंडिया गठबंधन के नेताओं का हिंदू विरोध चेहरा उजागर हुआ है। स्टालिन ने बीमारियों से सनातन धर्म की तुलना कर इसे खत्म करने की बात कही है। यह नरसंहार को आमंत्रण की तरह है। इससे उनकी मानसिकता का पता चलता है। यह मोहब्बत की दुकान है या फिर यह नफरत के भाईजान हैं? (एएमएपी)



