देश-दुनिया के इतिहास में 08 अक्टूबर की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। इस तारीख का महत्व भारत की वायुसेना के लिए खास है। इस साल आठ अक्टूबर यानी कल रविवार को इसका 91वां स्थापना दिवस मनाया जाएगा।

भारतीय वायुसेना का ध्येय वाक्य नभः स्पर्शं दीप्तम् है। इसका अर्थ है आसमान का स्पर्श दीप्ति के साथ। यह आदर्श वाक्य भगवद गीता के ग्यारहवें अध्याय से लिया गया है। औपचारिक रूप से आठ अक्टूबर, 1932 को अपना अभियान शुरू करने वाली भारतीय वायुसेना ने गुजरे नौ दशकों में अभूतपूर्व उपलब्धि दर्ज की है। पहली बार वायुसेना ने एक अप्रैल 1933 को उड़ान भरी थी।

वायुसेना के पहले दस्ते में छह आरएएफ ट्रेंड ऑफिसर और 19 एयर सोल्जर शामिल थे। पहला अभियान वजीरिस्तान में कबाइलियों के खिलाफ था। दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान इसका विस्तार किया गया। इस दौरान वायुसेना को रॉयल इंडियन एयरफोर्स कहा जाता था।

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1950 में गणराज्य बनते ही रॉयल शब्द हटा दिया गया। भारतीय वायुसेना की जिम्मेदारी देश को सभी संभावित खतरों से बचाना है और साथ ही आपदाओं में राहत एवं बचाव कार्यों की भी है। वायुसेना कई युद्धों में शामिल रही है। वायुसेना का ध्वज, वायुसेना निशान से अलग नीले रंग का है। इसके पहले एक चौथाई भाग में राष्ट्रीय ध्वज बना हुआ है। बीच में राष्ट्रीय ध्वज के तीन रंगों से मिलकर एक गोला बना है।(एएमएपी)