सेना की 06 कमानों को बारी-बारी से परेड करने का दिया जाएगा मौका।

सेना दिवस परेड का आयोजन बारी-बारी से सभी कमान के चयनित आयोजन स्थलों पर करने की योजना इसलिए भी है, ताकि देश की रक्षा में अहम भूमिका निभाने वाली सेना की विभिन्न कमानों पर भी ध्यान केंद्रित किया जा सके। वैसे भी सेना दिवस पर पूरा देश थल सेना की वीरता, अदम्य साहस और शौर्य की कुर्बानी की दास्तां को बयान करता है। जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। दिल्ली में सेना मुख्यालय के साथ-साथ देश के कोने-कोने में शक्ति प्रदर्शन के अन्य कार्यक्रम होंगे।
क्यों मनाया जाता है सेना दिवस
देश की आजादी के बाद लेफ्टिनेंट जनरल (बाद में फील्ड मार्शल) केएम करियप्पा 15 जनवरी 1949 को स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय सेना प्रमुख बने थे। उन्होंने इस दिन ब्रिटिश राज में भारतीय सेना के अंतिम अंग्रेज शीर्ष कमांडर जनरल रॉय फ्रांसिस बुचर से यह पदभार ग्रहण किया था। इसी दिन को याद करने के लिए हर साल 15 जनवरी को ‘सेना दिवस’ मनाया जाता है। केएम करियप्पा पहले ऐसे अधिकारी थे, जिन्हें फील्ड मार्शल की उपाधि दी गई थी। उन्होंने 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारतीय सेना का नेतृत्व किया था। इस दिन उन सभी बहादुर सेनानियों को सलामी भी दी जाती है, जिन्होंने कभी ना कभी अपने देश और लोगों की सलामती के लिए अपना सर्वोच्च न्योछावर कर दिया।(एएमएपी)



