आर्थिक गलियारे सीपीईसी में ऊर्जा- जल क्षेत्र में विस्तार से सीधा किया मना।
गौरतलब है जेसीसी, सीपीईसी का एक रणनीतिक निर्णय लेने वाला निकाय है। शहबाज सरकार की पहल पर इसकी वर्चुअल बैठक पिछले साल 27 अक्टूबर को हुई थी। इसमें कुछ प्रगति हुई थी। हालांकि, बैठक के मिनट्स पर नौ महीने बाद 31 जुलाई को हस्ताक्षर किए गए, जिसमें चीन के उप प्रधानमंत्री ही लीफेंग शामिल हुए थे। रोचक बात यह है कि पाकिस्तान द्वारा चीन से साझा किया गया फाइनल ड्राफ्ट और दोनों पक्षों द्वारा हस्ताक्षरित फाइनल मिनट्स में कई अंतर थे। 60 अरब डॉलर की सीपीईसी चीन के महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) की प्रमुख परियोजना है। जो बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह को चीन के शिंजियांग प्रांत से जोड़ता है।
आपको बतादें कि इससे पहले भी पाकिस्तान और चीन के बीच परियोजना को लेकर अंतर्विरोध की खबरें आती रही हैं। बलूचिस्तान के लोग सीपीईसी के विरुद्ध लगतार विरोध करते रहे हैं और चीनी सैनिकों को पाकिस्तान में काफी नुकसान पहुंचाया भी जा चुका है।(एएमएपी)