केरल में संक्रमण को रोकने के लिए युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है। कई इलाकों में लॉकडाउन जैसे हालात हैं। निपाह से बचाव के लिए राज्य सरकार ने कंटेनमेंट जोन बनाए हैं, 706 ऐसे लोगों की सूची तैयार की गई है, जो संक्रमितों के संपर्क में आए हैं। इनमें से 77 लोगों को ‘हाई रिस्क कैटेगरी’ में रखा गया है। केरल सरकार ने निपाह वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कोझिकोड में स्कूलों और कॉलेजों की छुट्टियां 16 सितंबर (शनिवार) तक बढ़ा दी हैं।
कोझिकोड में लौटी पाबंदियां
कोझिकोड के जिला अधिकारी ए गीता ने सात पंचायतों में सभी शिक्षण संस्थान, आंगनबाड़ी केंद्र, बैंक और सरकारी संस्थानों को बंद रखने का आदेश दिया है। सुबह सात से शाम पांच बजे तक सिर्फ दवाइयां और जरूरी चीजों की दुकानें ही खोलने की इजाजत है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जार्ज ने कहा कि केरल में मिला वायरस का प्रकार बांग्लादेश वैरियंट है, जो मानव से मानव में फैलता है।
कर्नाटक और तमिलनाडु भी अलर्ट पर
केरल में निपाह वायरस के मद्देनजर पड़ोसी राज्य कर्नाटक और तमिलनाडु ने इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सीमावर्ती जिलों में सतर्कता बढ़ा दी है। कर्नाटक सरकार ने दक्षिण कन्नड़ और पड़ोसी राज्य की सीमा से लगे जिलों के अधिकारियों को बुखार निगरानी मजबूत करने का निर्देश दिया है। कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग ने कथित तौर पर राज्य पुलिस से जिलों में प्रवेश करने वाले मालवाहक वाहनों का निरीक्षण करने और फलों की भी जांच करने को कहा है। इसके अलावा, अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को तुरंत बुखार सर्वेक्षण करने के लिए कहा गया है।
कर्नाटक सरकार ने कहा है कि जिन लोगों ने कोझिकोड की यात्रा की है और उन्हें बुखार भी है या वे निपाह संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आए हैं, उन्हें संक्रमण के प्रति संभावित रूप से संवेदनशील माना जाएगा। सिर्फ कर्नाटक ही नहीं, तमिलनाडु ने भी केरल के साथ सीमा साझा करने वाले जिलों में अलर्ट जारी कर दिया। तमिलनाडु ने पुलिस को केरल से आने वाले यात्रियों पर नजर रखने का निर्देश दिया है।(एएमएपी)