अमेरिका के बारे में कहा जाता है कि उसके लिए अपने एक नागरिक की भी बहुत अधिक कीमत है, यदि किसी को खरोंच भी बाती है तो उसका बदला मौत लेकर लेता है, लेकिन यूएस के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बताया है कि इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष में हमास आतंकवादियों द्वारा अमेरिका के 11 नागरिकों को मार दिया गया है । अमेरिकी राष्ट्रपति की घोषणा के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद द्वारा दिन में जारी किए गए एक बयान में अमेरिकियों की मौत की संख्या में दो लोगों की वृद्धि हुई है।
एफबीआई ने दी चेतावनी
एफबीआई ने लिखा कि ‘अभी तक उन्हें ऐसी कोई सूचना नहीं मिली है, जिसमें अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा को लेकर किसी खतरे की बात बताई गई हो लेकिन वह इस्राइल पर हमास के हमले और उसके बाद के हालात पर करीब से नजर रखे हुए हैं और कोई सूचना मिलने पर उसे तुरंत राज्य सरकारों, संघीय जांच एजेंसी और अंतरराष्ट्रीय जांच एजेंसियों के साथ साझा किया जाएगा। एफबीआई ने लिखा कि हम कड़ा रुख अपनाने से बिल्कुल भी नहीं झिझकेंगे और उचित कदम उठाएंगे।’
इस्राइल में मारे गए 11 अमेरिकी नागरिक
एफबीआई ने ये भी बताया कि इस्राइल में स्थित कानूनी एजेंसियों से जुड़े लोगों को निर्देश दिया गया है कि वह इस्राइल में अमेरिकी नागरिकों का पता लगाएं और उन्हें बचाएं। इस्राइल स्थित अमेरिकी अधिकारी और एफबीआई मिलकर काम कर रहे हैं और इस्राइल में मौजूद अमेरिकी लोगों को वहां से सुरक्षित निकाला जा रहा है। बता दें कि इस्राइल पर हमास के हमले में 11 अमेरिकी नागरिकों की मौत की खबर है। अमेरिका ने आशंका जताई है कि जिन लोगों को हमास के आतंकियों ने अगवा किया है, उनमें अमेरिकी नागरिक भी हो सकते हैं। एफबीआई और अन्य जांच एजेंसियां जांच में जुटी हैं।
इस्राइल का बदला बंधक बनाकर नागरिकों से लेंगे
इस्राइल और हमास में जारी लड़ाई में अब तक 1600 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 900 से ज्यादा लोग इस्राइल में और 700 के करीब गाजा पट्टी के इलाके में मारे गए हैं। इस लड़ाई में अभी तक 3000 के करीब लोग घायल भी हैं। वहीं इस्राइस के हमलों के बाद हमास ने धमकी दी है कि वह इस्राइल का बदला बंधक बनाए गए नागरिकों से लेगा और उनकी लाइव टीवी पर हत्या करेगा। वहीं इस्राइल ने लंबे समय तक युद्ध लड़ने की तैयारी कर ली है और करीब तीन लाख सैनिकों को आतंकियों से लड़ने से के लिए तैनात कर दिया है।
अमेरिकी सैनिक जा रहे हैं इजरायल, मारेंगे हमास के आतंकियों को
बिडेन ने अपने बयान में यह भी कहा कि अमेरिकी सरकार का मानना है कि हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों में अमेरिकियों के शामिल होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि प्रशासन खुफिया जानकारी साझा कर रहा है और बंधकों को रिहा करवाने की कोशिशों पर इजरायली समकक्षों के साथ परामर्श और सलाह के लिए अमेरिकी सरकार के विशेषज्ञों को तैनात कर रहा है। बिडेन ने यह सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता को दोहराया कि इजरायल के पास अपनी और अपने लोगों की रक्षा करने के लिए आवश्यक साधन मौजूद हैं। फिर भी ऐसी जंग की परिस्थितियों में अमेरिका इजरायल को आवश्यक सहायता उपलब्ध कराएगा। उन्होंने अमेरिकी सेना को इजरायल बॉर्डर पर भेजने के आदेश दे दिए हैं। अमेरिका का जंगी बेड़ा जैसे ही पहुंचेगा, गाजा पट्टी में हमास के ठिकानों पर एक साथ दर्जनों लड़ाकू विमानों से हवाई हमले किए जाएंगे ।
अमेरिका का सबसे एडवांस युद्धपोत भी पहुंच रहा इजरायल
अमेरिकी रॉष्ट्रपति ने यूएसएस गेराल्ड आर फोर्ड युद्धपोत को भी भेजने का फैसला किया है। ये अमेरिका का सबसे एडवांस युद्धपोत हैं, जिसमें न्यूक्लियर मिसाइल से लैस फाइटर प्लेन मौजूद रहते हैं, साथ ही इसमें कम से कम 5000 हजार अमेरिकी सैनिक की टुकड़ी रहती है। इस वॉर शिप की सबसे बड़ी खूबी ये है कि हर छह मिनट पर अपने दुश्मन के ठिकानों पर हवाई कर सकता है। मतलब युद्धपोत भेजने के पीछे अमेरिका का संदेश साफ है, अगर इस जंग में इजरायल के खिलाफ कोई और देश शामिल होता है, तो खौफनाक परिणाम भुगतने होंगे।
लेबनान के संगठन हिजबुल्लाह ने अमेरिका को दी धमकी
यूएस डिफेंस सेक्रेटरी लॉयड ऑस्टिन ने कहा- मदद के लिए हमारे जहाज और लड़ाकू विमान इजराइल की तरफ बढ़ रहे हैं। हमने यूएसएस जेराल्ड आर फोर्ड एयरक्राफ्ट कैरियर को अलर्ट कर दिया है। दूसरी ओर लेबनान के संगठन हिजबुल्लाह ने अमेरिका को धमकी दी। उसने कहा- अमेरिका ने अगर सीधे तौर पर जंग में दखल दिया तो वो मिडिल ईस्ट में अमेरिकी ठिकानों पर हमला कर देंगे। फिलिस्तीन यूक्रेन नहीं है। हमास ने दावा किया है कि उन्होंने 150 लोगों को अगवा किया है। इन्हें गाजा पट्टी में सुरंगों में रखा है। वह इन बंधकों का इस्तेमाल मानव ढाल के रूप में करेगा, ताकि इजराइल हमला करे तो उसके ही लोग मारे जाएं। इजराइल की डिफेंस फोर्स ने बताया है कि बंधकों में महिलाएं, बच्चे और परिवार शामिल हैं।
इजराइल में सात से आठ लोकेशन्स पर लड़ाई जारी
वहीं, टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के मुताबिक इजराइल में सात से आठ लोकेशन्स पर लड़ाई जारी है। इसमें उनके कई सैनिकों की मौत हुई है। जहां-जहां से हमास के लड़ाकों को बाहर निकाला जा रहा है वहां, इजराइलियों के शव मिल रहे हैं। टाइम्स ऑफ इजराइल की एक रिपोर्ट यह भी बता रही है कि मिस्र की ओर से बताया गया कि उसने ‘जंग’ के सिलसिले में इजराइल को चेताया था । मिस्र के इंटेलिजेंस अफसर का कहना है कि हमने इजराइल को ‘कुछ बड़ा’ होने की चेतावनी दी थी, लेकिन इजराइल ने इस पर ध्यान नहीं दिया। आपको बतादें कि मिस्र अक्सर इजराइल और हमास के बीच मध्यस्थता करवाता है। हालांकि शुरूआती दौर में मिस्र भी उन अरब देशों में शामिल था, जो इजराइल को अपना दुश्मन मानते हैं । मिस्र ने इजराइल के खिलाफ कई बार जंग भी लड़ी लेकिन 1973 की अरब-इजराइली जंग के सात साल बाद अंतत: मिस्र ने इजराइल को एक देश के रूप में मान्यता प्रदान कर दी थी। तब से वह इजराइल और फिलिस्तीन के बीच मध्यस्थता कराने वाले देश की भूमिका निभा रहा है।(एएमएपी)