इसी प्रकार से वर्ल्ड कप के लोएस्ट स्कोर की लिस्ट में कनाडा का नाम लगातार दो बार आता है। कनाडा की टीम 1979 के वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ महज 45 रन पर ढेर हो गई थी। यह उस वक्त वर्ल्ड कप का सबसे छोटा स्कोर भी था। 1999 तक यही वर्ल्ड कप का लोएस्ट स्कोर बना रहा। लेकिन 2003 में यह रिकॉर्ड टूट गया। कनाडा की टीम 2003 के वर्ल्ड कप में श्रीलंका के खिलाफ महज 36 रन पर ढेर हो गई। इस तरह कनाडा ने अपने ही खराब रिकॉर्ड को दोबारा दोहरा दिया।
एक रन से हार का पहला वाकया
दूसरा वाकया
वर्ल्ड कप में भारत के साथ एक रन से हार का दूसरा दर्दनाक वाकया 1992 में हुआ। एक मार्च 1992 को ब्रिस्बेन में हुए मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने 9 विकेट पर 237 रन बनाए। लेकिन जब भारत की बैटिंग आई, तब साथ में बारिश भी आ गई, जो भारतीय टीम पर भारी पड़ गई। भारतीय पारी के 17वें ओवर के दौरान बारिश आने के बाद टारगेट रिवाइज कर दिया गया। भारत को 47 ओवर में 236 रन का नया टारगेट मिला। यानी भारतीय पारी के ओवर 3 कम हुए लेकिन ऑस्ट्रेलिया का स्कोर सिर्फ दो रन कम किया गया। कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन की 93 रन की खूबसूरत पारी खेली। इसके बावजूद भारतीय टीम 47 ओवर में 234 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। ऑस्ट्रेलिया एक बार फिर एक रन से जीत गया।(एएमएपी)