हमास को मिटाने को तैयार, पर गाजा में घुसने से डर रहा इजरायल
इजरायल गाजा पर जमीनी आक्रमण के लिए अपने सैनिकों को एकत्रित कर रहा है. इजरायल में जनता और राष्ट्रीय सुरक्षा प्रतिष्ठान हमास आतंकवादियों द्वारा किए गए हमलों के लिए प्रतिशोध की मांग कर रहे हैं, जिसमें 1000 से अधिक इजरायली लोगों की जान चली गई. लेकिन गाजा की घनी आबादी, सुरंगों के जटिल भूमिगत नेटवर्क और इजरायलियों, अमेरिकियों और अन्य लोगों को बंधक बनाए जाने के खतरे के कारण जमीनी आक्रमण फिलहाल एक मुश्किल कार्य प्रतीत हो रहा है।
पूर्व अमेरिकी रक्षा सचिव और सीआईए निदेशक लियोन पैनेटा ने मंगलवार को ब्लूमबर्ग टेलीविजन के ‘बैलेंस ऑफ पावर’ कार्यक्रम में कहा, ‘समस्या यह है कि गाजा में प्रवेश करने के बाद यह मूल रूप से घर-घर की लड़ाई है. और इसलिए इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है. लेकिन दूसरी ओर, मुझे लगता है कि यह बहुत स्पष्ट है कि इजरायल ने फैसला कर लिया है कि उन्हें गाजा में हमास को कुचलना है।
गाजा पट्टी में इजरायल के जमीनी आक्रमण से दोनों पक्षों को भारी नुकसान होगा और यह सवाल उठेगा कि क्या इजरायल संघर्ष से बाहर निकलने की रणनीति तैयार कर सकता है. यह मध्य पूर्व में भी प्रभाव पैदा करेगा, अपने अरब पड़ोसियों के साथ इजरायल के नाजुक मेलजोल को खतरे में डालेगा और यह जोखिम बढ़ाएगा कि संघर्ष एक व्यापक क्षेत्रीय युद्ध में बदल जाएगा. एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि आक्रमण के बाद जो कुछ होता है, वह इराक में 2004 के बैटल ऑफ फालुजा जैसा हो सकता है, जिसमें सड़क-दर-सड़क खूनी लड़ाई शामिल थी।
इजरायली सेना के खिलाफ गाजा में हमास का प्रतिरोध भयानक हो सकता है
नाम न छापने की शर्त पर संवेदनशील मामले पर चर्चा करने वाले अधिकारी के अनुसार, इजरायली सेना के खिलाफ गाजा में हमास का प्रतिरोध भयानक हो सकता है, खासकर अगर पड़ोसी देश सुदृढीकरण प्रदान करते हैं. इजरायल ने यह घोषणा नहीं की है कि वह गाजा में सेना भेजेगा, लेकिन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने वादा किया है कि ‘आने वाले दिनों में हम अपने दुश्मनों के साथ जो करेंगे उसका असर पीढ़ियों तक रहेगा.’ जमीनी घटनाक्रम से पता चलता है कि इजरायल कुछ बड़ी योजना बना रहा है. वह हवा, जमीन और समुद्र से गाजा पर बमबारी कर रहा है।
इजरायल की सेना हजारों सैनिकों को समायोजित करने के लिए गाजा पट्टी के बगल में एक बेस बना रही है, क्योंकि इजरायली टैंकों के काफिले इस क्षेत्र की ओर बढ़ रहे हैं. देश ने पहले ही 300,000 रिजर्विस्ट जुटा लिए हैं- जो इसके इतिहास में सबसे अधिक है. इजरायली सेना के प्रवक्ता रिचर्ड हेचट ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा, ‘इजरायल बहुत गंभीर और आक्रामक तरीके से जवाब देने जा रहा है. जानमाल का और अधिक नुकसान होगा।
गाजा कब्जा करने के लिए काफी बड़ा क्षेत्र
इस बढ़ती धारणा का एक हिस्सा कि इजरायल जमीनी आक्रमण शुरू करेगा, गाजा में हवाई युद्ध की सीमाओं पर निर्भर करता है. हवाई हमलों से उन सुरंगों, भूमिगत हथियारों के भंडार और तस्करी के मार्गों को साफ करने में सफलता मिलने की संभावना नहीं है जिनके कारण शनिवार का हमला संभव हुआ. अमेरिकी सेना के सेवानिवृत्त फोर स्टार जनरल कीथ अलेक्जेंडर, जो राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के निदेशक थे, ने कहा- ‘किसी बिंदु पर उन्हें (इजरायली सेना) अंदर (गाजा पट्टी) जाना होगा. वे सीमित ऑपरेशन कर सकते हैं. लेकिन यह कब्जे के लिए काफी बड़ा क्षेत्र है और इसमें बहुत सारे लोग रहते हैं।
गाजा में सड़क से सड़क तक लड़ाई, जहां दो मिलियन निवासियों को वाशिंगटन, डीसी के दोगुने आकार के क्षेत्र में पैक किया गया है, के परिणामस्वरूप भारी नागरिक हताहत होने की संभावना है. अरब अधिकारियों को डर है कि मृत नागरिकों की तस्वीरें अरब जनता के बीच प्रतिक्रिया पैदा कर सकती हैं, जिससे उनकी सरकारों पर इजरायल के साथ संबंध तोड़ने का दबाव पड़ सकता है. सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी के पूर्व वरिष्ठ खुफिया सेवा अधिकारी और मध्य पूर्व मामलों के विशेषज्ञ विलियम अशर ने कहा, ‘कब्जा जितना लंबा चलेगा, आप इजरायल के लिए समर्थन में उतनी ही अधिक कमी देखेंगे और अरब राज्यों पर उनकी जनता की ओर से उतना अधिक दबाव देखेंगे. इसके राजनीतिक और पीआर संकट में बदलने की संभावना है।
हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों को खतरा
हमास ने 7 अक्टूबर की सुबह अपने हमले के दौरान, बच्चों से लेकर बुजुर्ग महिलाओं तक, कई इजरायली और विदेशी नागरिकों को पकड़ लिया. हमास ने कहा है कि जब भी इजरायल बिना किसी चेतावनी के गाजा में नागरिक घरों पर हमला करेगा तो वह एक बंधक को मारने के लिए तैयार है. अगर इजरायली सेना गाजा पट्टी में घुसती है तो फिर इन बंदियों की जान भी खतरे में होगी. इस युद्ध के बहुपक्षीय संघर्ष में बढ़ने का भी गंभीर खतरा है. इजरायल पहले ही लेबनान से रॉकेट हमले देख चुका है, अगर वह सैन्य बल के साथ जवाब देता है तो बहुपक्षीय युद्ध और व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष की संभावना बढ़ जाती है।
इन सबके ऊपर ईरान के भी इस युद्ध में शामिल होने की संभावना है. ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने मंगलवार को एक समारोह में कहा, ‘गाजा के लोगों का नरसंहार और सामूहिक हत्या इजरायल पर एक बड़ी आपदा लाएगी.’ अमेरिकी जनरलों ने ईरान को इसमें शामिल न होने की चेतावनी दी है और तेहरान को रोकने के लिए क्षेत्र में अपना सबसे बड़ा विमान वाहक पोत यूएसएस गेराल्ड आर. फोर्ड भेजा है।
इजरायल ने 2005 में गाजा से सेना हटा ली थी
समस्या है कि आक्रमण के बाद क्या होगा. सैन्य कार्रवाई के साथ टिकाऊ राजनीतिक समाधान की कोई गारंटी नहीं है. इजरायल ने 2005 में गाजा से जमीनी सेना हटा ली थी. क्योंकि इस क्षेत्र पर पिछला कब्जा बहुत महंगा साबित हुआ था. इजरायली सैन्य खुफिया विभाग के पूर्व शीर्ष अधिकारी योसी कुपरवासेर ने आतंकवादियों के बारे में कहा, ‘अंत तब होगा जब वे एक ऐसी व्यवस्था को स्वीकार कर लेंगे जिसमें वे भविष्य में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने का कोई भी विचार छोड़ देंगे. जब इजरायली आबादी को यह समझ में आ गया कि हमास के बगल में रहने का क्या मतलब है, तो वे हमास के बगल में रहना बंद करने के लिए लगभग कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हैं।
फिलिस्तीनियों में खलबली, इजरायल ने रास्ते किए बंद
फिलिस्तीनियों से गाजा को खाली कर मिस्र जाने के लिए कह दिया गया है. इस दौरान राफा लैंड बॉर्डर पर मिस्र के ट्रक गाजा के लिए डीजल-पेट्रोल लेकर पहुंचे थे. लेकिन गाजा की नाकेबंदी किए इजरायल ने बम बरसाकर उन्हें पीछे लौटने पर मजबूर कर दिया. वहीं मिस्र जाने की कोशिश में जुटे फिलिस्तीनियों में खलबली मच गई गाजा पोर्ट को तबाह कर इजरायल ने समंदर के रास्ते किसी भी मदद का रास्ता बंद कर दिया. अब जमीन से गाजा पर एक्शन की तैयारी है. सेना के 3 लाख जवान गाजा के चारों ओर मौजूद हैं. उस मिशन के लिए पूरी तरह तैयार जो उन्हें सौंपा गया है. इजरायल का दावा है कि इस मिशन के बाद हमास की सैन्य ताकत पूरी तरह खत्म हो जाएगी. दूसरी तरफ हिजबुल्लाह ने धमकी दी है कि अगर इजरायल ने नागरिक इलाकों को निशाना बनाया तो उसकी तरफ से आगे भी हमले जारी रहेंगे।. सीरिया की ओर से भी इजरायल में रॉकेट दागे गए हैं।
इजरायली हमलों ने गाजा को जहन्नुम बना दिया है
हमास के हमलों के बाद से गाजा की हजारों इमारतें नष्ट हो चुकी हैं. इसमें हमास हमले के मास्टरमाइंड मोहम्मद जाएफ का घर भी शामिल है. इजरायल की सेना ने जब गाजा पर हमले किए तो मोहम्मद जाएफ के घर पर बम गिरा कर मिट्टी में मिला दिया. हालांकि, उसके मारे जाने को लेकर कोई खबर नहीं है. हमास की तरफ से दावा किया जा रहा है कि वो बच गया है. इजरायल ने इससे पहले सात बार उसे मारने की कोशिश की है, लेकिन हर बार बच जाता है. कहा जाता है कि मो. जाएफ बहुत कम बोलता है. सार्वजनिक रूप से दिखाई नहीं देताजा. उसकी सिर्फ तीन तस्वीरें मौजूद हैं. एक जब वो करीब 20 साल का था, दूसरी नकाबपोश और तीसरी उसकी परछाई की एक तस्वीर है. इसी तस्वीर का इस्तेमाल पिछली बार उसके ऑडियो टेप में किया गया था. उसमें उसने कहा था कि आज अल अक्सा का गुस्सा, हमारे लोगों और राष्ट्र का गुस्सा फूट रहा है. हमारे मुजाहिदीन के लिए इजरायल को ये समझाने का दिन है कि उसका समय समाप्त हो गया है. इसके बाद आतंकियों के इस आका की अगुवाई में इजरायल में जो कुछ हुआ, उसे पूरी दुनिया ने देखा है।
पॉवर सप्लाई कटने से अंधेरे में डूबी गाजा पट्टी
इजरायल के हमलों के बीच गाजा पट्टी कई इलाके अंधेरे में डूबे हुए हैं. कुछ जगहों पर जेनरेटर के जरिए रौशनी दी जा रही है, लेकिन वो भी बहुत जल्द बंद होने वाली है. इजरायल ने गाजा की पॉवर सप्लाई काट दी है. उसकी सेना चारों तरफ से घेरे हुए हैं, इसलिए कोई बाहरी मदद भी नहीं मिल पा रही है. उसके पॉवर प्लांट में ईंधन भी खत्म हो चुके हैं. गाजा में मौजूद एक पत्रकार हसन जबर ने एसोसिएट प्रेस को बताया कि वहां कोई भी सुरक्षित जगह नहीं बची है. इजरायल के बम हमलों के बाद कई होटल, मीडिया ऑफिस और मंत्रियों के बंगले बर्बाद हो चुके हैं. इस हमले में तीन पत्रकार भी मारे गए हैं. इसके बाद से जबर को भी अपनी जान की चिंता सता रही है. गाजा के सिविल डिफेंस डिपार्टमेंट ने चेतावनी जारी की है कि बम धमाकों में नष्ट हुई इमारातों में दबे लोगों को निकालने में बहुत समस्या हो रही है. क्योंकि राहत और बचाव करने वाले लोगों की कमी हो गई है।
जानिए फॉस्फोरस बम कितना खतरनाक है
फिलिस्तन का आरोप है कि इजरायल गाजा पर फॉस्फोरस बम से हमला कर रहा है. फिलिस्तीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से आरोप लगाए जा रहे हैं कि फॉस्फोरस बम के जरिए इजरायल अब गाजा में अटैक कर रहा है. फॉस्फोरस बम बहुत खतरनाक होता है. ये बम जहां गिरता है, वहां तेजी से ऑक्सीजनम सोखने लगता है. ऐसे में जो लोग इसकी आग से नहीं जलते, वे दम घुटने से मर जाते हैं. ये तब तक जलता रहता है, जब तक कि पूरी तरह से खत्म न हो जाए. यहां तक कि पानी डालने पर भी ये आसानी से नहीं बुझता, बल्कि धुएं का गुबार बनकर भड़कने लगता है. इसे सफेद फॉस्फोरस और रबर को मिलाकर बनाया जाता है. फॉस्फोरस मोम जैसा केमिकल है, जो हल्का पीला या रंगहीन होता है. इससे सड़े हुए लहसुन जैसी तेज गंध आती है. इस रासायनिक पदार्थ की खूबी ये है कि यह ऑक्सीजन के संपर्क में आते भी आग पकड़ लेता है. इसे बुझाया नहीं जा सकता। (एएमएपी)