एनआईए की जांच में का खुलासा, खेल से लेकर फिल्मों तक में लगा है पैसा।

राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने खालिस्तानी आतंकियों और गैंगस्टर के बीच के गठजोड़ के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर रही है। राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली एनसीआर, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में तकरीबन 50 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की है। जिसमें अनेक राज सामने आए हैं। इनमें सबसे अहम है कनाडा में रह रहे बड़े खालिस्तानी सरगनाओं और गैंगस्टरों के बीच पैसे के लेन-देन के बारे में राष्ट्रीय जांच (एनआईए) एजेंसी को पता चला है।  इन खालिस्तानी सरगनाओं ने भारत में जबरन वसूली और तस्करी से हासिल पैसे को न केवल भारत और कनाडा में हिंसक वारदातों को फंड करने में लगाया, बल्कि महंगी नौकाओं, फिल्में और यहाँ तक कि कैनेडियन प्रीमियर लीग में भी निवेश किया है।

कनाडा और थाईलैंड भेजी गई रकम

इसके अलावा गैंगस्टरों के वसूले गए पैसे को थाईलैंड के क्लबों और बार में भी निवेश किया गया। एन.आई.ए. ने 2019 से 2021 तक 13 मामलों की लिस्ट तैयार की है, जब गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने हवाला के जरिए  पांच लाख से 60 लाख रुपए तक की रकम कनाडा और थाईलैंड में भेजी। वसूली में लॉरिस बिश्नोई की भी भूमिका एन.आई.ए. ने कहा कि यह एक बड़े खालिस्तान गैंगस्टर गठजोड़ का हिस्सा हैं। यह दावा करते हुए कि कनाडा में गलत तरीके से कमाए गए धन का प्रबंधन करने वाले शख्स की पहचान सतबीर सिंह उर्फ सैम के रूप में की गई है।

एन.आई.ए. की चार्जशीट में कहा गया है कि सैम ने इस पैसे का एक हिस्सा कनाडा में महंगी नौकाएं खरीदने, फिल्मों को फाइन्स करने और कनाडाई प्रीमियर लीग के आयोजन में निवेश किया। इस समय जेल में बंद विश्नोई ने कबूल किया कि उसे कई मौकों पर सैम से धन भी मिला था। इसके साथ ही सामने आया है कि पाकिस्तान स्थित बब्बर खालसा इंटरनैशनल के सरगना धावा सिंह और हरविंदर सिंह रिदा भारत में अनुभवी शूटरों की तलाश कर रहे थे। इसी मौके पर लेरिस बिश्नोई गिरोह उनकी योजना में फिट साबित हुआ।

कई राज्‍यों में फैला हुआ है साम्राज्‍य

उसका सिंडिकेट कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैला हुआ है। जिसमें पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार और झारखंड शामिल हैं। कनाडा में गैंगस्टरों और खालिस्तानी तत्वों की गतिविधियों से परिचित एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ओटवा को लंडा बराड़, अर्शदीप सिंह उर्फ अडाला जैसे दो दर्जन से अधिक गैंगस्टर- खालिस्तान समर्थकों की हिरासत में लेने और भारत को सौंपने की जरूरत है।  जबरन वसूली, अवैध शराब, हथियारों की तस्करी का कारोबार देश की जांच एजेंसियां पहले ही साबित कर चुकी हैं कि विश्नोई ने अपने डिप्टी सतविंदरजीत सिंह उर्फ गोल्डी वराड़ के जरिए कनाडा की धरती से संचालित खालिस्तानी समूहों, विशेष रूप से बब्बर खालसा इंटरनैशनल (बी.के.आई.) के नेता लखबीर सिंह लंडा के साथ मिलकर काम किया।

जबरन वसूली, अवैध शराब, हथियारों की तस्करी का चल रहा था कारोबार

मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक मार्च में 14 व्यक्तियों के खिलाफ दायर एनआईए की चार्जशीट में कहा गया कि जबरन वसूली, अवैध शराब, हथियारों की तस्करी के कारोबार आदि के जरिए जुटाया गया पैसा कनाडा में सतविंदरजीत सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ और एक सतबीर सिंह उर्फ सैम को आगे के निवेश के लिए और साथ ही खालिस्तान तत्वों की कट्टरपंथी गतिविधियों की फंडिंग के लिए हवाला के जरिए कनाडा में भेजा गया था।

जारी है इन राज्‍यों में एनआईए की छापामारी

उल्‍लेखनीय है कि एनआईए आतंकियों, गैंगस्टर और ड्रग्स डीलर के बीच के गठजोड़ को खत्म करने के लिए लगातार कार्रवाई कर रही है। गौर करने वाली बात है कि कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद भारत और कनाडा के बीच लगातार संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं। अभी भी एनआईए की टीम पंजाब में सबसे अधिक ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। पंजाब में 30 ठिकानों पर एनआईए के टीम छापेमारी कर रही है, जबकि राजस्थान के 13 ठिकानों, हरियाणा में 4 ठिकानों, उत्तराखंड में 2, दिल्ली एनसीआर और यूपी में 1-1 ठिकानों पर एनआईए की टीम छापेमारी कर रही है।(एएमएपी)