हमास के आतंकी हमले के बाद इजरायल ने जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी है. हमास ने दावा किया है कि ईरान ने भी हमले में मदद की है. ईरान की ओर से भी बयान जारी करके 5,000 रॉकेट दागने के लिए हमास की तारीफ की गई और इसे ऐतिहासिक साहसिक कदम बताया है. जवाबी कार्रवाई में गाजा पट्टी पर इजरायल ने बमों की बौछार कर दी है. अब सवाल उठ रहा है कि मिडिल ईस्ट में अस्वाभाविक तौर पर तनाव की स्थिति तो नहीं बन जाएगी. ईरान के हमले में शामिल होने के बाद से ऐसी आशंका भी है कि सीधे तेहरान और इजरायल के बीच जंग शुरू हो सकती है. ईरान पर पहले ही अमेरिका समेत कई पश्चिमी देश सख्त पाबंदियां लगा चुके हैं. फिलहाल इजरायल और हमास के बीच संघर्ष जारी है.
हमास के प्रवक्ता गाजी हमाद ने बीबीसी को बताया है कि हमले के लिए समूह को ईरान से सीधा समर्थन मिला था. दूसरी ओर हमास की ओर से सीधे तौर पर अपील की गई है कि दुश्मन इजरायल को खत्म करने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोग मिलिट्री में शामिल हों और अपना योगदान दें. हमास के मिलिट्री कमांडर मोहम्मद दीफ ने हर जगह फिलिस्तीनियों से संगठन के ऑपरेशन में शामिल होने की अपील की है. इजरायल ने भी दो टूक ऐलान कर दिया है कि यह युद्ध है जिसे हर हाल में जीतना होगा.
हमास के हमलों की हो रही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आलोचना
फिलिस्तीनी राष्ट्रपति और हमास के प्रतिद्वंद्वी महमूद अब्बास ने कहा कि फिलिस्तीनी लोगों को उनके घरों और कब्जा करने वाले सैनिकों के आतंक के खिलाफ अपनी रक्षा करने का अधिकार है. अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने इस हमले की जोरदार शब्दों में निंदा की है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि मैं हैरान और स्तब्ध हूं जिस तरह से निर्दोष इजरायली नागरिकों को निशाना बनाया गया है. अमेरिका ने भी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है. पीएम नरेंद्र मोदी ने भी आतंकी हमले की जोरदार निंदा की और कहा कि संकट की इस घड़ी में भारत इजरायल के साथ है.
हमास के हमले में 300 इजरायली नागरिकों की हत्या
हमास ने शनिवार की सुबह 5,000 से ज्यादा रॉकेट दागे हैं और दोनों तरफ के संघर्ष में जान-माल का भारी नुकसान हुआ है. इजरायल के 300 मासूम नागरिकों के मारे जाने की खबर है और सैंकड़ों में लोगों को बंधक भी बनाया गया है. दूसरी ओर इजरायली सेना ने भी हमास के 17 ठिकानों को बर्बाद करने का दावा किया है. इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट कह दिया है कि देश युद्ध में है और इसे हम जीतेंगे. इजरायल के सभी पूर्व सैनिकों को भी रिजर्व में ड्यूटी पर बुला लिया गया है.
हमास और भारत
फिलिस्तीन में भारत कभी भी हमास का समर्थक नहीं रहा है. हालांकि, हमास गाजा में फतह सरकार के समानांतर सरकार चलाता है और गाजा की भौगोलिक स्थिति कई मायनों में महत्पूर्ण है.
AMU में पश्चिम एशिया स्टडी सेंटर के HOD, प्रोफेसर जावेद इकबाल कहते हैं कि “भारत का हमास के साथ प्रत्यक्ष रूप से कोई संबंध नहीं है, लेकिन भारत हमास के खिलाफ उतना खुलकर सामने नहीं आता जितना अमेरिका आता है. इसकी सबसे बड़ी वजह हमास का गाजा पर कब्जा है और गाजा व्यापारिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण भौगोलिक स्थिति पर है. क्योंकि, भूमध्य सागर के बिलकुल तट पर स्थित है. स्वेज नहर है जो भूमध्य सागर को रेड सागर से जोड़ती है, जो दुनिया का सबसे बिजी व्यापारिक मार्ग है.”
स्वेज नहर से वैश्विक समुद्री व्यापार का 10 फीसदी माल गुजरता है, इनमें ज्यादातर तेल और अनाज होता है. यह नहर एशिया और यूरोप को जोड़ने वाला शॉर्टकट रास्ता है. इसके अलावा दूसरा रास्ता अफ्रीका का चक्कर लगाकर केप ऑफ गुड होप के जरिए है, लेकिन उसके लिए जहाजों को अफ्रीका का चक्कर लगाना होता है और उसमें 12 दिन ज्यादा लगते हैं.(एएमएपी)