प्रमोद जोशी ।
सब कुछ ठीक रहा तो इस महीने के अंत या जनवरी की शुरुआत में देश की नियामक संस्था कोरोनावायरस टीके के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे देगी। देश में विभिन्न टीकों का परीक्षण अभी अंतिम चरण में चल रहा है। इसकी जानकारी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बुधवार को दी। उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार 4 नवम्बर को सर्वदलीय बैठक में भी इस बात की पुष्टि की कि भारत में वैक्सीन को मंजूरी मिलने वाली है। मोदी ने इस संभावना के पर्याप्त संकेत दिए कि कुछ ही हफ्तों बाद देश में टीका लगने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
गुलेरिया ने कहा कि आंकड़ों से पता चलता है कि अल्पावधि में टीका सुरक्षित है। उन्होंने कहा, ‘कई आंकड़े उपलब्ध हैं जो इसकी पुष्टि करते हैं कि टीका बेहद सुरक्षित है। टीके से संबंधित सुरक्षा और असर से किसी तरह का समझौता नहीं किया गया है। परीक्षण के दौरान तकरीबन 70 से 80 हजार स्वयंसेवकों को टीका लगाया गया है लेकिन अब तक कोई गंभीर प्रतिकूल प्रभाव नहीं दिखा है।’
रूस में अगले हफ्ते से टीका लगना शुरू
रूस दुनिया का पहला देश है जिसने इस साल अगस्त में कोरोनावायरस के टीके स्पूतनिक-5 के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। हालांकि तब तक स्पूतनिक के तीसरे चरण का परीक्षण भी पूरा नहीं हुआ था। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी सरकार को अगले हफ्ते से व्यापक स्तर पर देश में टीकाकरण शुरू करने का आदेश दिया है।
उधर, ब्रिटेन ने भी कोविड-19 टीके को मंजूरी दे दी है। उसने अमेरिका की दवा कंपनी फायज़र और जर्मनी की बायोएनटेक द्वारा विकसित टीके को आपात लाइसेंस दिया है। ब्रिटेन को अगले कुछ दिनों में 8 लाख खुराक की आपूर्ति की जा सकती है।
निजी क्षेत्र की तैयारी
देश में निजी क्षेत्र के स्वास्थ्य सेवा प्रदाता वर्ष 2021 के लिए योजनाबद्ध देशव्यापी कोविड-19 प्रतिरक्षण अभियान में भाग लेने के लिए तैयार हो रहे हैं। एक तरफ, सरकार ने अस्पतालों एवं प्रयोगशालाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले उद्योग निकायों से बातचीत की है तो वहीं, उद्योग अपनी ओर से टीकाकरण के लिए रोडमैप का मसौदा तैयार कर रहे हैं। उद्योग के सूत्रों के अनुसार सरकार पहले ही उनसे दो टेम्पलेट में संबंधित डेटा की मांग कर चुकी है जिसमें इस बात का विवरण होगा कि निजी क्षेत्र कितना मानव संसाधन जुटा सकते हैं, इसके लिए कितना सीएसआर फंड जुटाया जा सकता है, प्रत्येक दिन निजी क्षेत्र द्वारा कितना टीकाकरण कराया जा सकता है और वे कौन-कौन से क्षेत्रों को कवर कर सकते हैं। दूसरे टेम्पलेट में कोल्ड चेन लॉजिस्टिक्स संबंधी डेटा होगा, जैसे निजी क्षेत्र के पास किस तरह की प्रशीतन सुविधाएं हैं, वे किस तरह की भंडारण सुविधाएं दे सकते हैं आदि।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)