(07 सितंबर पर विशेष)
देश-दुनिया के इतिहास में 07 सितंबर की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। इस तारीख महत्व दिल से भी है। क्योंकि 07 सितंबर, 1896 को ही दुनिया में दिल की पहली सफल सर्जरी हुई थी। वाकया है कि जर्मनी के स्टेट हॉस्पिटल के डॉक्टर लुडविग रेन अपनी डेली ड्यूटी पर थे। सुबह चार बजे उनके पास एक पेशेंट विल्हम जस्टस को लाया गया। 22 साल के विल्हम को दिल में चाकू लगा था। घाव से इतना रक्त बह रहा था कि उसके पूरे कपड़े खून में रंग गए थे। उसकी धड़कन बहुत धीमी चल रही थी, चमड़ी का रंग फीका पड़ चुका था और सांस लेने में परेशानी हो रही थी।चाकू के घाव की वजह से खून बहना बंद नहीं हो रहा था। मरीज की जान खतरे में थी। डॉक्टर रेन ने फैसला लिया कि मरीज का ऑपरेशन करना पड़ेगा। डॉक्टर रेन ने विल्हम के घाव के पास 14 सेंटीमीटर लंबा चीरा लगाया। घाव में खून जमकर काला हो चुका था। डॉक्टर ने पेरिकार्डियम को उंगली से चेक किया। चाकू ने पेरिकार्डियम को चीरते हुए दिल को भी डैमेज कर दिया था। जैसे ही डॉक्टर ने उंगली से पेरिकार्डियम को दबाया, घाव स्पष्ट दिखने लगा और दबाव की वजह से खून भी बहने लगा। पेरिकार्डियम के भीतर दिल का घाव भी साफ-साफ दिखाई दे रहा था। डॉक्टर रेन ने दिल में तीन टांके लगाए तब जाकर खून निकलना बंद हुआ।
अगले दो हफ्तों तक डॉक्टर रेन ने मरीज को अपनी निगरानी में रखा। मरीज की हालत में धीरे-धीरे सुधार होने लगा और उसे हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई। हालांकि, 10 जुलाई 1893 को शिकागो के डॉक्टर डैनियल विलियम्स ने भी इसी तरह का एक ऑपरेशन किया था। 10 जुलाई की रात उनके पास एक पेशेंट को लाया गया जिसे सीने में चाकू लगा था। डैनियल विलियम्स ने उस शख्स का ऑपरेशन किया, लेकिन डैनियल ने पेशेंट के दिल में टांके नहीं लगाए थे। इस वजह से इसे पहली हार्ट सर्जरी नहीं माना जाता। इसके बाद अलग-अलग सर्जन ने दिल की सर्जरी की थी, लेकिन ऑपरेशन के कुछ दिनों बाद ही पेशेंट की मौत हो गई। डॉक्टर रेन के ऑपरेशन को दुनिया की पहली सफल हार्ट सर्जरी माना जाता है।(एएमएपी)