एशियाई खेलों की कैनो डबल 1000 मीटर स्पर्धा।

कुछ अदभुत कहानियां भी यहां भारत के संदर्भ में देखने को मिली हैं । मसलन, घुड़सवारी ड्रेसेज टीम ने 41 साल बाद स्वर्ण पदक जीता और सिफ्त कौर समरा ने महिलाओं की 50 मीटर राइफल थ्री-पोजीशन में विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता। समरा ने निशानेबाजी पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। और एशियाड में पहली बार महिला क्रिकेट टीम की खिताबी जीत से क्रिकेट को एक वैश्विक खेल बनाने में काफी मदद मिलेगी।
चीन और दक्षिण कोरिया में आयोजित 2010 एवं 2014 के एशियाड में क्रिकेट खेला गया था, लेकिन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने इन खेलों में अपनी टीमें नहीं भेजी थीं। कुछ हैरतअंगेज लम्हें भी रहे। भारत की सुतीर्था मुखर्जी और अयहिका मुखर्जी की जोड़ी मेजबान चीन की चेन मेंग और यिडी वांग की विश्व चैंपियन जोड़ी को पछाड़ कर टेबल टेनिस के महिला युगल स्पर्धा के सेमीफाइनल में पहुंच गई और पुरुष हॉकी के लीग मैच में भारत ने पाकिस्तान को 10-2 से हरा दिया। अपने चिर प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ भारत की जीत का यह सबसे बड़ा अंतर है।
पदकों के मामले में, मेजबान चीन बाकियों से काफी आगे है। स्वर्ण पदकों की उसकी गिनती भारत के मुकाबले लगभग 10 गुना ज्यादा है। लेकिन ऐसा लगता है कि भारत के युवा सितारों ने बड़े मंच पर बेहतर ढंग से तालमेल बिठाना सीख लिया है और यह भविष्य के लिए एक अच्छा संकेत है। बैडमिंटन, स्क्वैश, टेनिस, गोल्फ, रोइंग और सेलिंग के सितारों ने अपने अच्छे प्रदर्शन से योगदान दिया है। और अगले कुछ दिन भी महत्वपूर्ण रहने वाले हैं।(एएमएपी)



