वैश्विक अर्थव्यवस्था में गिरावट के संकेत।
भारतीय जीडीपी विकास के रास्ते पर सबसे तेज गति से बढ़ रही है, दूसरी ओर वैश्विक अर्थव्यवस्था में लगातार गिरावट के संकेत नजर आ रहे हैं। 2023 और 2024 में भी भारत सबसे तेज रफ्तार से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा। इस अवधि में खुदरा महंगाई भी जी-20 देशों से कम रहेगी। खास बात है कि यह आरबीआई के 6% फीसदी के संतोषजनक दायरे में रहेगी।
वैश्विक जीडीपी की गति 3% रहने का अनुमान
आर्थिक विकास एवं सहयोग संगठन (ओईसीडी) की मंगलवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की विकास दर 2023 में 6.3 फीसदी व 2024 में 6 फीसदी रहने का अनुमान है। यह दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले सबसे ज्यादा है। इस अवधि में वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर क्रमश: 3 फीसदी और 2.7 फीसदी रहने का अनुमान है। जी-20 में शामिल विकसित देशों की अर्थव्यवस्थाओं की रफ्तार 2023 में 1.5 फीसदी और 2024 में 1.2 फीसदी रह सकती है।भारत के बाद चीन की वृद्धि दर सर्वाधिक
रिपोर्ट के अनुसार चीन की 2023 में 5.1 प्रतिशत वृद्धि दर है, जो 2024 में 4.6 प्रतिशत होने का अनुमान है। इसी तरह इंडोनेशिया की 2023 में 4.9 प्रतिशत और 2024 में 5.2 प्रतिशत, तुर्किये की 2023 में 4.3 प्रतिशत और 2024 में 2.6 प्रतिशत, मैक्सिको की 3.3 प्रतिशत और 2024 में 2.5 प्रतिशत, ब्राजील की 2023 में 3.2 प्रतिशत और 2024 में 1.7 प्रतिशत, जी-20 की 2023 में 3.1 प्रतिशत और 2024 में 2.7 प्रतिशत, स्पेन की 2023 में 2.3 प्रतिशत और 2024 में 1.9 प्रतिशत, अमेरिका की 2023 में 2.2 प्रतिशत और 2024 में 1.3( प्रतिशत, सऊदी अरब की 2023 में 1.9 प्रतिशत और 2024 में 3.1 प्रतिशत और जापान की 2023 में 1.8 प्रतिशत और 1.0 प्रतिशत रहने का अनुमान है। जर्मनी व अर्जेंटीना में विकास दर नकारात्मक रहने का अनुमान है।
मुद्रास्फीति काबू होने तक उच्च ब्याज दर जरूरी
ओईसीडी ने कहा, दुनिया में आर्थिक तनाव और संरक्षणवाद के तेजी से दिखाई देने वाले संकेतों के बावजूद केंद्रीय बैंकों को महंगाई नियंत्रित होने तक ब्याज दरों को वर्तमान स्तर से उच्च स्तर पर रखना चाहिए। संगठन की मुख्य अर्थशास्त्री क्लेयर लोम्बार्डेल्ली ने कहा, मौद्रिक नीति को आसान बनाने पर विचार करने से पहले महंगाई को हराने में निरंतर प्रगति देखना आवश्यक है।
खुदरा महंगाई : इस साल 5.3% रहने का अनुमान
ओईसीडी के मुताबिक, दुनियाभर में महंगाई धीरे-धीरे घट रही है। लेकिन, उच्च लागत की वजह से कई अर्थव्यवस्थाओं में मुख्य महंगाई (खुदरा महंगाई से खाद्य, पेय पदार्थ व ईंधन के दाम हटाकर) लगातार बनी हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में भारत में खुदरा महंगाई 5.3 फीसदी रह सकती है। 2024 में यह और घटकर 4.8 फीसदी रह जाएगी। इस दौरान जी-20 देशों में इसके क्रमश: 6 फीसदी और 4.8 फीसदी रहने का अनुमान है।
ब्रिटेन पर सबसे ज्यादा दबाव
ब्रिटेन में इस साल महंगाई सबसे ज्यादा 7.2 फीसदी रहेगी। 2024 में यह घटकर 2.9 फीसदी रह जाएगी। चीन में इसके क्रमश: 0.5% और 1.3% रहने का अनुमान है।(एएमएपी)