दिल्ली समेत देश के कई राज्यों को शुक्रवार (13 अक्टूबर) को हाई अलर्ट पर रखा गया. पुलिस को सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से संभावित असामाजिक गतिविधियों की जानकारी मिली थी, जिसके बाद दिल्ली समेत अलग-अलग राज्यों में सुरक्षा बढ़ा दी गई. इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध का असर भारत में भी देखने को मिल रहा है. सुरक्षा एजेंसियों को डर है कि आतंकी संगठन इस मुद्दे पर लोगों को भड़काने का काम कर सकते हैं।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, जुमे की नमाज को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सड़कों पर पुलिस की तैनाती की गई, ताकि किसी भी असामाजिक गतिविधि पर नजर रखी जा सके. इजरायली दूतावास और यहूदी धार्मिक प्रतिष्ठानों समेत सभी संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है. सूत्रों ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों ने देश में रहने वाले इजरायलियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कुछ अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भी सतर्क किया है।
इजरायल में सुरक्षा बलों और फलस्तीन के चरमपंथी ग्रुप हमास के बीच चल रहे युद्ध के बीच देश की राजधानी दिल्ली में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं और शहर को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
पुलिस ने कहा कि दिल्ली में संभावित विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर सुरक्षा अलर्ट जारी किया गया है.
जुमे की नमाज के दौरान दिल्ली पुलिस के जवान भारी फोर्स के साथ सड़कों पर मौजूद रहेंगे. यहूदी धार्मिक प्रतिष्ठानों और इजरायल दूतावास पर भी भारी सुरक्षा बढ़ा दी गई है. खुफिया एजेंसियों से मिले इनपुट के आधार पर दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा बढ़ाई है. शुक्रवार को जुमे की नमाज होती है और इनपुट मिला कि इस समय माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा सकती है।
इजरायल फलस्तीन जंग पर भारत में अलग-अलग मत
दरअसल, इजरायल और फलस्तीन के बीच इस जंग पर भारत में लोगों के अलग-अलग मत हैं. सोशल मीडिया पर कुछ लोग इजरायल का समर्थन कर रहे हैं तो कुछ लोग फलस्तीन का. इसको लेकर इसी तरह का माहौल दुनिया के अलग-अलग देशों में भी देखा जा रहा है. पश्चिम एशिया के कई देशों में आज शुक्रवार के दिन विरोध प्रदर्शन होने की आशंका है. इसके मद्देनजर भारत में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
इन राज्यों में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर
दिल्ली एनसीआर के अलावा तेलंगाना, केरल, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, जम्मू कश्मीर और कर्नाटक जैसे राज्यों में भी सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं. इसके अलावा कुछ ऐसे संगठनों पर भी पैनी नजर रखी जा रही है जो कानून और व्यवस्था की स्थिति खराब कर सकते हैं, साथ ही देश में भाईचारे की भावना को भी आहत कर सकते हैं. नमाज अदा करने के बाद लोगों को एक जगह पर इकट्ठा होने की इजाजत नहीं होगी और न ही किसी तरह के विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी जाएगी।
इजरायली राजनयिक, स्टाफ और पर्यटकों की सुरक्षा का मिला निर्देश
महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश और गोवा जैसे राज्यों के प्रशासन को कहा गया है कि वे इजरायली राजनयिक, स्टाफ और पर्यटकों की सुरक्षा का ख्याल रखें. ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारत में ही इजरायली लोगों को लेकर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं. ऐसा ही कुछ अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी में भी देखने को मिल रहा है. इन देशों में फलस्तीन समर्थक रैलियां निकाली गई हैं, जिसके बाद यहूदी प्रतिष्ठानों और इजरायली नागरिकों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
एक हफ्ते से चल रहा है इजरायल-हमास युद्ध
गाजा पट्टी पर शासन चलाने वाले फलस्तीनी चरमपंथी समूह हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर 5000 मिसाइलें दागी थीं. इसके बाद उसके लड़ाकों ने गाजा पट्टी की सीमाओं को तोड़ते हुए इजरायल में एंट्री की और लोगों को मौत के घाट उतार दिया. 100 से ज्यादा लोगों को अगवा भी किया गया और उन्हें गाजा पट्टी में ले जाया गया. वहीं, इजरायल ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए गाजा पट्टी पर हवाई हमले किए. हमास और इजरायल के बीच पिछले एक हफ्ते से युद्ध चल रहा है।
इस युद्ध में अब तक इजरायल के 1300 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है, जबकि गाजा में 1500 से ज्यादा फलस्तीनी मारे गए हैं. इसके अलावा इजरायल ने 1500 से ज्यादा हमास के लड़ाकों को भी ढेर करके रख दिया है. गाजा पर लगातार हो रही बमबारी की वजह से वहां हालात भयावह हो चुके हैं. इजरायल ने गाजा वासियों से कहा है कि वे दक्षिणी हिस्से की तरफ चले जाएं. माना जा रहा है कि इजरायल अब उत्तरी गाजा पर बमबारी करने वाला है। (एएमएपी)