हैवानियत भी इतनी की मानवता भी शर्मसार हो गई

 हमास और इजरायल के बीच लड़ाई जारी है। इन पिछले कुछ दिनों में हमास की बर्बरता के कई वीडियो सामने आए हैं।  कैसे इजरायल में आम लोगों को घरों में घुसकर लोगों को आतंकियों द्वारा मारा जा रहा है। कैसे घरों में घुसकर ये आतंकवादी आग लगा रहे हैं। कैसे इजरायली महिलाओं और पुरुषों को मारकर गाड़ी लेकर आतंकी भागे।  कैसे म्यूजिक फेस्टिवल में आतंकियों ने गोली बरसाकर रॉकेट दाकर निर्दोषों को मारा है और कैसे गोदी के हालिया जन्में बच्‍चे को मारने से लेकर थोड़े बड़े बच्‍चों को भी दर्दनाक मौत देने में हमास आतंकियों को मजा आया और दरिन्‍दगी की हद पार करते हुए उन्‍होंने हैवानियत दिखाई है, जैसे अनेक वीडियो आज सोशल मीडिया पर देखे जा सकते हैं । लेकिन इस सब के पीछे जो हमास का  मास्टरमाइंड है, उसके बारे में भी हमें जानना चाहिए।

दरअसल,  इस हमले का मास्टरमाइंड हमास की सैन्य शाखा का प्रमुख मोहम्मद डायफ है। डायफ ने इस हमले को ‘अल-अक्सा फ्लड’ नाम दिया था। इसमें हमास के गाजा प्रमुख येह्या सिनवार ने उसका साथ दिया। बताया जा रहा है कि 2021 में अल-अक्सा मस्जिद पर इजरायल के हमले के बाद से यह साजिश शुरू हुई थीं।  हमास के सूत्रों का कहना कि जेरूसलम स्थित इस्लाम के तीसरे सबसे पवित्र स्थल अल-अक्सा मस्जिद पर मई, 2021 में इजरायली बलों ने हमला किया था और इसके बाद ही डायफ ने इजरायल पर हमले की साजिश रचनी शुरू की।

सिनवार और डायफ ने मिलकर लिया था हमले का निर्णय

सूत्रों के अनुसार, हमले की तैयारी का निर्णय गाजा में हमास के नेता येह्या सिनवार के साथ हमास के अल-कसम ब्रिगेड की कमान संभालने वाले डायफ ने संयुक्त रूप से लिया था, लेकिन इसका मास्टरमाइंड डायफ ही था। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन के बारे में केवल मुट्ठी भर हमास नेताओं को ही जानकारी थी। इजरायल के कट्टर दुश्मन ईरान तक को इसकी सटीक और पूरी जानकारी नहीं थी। सूत्र ने कहा, “2 दिमाग हैं, लेकिन मास्टरमाइंड एक है।”

ईरान को थी महज किसी ऑपरेशन की तैयारी की जानकारी

ईरान को महज इतना पता था कि एक बड़े ऑपरेशन की तैयारी है, लेकिन इसके अलावा उसे और कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि ईरान, हमास, फिलिस्तीनी नेतृत्व और लेबनानी आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह से जुड़ी किसी भी बैठक में इस पर चर्चा नहीं की गई। इसके अलावा लंबे समय तक इजरायल को धोखे में रखा गया कि हमास उस पर हमला करने में दिलचस्पी नहीं रखता है, बल्कि गाजा में आर्थिक विकास पर उसका ध्यान है।

दो साल तक हमास के लड़ाकों ने छिपकर लिया प्रशिक्षण

जब इजरायल गाजा में विकास कार्य कर रहा था और श्रमिकों को आर्थिक प्रोत्साहन दे रहा था, तब इजरायली सेना से छिपकर डायफ अपने आतंकियों को प्रशिक्षित दे रहा था। हमास के बाहरी संबंधों के प्रमुख अली बराका ने कहा, “हमने इस लड़ाई के लिए 2 साल तक तैयारी की।” बराका ने बताया कि हमास ने कई बार इजरायल को चेताया था कि वो हमारे शहरों, गावों और इलाकों और फिलिस्तीन के लोगों पर हमला न करे।

इस लेडी डॉन ने कैसे किया हमास के आतंकियों का सफाया 

कौन है मोहम्मद डायफ?

डायफ का जन्म 1960 के दशन के दौरान गाजा में खान यूनिस शरणार्थी शिविर में हुआ था। तब उसका नाम मोहम्मद दीब इब्राहिम अल-मसरी था। डायफ ने गाजा के इस्लामिक विश्वविद्यालय में पढ़ाई की थी और तभी वो हमास से परिचित हुआ था। उसके चाचा और पिता 1950 के दशक में इजरायल के खिलाफ युद्ध में शामिल हुए थे। डायफ ने भी कई बार इजरायल के खिलाफ संघर्ष में हिस्सा लिया। 2002 में वो हमास का सैन्य प्रमुख बना था।
इजरायल सात बार कर चुका है डायफ को मारने की कोशिश
डायफ के पास सुरंगों के नेटवर्क और बम बनाने की विशेषज्ञता है, जिससे हमास को बढ़त मिली है। इसके कारण दशकों से वो इजरायल की वांटेड लिस्ट में है। उसे आत्मघाती बम विस्फोटों में दर्जनों इजरायलियों की मौत के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया गया है। इजरायल उसे सात बार मारने की कोशिश कर चुका है। 2014 में इजरायल ने एक घर को घेरा था, जिसमें उसकी पत्नी और 3 बच्चों की मौत हो गई थी।
20 साल पहले इजरायल की एक एयर स्ट्राइक में डायफ किसी से तरह बच गया था, लेकिन इसमें उसे अपनी एक आंख, एक हाथ और एक पैर खोना पड़ा था और तभी से वो व्हीलचेयर पर है। डायफ में अब पहले जैसी शारीरिक ताकत नहीं रही, लेकिन उसका दिमाग अब भी साजिशों को अंजाम दे रहा है। वो किसी भी तकनीक का सहारा नहीं लेता, इसलिए इजरायल उसे पकड़ नहीं पा रहा। उसकी केवल 3 ही तस्वीरें इंटरनेट पर हैं।

हमास नेता येह्या सिनवार

1962 में गाजा में पैदा हुए येह्या सिनवार 2017 से हमास की पोलित ब्यूरो का सदस्य है और गाजा पट्टी में उसका प्रमुख है। उसे पोलित ब्यूरो को हमास की सैन्य इकाई इज़्ज़ अल-दीन अल-कसम ब्रिगेड के साथ जोड़ने वाले मुख्य व्यक्तियों में से एक माना जाता है। सिनवार कई बार गिरफ्तार हुआ और कुल 24 साल उसने जेल में बिताए हैं। वह 2011 में इजरायली सैनिक गिलाद शालित के बदले रिहा हुआ था।

2002 में हमास का मिलिट्री विंग का चीफ बना था डायफ

मोहम्मद डायफ साल 2002 से हमास की सैन्य शाखा का प्रमुख है. हाल में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, डायफ का जन्म 1960 के दशक के दौरान गाजा में खान यूनिस शरणार्थी शिविर में हुआ था और उस वक्त उसका नाम मोहम्मद दीब इब्राहिम अल-मसरी था उस समय गाजा, मिस्र के नियंत्रण (1948 से 1967 तक) में था. इसके बाद साल 1967 से 2005 के बीच, यह इजरायली शासन के अधीन रहा. साल 2005 से 2007 तक यहां फिलस्तीन ने शासन किया. 2007 में तख्तापलट करने के बाद इस पर हमास ने अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया।

डायफ के पिता और चाचा भी लड़ चुके हैं जंग

एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक मोहम्मद डायफ के चाचा और पिता ने 1950 के दशक में सशस्त्र फिलिस्तीनियों द्वारा उसी क्षेत्र में की गई छापामार युद्ध में हिस्सा लिया था, जहां हमास के लड़ाकों ने शनिवार को इजरायल में घुसपैठ की थी. डायफ ने गाजा के इस्लामिक विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है। रिपोर्ट के मुताबिक हमास मिलिट्री विंग का चीफ कमांडर मोहम्मद डायफ जब 20 साल का था तो उसे फिलस्तीन के पहले इंतिफादा (विद्रोह) के समय इजरायल की सरकार ने जेल भेज दिया था. उस वक्त उसे इजरायली अधिकारियों ने आत्मघाती बम विस्फोटों में दर्जनों लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया था।

1996 में 50 इजरायली नागरिकों की मौत का जिम्मेदार

1996 में हुए एक बम धमाके में 50 से ज्यादा इजरायली नागरिक मारे गए थे जिसके लिए डायफ को जिम्मेदार बताया गया था. जेल से निकलने के बाद वो पूरी तरह समर्पित होकर हमास के लिए काम करने लगा और 2002 में हमास के मिलिट्री विंग का चीफ कमांडर बन गया. इसी के आदेश पर हमास के लड़ाके इजरायल के खिलाफ हमले को अंजाम देते हैं। हमास की स्थापना 1980 के दशक के अंत में, वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी पर इजरायल के कब्जे के खिलाफ पहले फिलिस्तीनी इंतिफादा (विद्रोह) की शुरुआत के बाद हुई थी. दोनों क्षेत्रों पर इज़रायल का कब्ज़ा 1967 में अरब युद्ध के दौरान हुआ था। (एएमएपी)