पीएम मोदी बोले- पूर्वांचल का चमकता सितारा बनेगा अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम।
भविष्य के भारत का एक प्रतीक बनेगा स्टेडियम
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि ये स्टेडियम केवल ईंट और कंक्रीट से बना एक मैदान नहीं बल्कि भविष्य के भारत का एक प्रतीक बनेगा। उन्होंने कहा कि जब खेल का बुनियादी ढांचा तैयार होता है, जब इतना बड़ा स्टेडियम बनता है तो खेल ही नहीं स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। काशी का ये अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम पूर्वांचल का चमकता सितारा बनेगा।
क्रिकेट के जरिए दुनिया भारत से जुड़ रही
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज क्रिकेट के जरिए दुनिया भारत से जुड़ रही है। नए-नए देश क्रिकेट खेलने के लिए आगे आ रहे हैं। जाहिर है कि आने वाले दिनों में क्रिकेट मैचों की संख्या बढ़ने वाली है। जब मैचों की संख्या बढ़ेगी तो नए स्टेडियमों की जरूरत भी पड़ेगी। तब बनारस का ये अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम इस डिमांड को पूरा करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, “काशी के सांसद के रूप में, मैं यहां पहला अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम बनाने में उनके समर्थन के लिए बीसीसीआई को धन्यवाद देना चाहता हूं।”
पूर्वांचल के युवाओं के लिए बनेगा वरदान
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भारत का पहला बहुस्तरीय खेल परिसर है जो दिव्यांगजनों की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है। ये स्टेडियम न सिर्फ वाराणसी बल्कि पूर्वांचल के युवाओं के लिए वरदान जैसा होगा। इस स्टेडियम के पूरा होने पर 30,000 से ज्यादा लोग यहां बैठकर मैच देख पाएंगे। जबसे इस स्टेडियम की तस्वीरें बाहर आई हैं, उन्हें देखकर हर काशीवासी गदगद हो गया है।
काशी आने पर मिलती है अद्वितीय खुशी
प्रधानमंत्री ने कहा, “आज, मुझे वाराणसी आने का एक और मौका मिला। काशी आने पर हमें जो खुशी मिलती है, वह अद्वितीय है। आज मैं एक ऐसे दिन काशी आया हूं, जब चंद्रमा के शिवशक्ति पॉइंट पर भारत के पहुंचने का एक महीना पूरा हो रहा है। एक शिवशक्ति का स्थान चंद्रमा पर है और दूसरा शिवशक्ति का स्थान यहां काशी में है।”
30,000 दर्शकों की होगी स्टेडियम की क्षमता
पीएम मोदी क्रिकेट स्टेडियम की आधारशिला रखी, जिसे लगभग 450 करोड़ रुपये की लागत से 30 एकड़ क्षेत्र में विकसित किया जा रहा है। इस स्टेडियम की वास्तुकला भगवान शिव से प्रेरणा लेती है, जिसमें अर्धचंद्राकार छत कवर, त्रिशूल के आकार की फ्लड लाइट और घाट की सीढ़ी की तरह बैठने की व्यवस्था के लिए डिजाइन बनाए गए हैं। स्टेडियम की क्षमता 30,000 दर्शकों की होगी।
केंद्रीय खेल बजट तीन गुना बढ़ाया गया
प्रधानमंत्री ने कहा कि खेलों में भारत को जो सफलता मिल रही है, वह खेलों के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव का प्रमाण है। सरकार हर स्तर पर खिलाड़ियों की मदद कर रही है। नौ वर्ष पहले की तुलना में इस वर्ष केंद्रीय खेल बजट तीन गुना बढ़ाया गया है। खेलो इंडिया प्रोग्राम के बजट में तो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 70 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि पहले सुसज्जित स्टेडियम केवल दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में मौजूद थे। हालांकि, अब दूरदराज के स्थानों में भी खिलाड़ियों को ये सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। अभी कुछ समय पहले ही वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में भारत ने इतिहास रचा है। इन गेम्स के इतिहास में पिछले कई दशकों में भारत ने कुल मिलाकर जितने पदक जीते थे, उससे ज्यादा पदक सिर्फ इस साल जीतकर दिखा दिए हैं।
देश के कोने-कोने में खेल प्रतिभाएं खोज रही सरकार
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, हमारे छोटे शहरों में टैलेंट है। इन्हें ज्यादा से ज्यादा मौके देने के लिए खेल इंडिया से देश के कोने कोने में टैलेंट की खोज हो रही है। उनके लिए सरकार हर कदम उठा रही है। आज यहां कई खिलाड़ी मौजूद हैं। इन लोगों ने स्पोर्ट्स में देश का नाम किया है। आज खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए अच्छे कोच और कोचिंग का होना बहुत जरूरी है। सरकार अच्छी कोचिंग की व्यवस्था भी कर रही है। जो खिलाड़ी बड़ी प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर आते हैं, उन्हें कोच बनने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। गांव-गांव में आधुनिक खेलों के लिए मौके दे रही है। अब देश के हर कोने में खिलाड़ियों को सुविधाएं देने की कोशिश हो रही है। खेलों इंडिया के तहत स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया जा रहा है। उसका लाभ बेटियों को होगा।(एएमएपी)