इजरायल-हमास युद्ध: क्या है ऑपरेशन अजय, कैसे नागरिकों को वापस लाया जाएगा?
इजरायल में जंग शुरू होने के बाद से कई विदेशी नागरिकों की मौत हो चुकी है तो वहीं सभी देश अपने नागरिकों को बचाने की कोशिश में जुट गए हैं। भारत सरकार भी अपने नागरिकों को बचाने की जुगत में लग गई है। भारतीयों को वापस लाने के लिए बुधवार को ऑपरेशन अजय (Operation Ajay) शुरू किया गया। आइए जानें इसके बारे में…
इजरायल और फलस्तीन के आतंकी संगठन ‘हमास’ के बीच जंग तेज होती जा रही है। जहां हमास के हमले में 1200 से ज्यादा इजरायली लोगों की जान चली गई, तो वहीं इजरायल की जवाबी कार्रवाई में हमास के 1500 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं।
पहली उड़ान में आ रहे 230 भारतीय
जानकारी के मुताबिक, गुरुवार शाम इजरायल के बेन गुरियन हवाई अड्डे से भारतीय को लेकर पहला विशेष विमान उड़ान भरेगा. पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर करीब 230 भारतीय रात 9 इजरायल से निकलेंगे. बता दें कि एयर इंडिया ने 7 अक्टूबर को लड़ाई शुरू होने वाले दिन तुरंत अपनी उड़ान सस्पेंड कर दी थी और इसका कॉमर्शियल ऑपरेशन अब तक सस्पेंड चल रहा है. जो लोग लौट रहे हैं उन्हें कोई किराया नहीं देना होगा. सरकार उनकी वापसी का खर्च उठा रही है. बेन गुरियन इजरायल का प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है. यह लोद शहर के उत्तरी बाहरी इलाके में स्थित है.
‘इजरायल में भारत के 18 हजार लोग रहते’
जयशंकर की घोषणा के तुरंत बाद इजरायल में भारतीय दूतावास ने कहा, हमने गुरुवार को विशेष उड़ान से आने वाले भारतीय नागरिकों की पहली खेप की सूची ई-मेल कर दी है. अन्य लोगों के बारे में जल्द ही अगली उड़ानों के लिए सूची भेजे जाएंगे. अनुमान के मुताबिक, इस समय इजरायल में करीब 18,000 भारतीय रह रहे हैं.
‘दिल्ली से लेकर इजरायल तक… भारत ने जारी की हेल्पलाइन’
इससे पहले बुधवार को एस जयशंकर ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अपने समकक्ष शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान के साथ पश्चिम एशिया में ‘संकट’ पर चर्चा की. विदेश मंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया, आज शाम यूएई के विदेश मंत्री एबी जायद से बात की. पश्चिम एशिया में चल रहे संकट पर चर्चा की. दिन में विदेश मंत्रालय ने कहा, हमने इजरायल और फिलिस्तीन की स्थिति पर नजर रखने और जानकारी-मदद के लिए दिल्ली में 24 घंटे चलने वाला नियंत्रण कक्ष स्थापति किया है. इसके अलावा तेल अवीव और रामल्ला में अलग इमरजेंसी हेल्पलाइन जारी है. दिल्ली में नियंत्रण कक्ष के फोन नंबर 1800118797 (टोल-फ्री), +91-11 23012113, +91-11-23014104, +91-11-23017905 और +919968291988 हैं. ई-मेल आईडी situationroom@mea.gov.in है.
इजरायल में नागरिकों से सावधानी बरतने की अपील
वहीं, इजराइल में भारतीय दूतावास ने एक एडवाइजरी जारी की, जिसमें भारतीय नागरिकों को सावधानी बरतने के लिए कहा गया. इसमें कहा गया है, इजरायल में मौजूदा स्थिति को देखते हुए सभी भारतीय नागरिकों से सतर्क रहने और स्थानीय अधिकारियों की सलाह के अनुसार सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने का अनुरोध किया जाता है.
इजरायल पर हमलों में आई कमी
इजरायल का गाजा पर जवाबी हमला लगातार जारी है. जबकि गाजा से होने वाले रॉकेट हमलों में कमी आई है. बुधवार रात 10 बजे से गुरुवार सुबह 9 बजे के बीच इजराइल पर कोई रॉकेट नहीं दागा गया था. कुछ विश्लेषकों का कहना है कि हमास अंतिम जमीनी घुसपैठ के लिए अपना भंडार जमा कर रहा है. इजरायल में भारत के राजदूत संजीव सिंगला ने कहा, दूतावास से किसी भी अपडेट के लिए हमारे साथ बने रहें.
केरल के घायल नागरिक से संपर्क में है दूतावास
बताते चलें कि शनिवार को तेल अवीव के अशदोद शहर में रॉकेट गोलाबारी हुई थी, जिसमें केरल की एक लड़की घायल हुई है. वो वहां केयरगिवर के रूप में काम करती है. भारतीय दूतावास का कहना है कि हम उनके और भारत में उनके परिवार के साथ लगातार संपर्क में है. भारतीय समुदाय भी उनकी देखभाल कर रहा है. अस्पताल में उनसे मिल रहा है. उनकी हालत स्थिर है. इजरायल में रहने वाले बड़ी संख्या में भारतीय केयरगिवर के रूप में काम करते हैं. वहां करीब एक हजार छात्र, कई आईटी पेशेवर और हीरा व्यापारी भी रहते हैं. इस बीच, रामल्ला में भारतीय प्रतिनिधि कार्यालय लगातार गाजा में रहने वाले चार भारतीयों के संपर्क में है. तेल अवीव में भी भारतीयों को मदद पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
इजरायल में भारत के 8500 यहूदी भी रहते
दरअसल, भारतीयों के लिए इजरायल भी आकर्षक देश रहा है. वहां उन्हें अच्छा वेतन मिलने के अलावा मुफ्त भोजन, आवास और स्वास्थ्य देखभाल भी मिलती है. करीब 1000 भारतीय छात्र इजरायल में पढ़ रहे हैं. वे इजरायल के विभिन्न संस्थानों और विश्वविद्यालयों में पढ़ते हैं. उनमें से अधिकांश डॉक्टरेट और पोस्ट-डॉक्टरेट की स्टडी करते हैं. इजरायल में भारतीय मूल के करीब 85,000 यहूदी हैं.
‘पीएम ने भी किया था भारतीय नागरिकों को संबोधित’
दूतावास इजरायल में भारतीय यहूदियों के राष्ट्रीय सम्मेलन की सुविधा देता है. जुलाई 2017 में तेल अवीव की अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने इजरायल में काम करने वाले लगभग 8000 पीआईओ और भारतीय नागरिकों को संबोधित किया था. अक्टूबर 2021 में अपनी इजरायल यात्रा के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने भारतीय मूल के समुदाय के साथ बातचीत की थी. इजराइल में भारतीय आईटी कंपनियां भी हैं. आईटी प्रमुख विप्रो के इजरायल में करीब 80 कर्मचारी हैं. ये सभी इजरायली नागरिक हैं. टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) में लगभग 250 कर्मचारी हैं, जिनमें ज्यादातर स्थानीय लोग हैं.
भारतीयों की घर वापसी के लिए ऑपरेशन अजय
Israel War News इजरायल में जंग शुरू होने के बाद से कई विदेशी नागरिकों की मौत हो चुकी है, तो वहीं सभी देश अपने नागरिकों को बचाने की कोशिश में जुट गए हैं। भारत सरकार भी अपने नागरिकों को बचाने की जुगत में लग गई है। भारतीयों को वापस लाने के लिए बुधवार को ऑपरेशन अजय (Operation Ajay) शुरू किया गया।
विदेश मंत्री ने भारतीयों को किया सावधान
शनिवार को शुरू हुए हमास के हमले के खिलाफ इजरायल की जवाबी कार्रवाई के साथ ही दोनों पक्षों में संघर्ष बढ़ गया है। इसी के साथ इजरायल से भारतीयों को वापस लाने के लिए जद्दोजहद तेज हो गई है। इजराइल के साथ बेहतर संबंध होने के नाते भारत ने हमास के हमले की निंदा की। पीएम मोदी ने भी इजराइल के पीएम से बात कर एकजुटता जताई। हमले के बाद से भारतीय विदेश मंत्रालय भी एक्टिव मोड में है और विदेश मंत्री ने इजराइल में भारतीयों को सावधानी बरतने को कहा। मंत्रालय ने इसको लेकर एक हेल्पलाइन नंबर भी लांच किया और जंग के 5वें दिन भारत ने ऑपरेशन अजय शुरू किया।
ऑपरेशन अजय क्या है?
ऑपरेशन अजय इजरायल से भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए शुरू किया गया एक अभियान है, ये कोई बचाव अभियान नहीं है।
विशेष चार्टर्ड फ्लाइट्स को इस अभियान में लगाया गया है और जरूरत पड़ने पर नेवी शिप भी लगाए जा सकते हैं।
इस अभियान में सिर्फ उन भारतीयों वापस लाया जाएगा, जो आना चाहते हैं। इसमें सभी भारतीयों को वापस नहीं लाया जाएगा।
इजराइल में अभी छात्रों, पेशेवरों और व्यापारियों को मिलाकर लगभग 18,000 भारतीय रहते हैं। जो भारतीय नागरिक इजराइल से वापस आना चाहते हैं, उनकी वापसी के लिए ऑपरेशन अजय शुरू किया गया है। (एएमएपी)