पासपोर्ट फर्जीवाड़ा मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) का बड़ा एक्शन सामने आया है.  CBI ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट जारी करने के आरोप में सरकारी अधिकारियों और अन्य व्यक्तियों सहित 24 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सीबीआई इस मामले में पश्चिम बंगाल और गंगटोक में 50 स्थानों पर छापे भी मार रही है। जांच में शामिल अधिकारियों के मुताबिक, सीबीआई ने गंगटोक में तैनात एक अधिकारी और एक बिचौलिए को हिरासत में भी लिया है. उन्होंने बताया कि गैर-निवासियों सहित अयोग्य व्यक्तियों को कथित तौर पर रिश्वत लेकर जाली दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट जारी करने के मामले में दर्ज की गई प्राथमिकी में 16 अधिकारियों सहित 24 व्यक्तियों के नाम शामिल हैं. अधिकारियों के अनुसार, कोलकाता, सिलिगुड़ी, गंगटोक और अन्य स्थानों पर छापे मारे जा रहे हैं. सीबीआई ने अभी तक गिरफ्तार व्यक्तियों के नामों का खुलासा नहीं किया है, एजेंसी का मानना है कि यह रैकेट कई वर्षों से सक्रिय है और संगठित अपराध सिंडिकेट से जुड़ा हुआ है।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पश्चिम बंगाल और सिक्किम में जाली पासपोर्ट रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस संबंध में आज CBI की टीम दोनों राज्यों में करीब 50 जगहों पर छापेमारी कर रही है। इससे जुड़ी आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, सिलीगुड़ी में पासपोर्ट सेवा लघु केंद्र (PSLK) के एक वरिष्ठ अधीक्षक को एक बिचौलिए के साथ गिरफ्तार भी किया गया है। बता दें कि ये मामले फर्जी दस्तावेजों के जरिए पासपोर्ट बनाने से जुड़ा है। मीडिया में आई जानकारी में बताया गया कि ये मामला फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट बनाने से संबंधित हैं। आरोप है कि अधिकारियों ने रिश्वत लेकर फर्जी दस्तावेजों के जरिए अयोग्य व्यक्तियों को पासपोर्ट जारी कर दिए। इस संबंध में CBI ने 16 अधिकारियों और बिचोलियों समेत कुल 24 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। CBI ने कोलकाता, सिलीगुड़ी, गंगटोक और दार्जीलिंग समेत कई जगहों पर छापा मारा है।

रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किए गए 2 लोग

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, CBI ने पासपोर्ट विभाग के एक अधिकारी गौतम कुमार शाह और एक होटल एजेंट दीपू छेत्री को गिरफ्तार किया है। शाह सिक्किम के गंगटोक में पासपोर्ट विभाग में वरिष्ठ अधीक्षक के रूप में कार्यरत हैं। CBI ने शाह को पासपोर्ट के बदले 1.90 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा है। शाह के पास से कई पासपोर्ट की फोटोकॉपी, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं।

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उल्‍लेखनीय है कि सीबीआई को एक ऐसे व्यक्ति के बारे में सूचना मिली थी, जो फर्जी दस्तावेज से पासपोर्ट बनाने वाले गिरोह का हिस्सा है। ये गिरोह सरकारी अधिकारियों की मदद से काम करता है। इसके बाद सीबीआई ने ये कार्रवाई की है। एक अधिकारी ने इस बारे में बताया कि तलाशी चल रही है और कई संदिग्ध रडार पर हैं। हमने रैकेट में सरकारी अधिकारियों की संलिप्तता से संबंधित दस्तावेज बरामद किए हैं।

पासपोर्ट रैकेट में चेन्नई से भी गिरफ्तार हुए थे तीन अन्‍य

मई में चेन्नई पुलिस ने भी फर्जी पासपोर्ट रैकेट का भंडाफोड़ कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। ये लोग जाली दस्तावेजों का उपयोग कर फर्जी पासपोर्ट और वीजा बनाने का काम करते थे। तमिलनाडु पुलिस ने भी एक पासपोर्ट रैकेट का भंडाफोड़ किया था। इस गिरोह में श्रीलंकाई तमिलों और पुलिस अधिकारियों समेत 41 लोग शामिल थे। इस मामले में 5 पुलिस अधिकारियों, 14 पासपोर्ट अधिकारियों और डाक विभाग के दो कर्मचारियों पर मामला दर्ज किया गया था। आपको बतादें कि हेनले पासपोर्ट इंडेक्स में दुनियाभर के शक्तिशाली पासपोर्ट में भारत का पासपोर्ट 80वें स्थान पर है। भारतीय नागरिक बिना वीजा के 57 देशों की यात्रा कर सकते हैं। सिंगापुर का पासपोर्ट दुनिया का सबसे ताकतवर पासपोर्ट है। सिंगापुर के पासपोर्ट से आप 192 देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं। दुनिया का सबसे खराब पासपोर्ट अफगानिस्तान का है। अफगानिस्तानी पासपोर्ट धारक लोग 27 देशों में बिना वीजा यात्रा कर सकते हैं।

सभी एजेंट गुजरात और मुंबई के रहने वाले

शर्मा ने बताया, ‘जांच के दौरान गिरफ्तार आरोपी रवि रमेशभाई चौधरी से कड़ी पूछताछ की गई। उसने खुलासा किया कि वह कुछ एजेंटों- नारायण भाई, जाकिर युसूफ शेख और मुश्ताक के संपर्क में आया। ये सभी एजेंट गुजरात और मुंबई के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया, ‘शुरुआत में चौधरी को गुजरात के स्थानीय एजेंट नारायण भाई ने आश्वस्त किया कि 65 लाख रुपये में उसके लिए जाली पासपोर्ट और वीजा की व्यवस्था की जाएगी। नारायण भाई ने इसके साथ ही अपने मुंबई के सहयोगियों जाकिर युसूफ शेख और मुश्ताक का नंबर दिया। 65 लाख में करार हुआ और चौधरी ने कथित एजेंट नारायण भाई को पेशगी के तौर पर 15 लाख रुपये नकद भुगतान किया।

दिल्ली और मुंबई से मानव तस्करी का धंधा

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक आरोपी नारायणभाई ने चौधरी से कहा कि वह उसके सहयोगियों जाकिर युसूफ शेख और मुश्ताक से संपर्क करे जो दिल्ली और मुंबई से मानव तस्करी का धंधा करते हैं। उन्होंने बताया, ‘चौधरी ने अपनी तस्वीर और हस्ताक्षर व्हाट्सऐप के जरिये मुश्ताक को भेजी। उसकी तस्वीर और हस्ताक्षर मिलने के बाद मुश्ताक ने मुंबई में रहने वाले जाकिर युसूफ शेख के निर्देश पर रवि रमेशभाई चौधरी के नाम से जाली पासपोर्ट की व्यवस्था की। उन्होंने बताया, ‘इसके बाद, फर्जी और जाली पासपोर्ट के आधार पर नीदरलैंड की फर्जी शेंगेन वीजा की व्यवस्था की गई। यात्री को नीदरलैंड से मेक्सिको और फिर वहां से अवैध तरीके से अमेरिका जाना था। करार के तहत बाकी राशि यात्री के अमेरिका पहुंचने पर उसके परिवार द्वारा नारायण भाई को दी जानी थी।’

लगातार ठिकाना बदल रहे थे आरोपी

शर्मा ने बताया कि चौधरी की गिरफ्तारी की जानकारी मिलने के बाद एजेंट नारायणभाई, जाकिर और मुश्ताक गुजरात और मुंबई स्थित अपने-अपने घरों से फरार हो गए और लगातार अपना ठिकाना बदलत रहे थे। उन्होंने बताया कि फोन कॉल की निगरानी वगैरह के सहारे पुलिस की टीम ने मुश्ताक के मुंबई में होने का पता लगाया और तीन अगस्त को उसे गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि मुश्ताक के पास से चार मोबाइल फोन मिले हैं जिनकी जांच की जा रही है और बाकी आरोपियों को गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है।

एफआईर में 16 अधिकारियों का नाम

अधिकारियों ने बताया कि एफआईआर में 16 अधिकारियों सहित 24 व्यक्तियों के नाम हैं जो कथित तौर पर रिश्वत के बदले में गैर-निवासियों सहित अयोग्य व्यक्तियों को जाली दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट जारी कर रहे थे. उन्होंने कहा कि तलाशी कोलकाता, सिलीगुड़ी, गंगटोक और अन्य स्थानों पर चल रही है।

सीबीआई टीम को मिली थी जानकारी

बताया जा रहा है कि सीबीआई टीम को सत्यापित जानकारी मिली कि सरकारी अधिकारियों की मदद से एक निजी व्यक्ति एक नेटवर्क का हिस्सा है जो जाली कागजात पर पासपोर्ट जारी करने में मदद करता है। अधिकारी ने कहा, ‘तलाशी चल रही है और कई संदिग्ध रडार पर हैं. हमने रैकेट में सरकारी अधिकारियों की संलिप्तता से संबंधित दस्तावेज बरामद किए हैं।

रिश्वत लेते अधिकारी गिरफ्तार

तलाशी के दौरान जांच एजेंसी ने क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय गंगटोक से गौतम कुमार शाह को गिरफ्तार किया है. . सीबीआई ने शाह को उस समय गिरफ्तार किया जब वह आरपीओ गंगटोक में 1,90,000 रुपये की कथित रिश्वत ले रहे थे। समाचार एजेंसी पीटीआई ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि सीबीआई ने कथित तौर पर जाली दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट जारी करने के आरोप में सरकारी अधिकारियों और निजी व्यक्तियों सहित 24 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।   (एएमएपी)