सिक्किम में ल्होनक झील के ऊपर बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक आयी बाढ़ के बाद मची तबाही में मरने वालों की संख्या शुक्रवार को बढ़कर 21 हो गयी। अधिकारियों ने बताया कि सेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के दल तीस्ता नदी के जलग्रहण क्षेत्र और उत्तर बंगाल के निचले हिस्से में तीसरे दिन भी लापता लोगों की तलाश में जुटे रहें।

इस संबंध में मुख्यमंत्री पी. एस. तमांग ने बताया कि बुरदांग इलाके से लापता हुए सेना के 23 जवानों में से सात के शव निचले इलाकों के विभिन्न हिस्सों से बरामद कर लिए गए हैं जबकि एक को बचा लिया गया तथा 15 लापता जवानों की तलाश जारी है। उत्तर सिक्किम में ल्होनक झील के ऊपर बुधवार सुबह बादल फटने से अचानक आयी बाढ़ के बाद 15 जवानों समेत कुल 103 लोग अब भी लापता हैं। तमांग का कहना है कि हमारी समर्पित टीमें इस आपदा से उत्पन्न तात्कालिक चिंताओं और चुनौतियों का समाधान करने के लिए दिन-रात काम कर रही हैं। मैं प्रशासन, स्थानीय अधिकारियों, सभी संगठनों और व्यक्तियों से एकजुटता और सहयोग की भावना से हाथ मिलाने का आग्रह करता हूं।

सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसएसडीएमए) ने अपने ताजा बुलेटिन में कहा कि अभी तक 2,411 लोगों को बचाया गया है और राहत शिविरों में ले जाया गया है जबकि 22,000 से ज्यादा लोग इस आपदा से प्रभावित हुए हैं। ल्होनक झील के ऊपर बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ के कारण भारी मात्रा में जल जमा हो गया और चुंगथांग बांध की ओर बह निकला। जल के तेज बहाव ने बिजली संयंत्र के बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया और निचले इलाकों में बसे शहरों और गांवों में बाढ़ आ गई।

वायुसेना की मदद से निकाले जा रहे संकटग्रस्‍त क्षेत्र से पर्यटक और स्‍थानीय लोग

पाठक ने बताया कि सिक्किम सरकार ने भारतीय सेना और वायुसेना से संपर्क स्थापित कर लाचेन, लाचुंग और चुंगथांग में फंसे लोगों को निकालने के लिए आवश्‍यक कार्यवाही आरंभ कर दी है । मौसम अनुकूल रहने पर आज यानी कि शुक्रवार को इस कार्य को पूरा कर लिया जाएगा। मुख्य सचिव ने बताया कि उत्तरी सिक्किम में फंसे लोगों को गंगटोक लाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में किसी भी आवश्यक खाद्य पदार्थों की कमी न हो, यह सुनिश्चित किया जा रहा है।

बड़े पैमाने पर लापता सैनिक और स्‍थानीय लोगों की खोज जारी

बाढ़ से राज्य में 13 पुल बह गए, जिसमें अकेले मंगन जिले के आठ पुल शामिल हैं। गंगटोक में तीन और नामची में दो पुल बह गए। आपदा में छह लोगों की गंगटोक में तथा चार-चार लोगों की मंगन और पाकयोंग में मौत हुई। घटना के बाद से कुल 103 नागरिक लापता हैं। उनमें से 59 पाकयोंग से, 22 गंगटोक से, 17 मंगन से और पांच नामची से लापता हैं। बाढ़ ने सबसे ज्यादा तबाही चुंगथांग शहर में मचायी है और उसके 80 फीसदी हिस्सों पर इसका असर पड़ा है। राज्य की जीवनरेखा माने जाने वाले एनएच-10 को कई स्थानों पर भारी नुकसान पहुंचा है। इस बीच, तीस्ता बैराज के समीप निचले इलाके में सेना के 15 लापता जवानों की तलाश जारी है।

इसके साथ ही एक रक्षा विज्ञप्ति द्वारा जानकारी दी गई है कि बुरदांग में घटनास्थल पर सेना के वाहनों को कीचड़ से बाहर निकाला गया। तलाश अभियान में श्वान दल और विशेष रडार का इस्तेमाल किया गया। उसने बताया कि सेना ने लाचेन, लाचिंग और चुंगथांग इलाकों में फंसे 1,471 पर्यटकों का पता लगाया है। उसने बताया कि शुक्रवार को मौसम में सुधार आने के कारण विभिन्न स्थानों पर फंसे पर्यटकों को हेलीकॉप्टर की मदद से निकाले जाने की संभावना है। विज्ञप्ति के अनुसार, सभी एजेंसियां नुकसान का आकलन करने और सड़क संपर्क बहाल करने की योजना बनाने के लिए सर्वेक्षण कर रही हैं। सिंगताम और बुरदांग के बीच सड़क संपर्क बहाल कर दिया गया है।उल्‍लेखनीय है कि सिक्किम के ऊपरी इलाकों में बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई और हिमनद झील में विस्फोट हो गया, जिससे चुंगथांग बांध से पानी छोड़ा गया और बुधवार सुबह तीस्ता नदी के जल स्तर में भारी वृद्धि हुई, जिससे हिमालयी राज्य में बड़े पैमाने पर तबाही हुई है। राज्य के मंगन, गंगटोक, पाकिम और नामची जिलों के विभिन्न स्थानों में प्रभावित लोगों के लिए राहत शिविर स्थापित किया गया है। सिक्किम को जोड़ने वाली एकमात्र राष्ट्रीय राजमार्ग 10 पूरी तरह से बंद होने से राज्य में ईंधन समेत खाद्य पदार्थां की कमी की संभावना बढ़ गई है। इस बीच राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग खाद्य पदार्थों और सब्जियों की कीमत को नियंत्रित करने के लिए पहल शुरू कर दी है।(एएमएपी)