गाजा में खाना-पीने की किल्लत
अहमद हामिद ने बताया कि ‘गाजा में खाना भी नहीं बचा है और जो दुकानों में खाने का सामान है वह बहुत महंगा है। मुझे लग रहा है कि मैं बोझ हूं और मैं कुछ भी नहीं कर पा रहा हूं।’ बता दें कि इस्राइल ने उत्तरी गाजा के लोगों को अल्टीमेटम दिया है कि वह इलाका खाली कर दक्षिण की तरफ चले जाएं। यही वजह है कि उत्तरी गाजा से दक्षिण की तरफ बड़े पैमाने पर पलायन हो रहा है। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि करीब दस लाख लोग विस्थापित हो चुके हैं। गाजा से पलायन कर रही एक अन्य महिला ने बताया कि ‘वह बहुत शर्म महसूस कर रहे हैं और किसी शरणार्थी कैंप की तलाश में हैं। हमारे पास कपड़े नहीं हैं और जो हैं वो बहुत गंदे हैं। कपड़ों को धुलने के लिए पानी ही नहीं है। ना बिजली, पानी और इंटरनेट। ऐसा लग रहा है कि मेरी मानवता ही खत्म हो रही है।’
हजारों लोगों की मौत
सबा मसबाह नाम की एक महिला ने बताया कि वह अपने पति और बेटी के साथ एक रिश्तेदार के घर रफाह में ठहरे हुए हैं। हम में से कोई भी बीते कई दिनों से नहाया नहीं है क्योंकि पानी की बहुत कमी है। महिला का कहना है कि अगर वह नहाएंगे तो उनके पास पीने के लिए पानी नहीं बचेगा। बता दें कि बीती 7 अक्तूबर को आतंकी संगठन हमास ने इस्राइल की सीमा में घुसकर लोगों की हत्याएं की। हमास के हमले में इस्राइल में करीब 1400 लोगों की मौत हुई है। इस हमले के जवाब में इस्राइली सेना बीते कई दिनों से गाजा पट्टी पर बम बरसा रही है। इस्राइली हमले में अब तक ढाई हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। साथ ही इस्राइल गाजा पट्टी में जमीनी हमले की भी तैयारी कर रहा है। इसके चलते गाजा में बड़े पैमाने पर विस्थापन हो रहा है। (एएमएपी)