दिल्ली पुलिस के हाथ एक बड़ी कामयाबी लगी है। आतंकी सगंठन इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) से जुड़े एक संदिग्ध आतंकवादी शहनवाज उर्फ शाफी उज्जमा को गिरफ्तार किया गया है। स्पेशल सेल ने राजधानी दिल्‍ली में मौजूद उसके गुप्त ठिकाने से दबोच लिया। उज्जमा का नाम नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआई) की सूची में मोस्ट वॉटेंड आतंकियों में शामिल था। जिसकी एएनआई काफी समय से तलाश कर रही थी। शहनवाज काफी पढ़ा-लिखा है और उसके इरादे बेहद खतरनाक थे।

युवाओं को बना रहा था आतंकी

जानकारी के अनुसार दिल्‍ली पुलिस की स्पेशल सेल को जानकारी मिली थी कि शहनवाज साउथ ईस्ट दिल्ली में रह रहा है और युवाओं को आतंकी राह पर लाने की कोशिश में जुटा है। वह आईएसआईएस का स्लीपिंग सेल तैयार कर रहा था। गिरफ्तारी के बाद उसके ठिकाने से जिहादी सामग्री मिली। शहनवाज से पूछताछ के बाद उसके दो और सहयोगियों को पकड़ा है। सूत्रों के मुताबिक वह दिल्ली में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में था।

जांच में यह हुआ खुलासा

जांच में पता चला है कि 32 साल के शहनावज ने विश्वकर्मा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी (वीआईटी) पुणे से इंजीनियरिंग की डिग्री ली है। शहनवाज ने माइनिंग में इजीनियरिंग की है और बम बनाने का भी एक्सपर्ट है। पुणे से फरार होने के बाद दिल्ली में अपना ठिकाना बना लिया था। पिछले महीने एनआईए ने चार संदिग्ध आतंकियों की सूची जारी की थी जिसमें उसका भी नाम शामिल था। पुणे के ISIS (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया) मॉड्यूल से जुड़े इन आतंकियों पर 3 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया था। तीन अन्य तल्हा लियाकत खान (पुणे), रिजवान अब्दुल हाजी अली और अब्दुल्ला फैयाज शेख उर्फ डायपरवाला दोनों दिल्ली के रहने वाले हैं।

शहनवाज और दो अन्य मोहम्मद इमरान मोहम्मद यूनुस खान (23) और मोहम्मद यूनुस मोहम्मद यूकूब साकी (24) को 18 जुलाई को पुणे में गिरफ्तार किया गया था। ये एक दोपहिया वाहन को चोरी करने के प्रयास के बाद पकड़े गए थे। जब पुलिस उन्हें उनके घर पर तलाशी के लिए ले जा रही थी उस वक्त शहनवाज पुलिस की गाड़ी से कूदकर भागने में कामयाब हो गया था।

एसिड के अलावा कई तरह के केमिकल बरामद

खान और साकी से पूछताछ के बाद पुलिस को पता चला कि दोनों मध्य प्रदेश के रतलाम के हैं और मार्च 2022 में कार से विस्फोटक की बरामदगी के बाद राजस्थान में एक आतंकी केस में संलिप्तता का केस दर्ज हुआ था। उन पर 5 लाख रुपए का इनाम था। 22 जुलाई को महाराष्ट्र एटीएस ने जांच को अपने हाथ में लिया। जांच में पता चला कि खान और साकी ने कहा कि शहनवाज ने कोंढवा के पास बोपतघाट में एसिड छिपाकर रखा है। एजेंसी ने बम डिस्पोजल दस्ते के साथ मौके से एसिड के अलावा कई केमिकल बरामद किए । जिनका इस्तेमाल बम बनाने में होता है।

मोबाइल फोन से 500 जीबी खुफि‍या डेटा बरामद

एटीएस ने कुछ और सामान बरामद किए। लैपटॉप और मोबाइल फोन से 500 जीबी डेटा मिला जिनमें बम बनाने के तरीके से लेकर कई अहम स्थानों के गूगल इमेज मौजूद थे। जांच में पता चला कि विदेश में मौजूद एक हैंडलर ने शहनवाज को इमरान और यूनुस से फरवरी में मिलवाया था। उन्हें आतंकी हमले को अंजाम देने का टास्क सौंपा गया था। सूत्रों के मुताबिक, 10-15 दिन बाद शहनावज ने रिजवान नाम के एक शख्स को दिल्ली से बुलाया।

एजेंसी ने पाया कि गैंग कोल्हापुर, सांगली और सतारा भी गया था। एजेंसी ने उन जगहों पर भी जाकर पड़ताल की। दो और आरोपी अकीफ अतीक नाछन और जुल्फिकार अली बारोदावाला की ठाणे से गिरफ्तारी के बाद 8 अगस्त को केस एनआईए को सौंप दिया गया था। जांच के दौरान एनआईए को पता चला कि शहनवाज लगातार एक विदेशी हैंडलर के संपर्क में था, जिसने उसे आतंकी हमले का आदेश दिया था। शहनावाज की गिरफ्तारी के बाद अभी कई और राज सामने आएंगे।(एएमएपी)