इलाज के मामले में एम्स फिर से अपने पुराने लेवल तक पहुंच गया और सर्जरी के मामले में नया रिकॉर्ड कायम किया है। 2022-23 में एम्स ने ओपीडी में 42 लाख मरीजों का इलाज किया, वहीं दो लाख 48 हजार सर्जरी की है, जो किसी भी एक साल में सबसे ज्यादा है। सबसे खास बात यह है कि एम्स ने डेथ रेट और इन्फेक्शन रेट में भारी कमी करने में कामयाबी हासिल की है, जो कहीं न कहीं मरीजों के हित में है।उल्‍लेखनीय है कि साल 2019-20 में एम्स ने ओपीडी में 44,14,490 मरीजों का इलाज किया था और इसमें से 2,68,144 का एडमिशन हुआ था। वहीं, 2,01,707 की सर्जरी की थी। ओपीडी में 44 लाख मरीजों के एक साल में इलाज का यह अब तक का रिकॉर्ड है। 2022-23 में एम्स ने 42,55,801 मरीजों का इलाज ओपीडी में किया। इसमें से 2,80,770 को एडमिट किया।

एडमिशन की संख्या भी अब तक की सबसे ज्यादा है। लेकिन इसमें से 2,48,826 की सर्जरी की गई, जो अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। मार्च 2020 में कोविड का प्रभाव शुरू हुआ था। उस साल 2020-21 में एम्स में सिर्फ 15,42,854 मरीजों को ही ओपीडी में इलाज मिल पाया था। इसलिए एडमिशन संख्या भी मात्र 1,40,962 हो पाई थी। इसका असर सर्जरी पर भी पड़ा था और सिर्फ 72,737 सर्जरी हुई थी।

देखा जाए तो एम्स में पिछले साल 2021-22 की तुलना में काफी सुधार हुआ है। यह सुधार सिर्फ सर्जरी में ही नहीं बल्कि मरीजों की इलाज भी बेहतर हुआ है और मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। संक्रमण दर की बात करें तो 1.2 प्रतिशत की कमी बहुत बड़ी सफलता कही जा सकती है। एक साल के अंदर इतनी कमी हुई है जिसकी वजह से डेथ रेट 2 प्रतिशत से कम होकर सीधे 1.6 प्रतिशत पर आ गया। (एएमएपी)