13 हजार करोड़ के बजट से विश्वकर्मा योजना की होगी शुरुआत।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 17 सितंबर को जन्मदिन है । इस अवसर पर भारत सरकार देश के नागरिकों को नया तोहफा देने जा रही है।  इस खास दिन के मौके पर पीएम मोदी गरीब तबके के लोगों को यह तोहफा देंगे। पीएम मोदी 13 हजार करोड़ के बजट से विश्वकर्मा योजना की शुरुआत करने जा रहे हैं।  मोदी कैबिनेट से इसको पहले ही मंजूरी दे चुकी है। साथ ही पीएम ई-बस सेवा को भी मंजूरी दी गई है। पीएम मोदी ने लाल किले से 15 अगस्त को इसका ऐलान किया था।

यह है योजना

विश्वकर्मा योजना के तहत ग्रामीण पारंपरिक रोजगार को बढ़ावा और मदद दी जाएगी। उसे नई तकनीक से जोड़ा जाएगा। इसके लिए सरकार चर्मकार, राज मिस्त्री, सुनार, दर्जी, औजार बनाने वाले, मूर्तिकार, जाल बनाने वाले आदि परंपरागत पेशेवरों की आर्थिक रुप से सहायता करेगी। इससे ग्रामीण आर्थिक व्यवस्था को भी मदद मिलेगी। सितंबर महीने से 13,000 करोड़ रुपये की इस योजना की शुरुआत होगी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस योजना की जानकारी देते हुए बताया, ‘गांव, कस्बे और छोटे शहरों में जो लोग कई पीढ़ियों से काम करते आए हैं, इनका ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आज भी काफी महत्व है। ग्रामीण क्षेत्रों में पारंपरिक तरीके से जो काम करते आ रहे हैं, उनको इससे काफी फायदा होगा।’

कौशल को बढ़ावा देना और नई तकनीक का इस्तेमाल

प्रधानमंत्री के इस योजना का मुख्य उद्देश्य कौशल को बढ़ावा देना और नई तकनीक का इस्तेमाल करना है। इसके साथ ही इसमें दो तरह के कौशल प्रोग्राम भी रखा जाएगा, एक बेसिक और एक एडवांस। इस प्रोग्राम में शामिल होने वालों को 15 हजार रुपए का प्रति माह स्टाइपेन यानि सहारा दिया जाएगा। क्रेडिट सपोर्ट के तहत विश्वकर्मा समाज के लोगों को एक लाख रुपए तक का लोन दिया जाएगा। ज्यादा से ज्यादा 5 फीसदी इंट्रेस्ट रेट पर मिलेगा। बिजनेस बढ़ाने के बाद फिर 2 लाख रुपए का क्रेडिट सपोर्ट दिया जाएगा।

आयुष्मान भव कार्यक्रम

इसके साथ ही स्‍वास्‍थ्‍य से संबंधित वह एक अन्‍य कार्य भी करने जा रहे हैं। इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि केंद्र इस अवसर पर आयुष्मान भव कार्यक्रम शुरू करेगा, ताकि अंतिम छोर तक के लोगों सहित हर इच्छित लाभार्थी तक सभी राज्य-संचालित स्वास्थ्य योजनाओं की इष्टतम डिलीवरी सुनिश्चित की जा सके। कार्यक्रम के दौरान शिविर लगाए जाएंगे और 60,000 लोगों को आयुष्मान भारत कार्ड दिए जाएंगे।

मंडाविया ने कहा, “इस वर्ष पीएम मोदी के जन्मदिन के अवसर पर हम अंतिम व्यक्ति सहित प्रत्येक इच्छित लाभार्थी तक सभी राज्य-संचालित स्वास्थ्य योजनाओं की इष्टतम डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए ‘आयुष्मान भव’ कार्यक्रम शुरू करेंगे। कैंप लगाएंगे, 60 हजार लोगों को आयुष्मान भारत कार्ड देंगे. आने वाले दिनों में हम स्वास्थ्य सेवाओं और कार्यक्रमों की बेहतर संतृप्ति के लिए इस कार्यक्रम को और अधिक बार चलाएंगे।”

पिछले साल तपेदिक को खत्म करने का रखा था लक्ष्य

मंडाविया ने बताया कि पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तपेदिक को खत्म करने के लक्ष्य को सामने रख कार्य आरंभ किया और अपना जन्‍मदिवस मनाया था। जिसमें यह साफ किया गया कि दुनिया का क्षय रोग (टीबी) को खत्म करने का लक्ष्य 2030 है लेकिन भारत का लक्ष्य 2025 के अंत तक टीबी को खत्म करना है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष लगभग 70,000 लोग नि-क्षय मित्र बने और टीबी रोगियों को अपनाया जो अब बढ़कर एक लाख हो गया है। यह गैर सरकारी संगठनों, व्यक्तिगत लोगों, राजनीतिक दलों और कॉर्पोरेट क्षेत्र के रूप में है।

हर महीने एक पोषक तत्व बांटी जा रही किट

स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने कहा कि हर महीने एक पोषक तत्व किट दी जा रही है और उन रोगियों को हर संभव सहायता दी जा रही है, हमें विश्वास है कि ‘लोक भागीदारी’ की मदद से देश से टीबी को खत्म किया जाएगा। पिछले साल भारतीय जनता पार्टी ने देश को टीबी मुक्त बनाने के लिए एक साल का कार्यक्रम चलाया जिसके तहत हर कोई एक टीबी मरीज को गोद लेगा और एक साल तक उनकी देखभाल करेगा। उल्‍लेखनीय है कि पीएम मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के वडनगर में हुआ था, जो उत्तरी गुजरात के मेहसाणा जिले का एक छोटा सा शहर है।(एएमएपी)