गाजा पट्टी के अंदर जाने और बाहर आने का एकमात्र रास्ता राफा बॉर्डर क्रॉसिंग पर मिस्र का नियंत्रण है. इजरायल हमास के नियंत्रण वाले गाजा पर ताबड़तोड़ हमले कर रहा है. हमास को खत्म करने के मकसद से इजरायल ने गाजा को बिजली, पानी और बाकी सभी जरूरी चीजों की सप्लाई रोक दी है. राफा बॉर्डर को भी इजरायल ने मंगलवार को बंद कर दिया। इजरायल के राफा बॉर्डर बंद करने से फिलिस्तीनी और गाजा में फंसे बाकी देशों के लोग गाजा छोड़कर भाग नहीं पा रहे हैं. बॉर्डर बंद होने से गाजा को जा रही मानवीय मदद भी रुकी हुई है. मदद से भरे ट्रक राफा बॉर्डर से 50 किलोमीटर दूर अल एरिश में इंतजार कर रहे हैं।
In a destroyed home in a community attacked by Hamas terrorists, a soldier sings the Israeli anthem.
Hamas will not ruin our spirits. pic.twitter.com/0vTr8Dhpst
— Israel Defense Forces (@IDF) October 21, 2023
मिस्र के राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सिसी ने गाजा में सैन्य अभियान की तीव्रता पर रविवार को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक की अध्यक्षता की। राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने कहा कि बैठक के दौरान संघर्ष को कम करने और गाजा को जरूरी मदद पहुंचाने के लिए सहयोगियों और मानवीय समूहों के साथ मिलकर राजनयिक प्रयास करने पर जोर दिया गया. उन्होंने कहा कि मिस्र आने वाले समय में फिलिस्तीनी मुद्दे के भविष्य पर एक क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा. हालांकि, उन्होंने शिखर सम्मेलन की कोई तारीख नहीं बताई। फिलिस्तीन के चरमपंथी संगठन हमास के लड़ाकों ने 7 अक्टूबर को अचानक इजरायल पर हमला कर दिया जिसमें सैकड़ों फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए. बदले की कार्रवाई में इजरायल ने गाजा पर ताबड़तोड़ हमले किए हैं। दोनों पक्षों की लड़ाई में अब तक 1,300 से अधिक इजरायलियों की जान गई है और गाजा में 2,300 लोग मारे गए हैं।
इजरायल की गाजा में जमीनी कार्रवाई की तैयारी और लोगों को चेतावनी
इजरायल गाजा में जमीनी कार्रवाई शुरू करने की पूरी तैयार कर चुका है और उसने गाजा से लगी अपनी सीमा पर लाखों रिजर्व सैनिकों की तैनाती कर दी है. सैनिक भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद लेकर इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बस एक आदेश का इंतजार कर रहे हैं. जमीनी कार्रवाई से पहले इजरायल ने उत्तरी गाजा में रहने वाले 11 लाख लोगों को दक्षिणी गाजा में चले जाने की चेतावनी दी थी. हालांकि, अभी भी उत्तरी गाजा की आधे से अधिक आबादी अपने घरों में ही है। मिस्र ऐतिहासिक रूप से इजरायल और हमास के बीच प्रमुख मध्यस्थ रहा है. गाजा पर इजरायली हमले शुरू होने के बाद हजारों की संख्या में फिलिस्तीनी भागकर मिस्र में शरण ले रहे हैं. इससे मिस्र पर शरणार्थियों का दबाव बढ़ रहा है। फिलिस्तानी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने शुक्रवार को अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन को चेतावनी दी थी कि गाजा के लोगों का अपने घरों को छोड़कर बाहर निकलना ‘दूसरा नकबा’ होगा. 1948 में जब इजरायल बना था तब 7 लाख 60 हजार से अधिक फिलिस्तीनियों को विस्थापन का सामना करना पड़ा था जिसे मुस्लिम देश ‘नकबा’ कहते हैं।
फिलिस्तीनियों को गाजा से निकालकर कहीं और बसाना चाहता है इजरायल?
फिलिस्तीनियो के गाजा छोड़ने की इजरायल की चेतावनी ने यह आशंका भी पैदा कर दी है कि इजरायल गाजा में रहने वाले लोगों को मिस्र के सिनाई प्रायद्वीप में फिर से बसाने पर जोर दे रहा है. इजरायल ने पूर्व में इस प्रायद्वीप पर कब्जा कर लिया था। अलजजीरा के साथ एक टीवी इंटरव्यू में इजरायल के पूर्व उप विदेश मंत्री डैनियल अयालोन ने कहा भी है कि मिस्र को आगे आना होगा और सिनाई प्रायद्वीप के विशाल रेगिस्तानी क्षेत्र में गाजा को लोगों को अस्थायी रूप से रहने की अनुमति देनी होगी। हालांकि, मिस्र ने इसे लेकर सख्त प्रतिक्रिया दी है. रविवार की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा गया, ‘मिस्र की राष्ट्रीय सुरक्षा हमारे लिए रेड लाइन है और इसकी रक्षा करने में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी।
पहले और दूसरे वर्ल्ड वॉर में कौन किस तरफ था?
माना जा रहा है कि गाजा का युद्ध तो चिंगारी है, असली महायुद्ध की आगे तैयारी है. पहले विश्वयुद्ध में फ्रांस, रूस, ब्रिटेन, अमेरिका एक तरफ थे, तो दूसरी तरफ जर्मनी, ऑस्ट्रिया, ऑटोमन साम्राज्य, बुल्गारिया थे. जबकि दूसरे वर्ल्ड वॉर में जर्मनी, इटली, जापान एक तरफ थे, तो फ्रांस, ब्रिटेन, अमेरिका और सोवियत संघ दूसरी तरफ थे. लेकिन तीसरा विश्वयुद्ध कहें या फिलहाल विश्वयुद्ध ना कहकर सिर्फ दुनिया के कई देशों का आपसी महायुद्ध कहें तो क्या वो गाजा से उठी चिंगारी के बीच होगा? जहां एक तरफ होंगे इजरायल, अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देश और दूसरी तरफ फिलिस्तीन, ईरान, अरब देश, रूस. संभव है इस लिस्ट में चीन भी शामिल हो जाए. अभी ये बातें महज संकेतों के आधार पर हैं. वो संकेत जो युद्ध के 14 दिन बाद अब चिंता पैदा कर रहे हैं।
ये देश युद्ध की आड़ में निकाल रहे पुरानी भड़ास
रूस ईरान के लिए बयान देता है, तो ईरान गाजा और फिलिस्तीन के लिए बोलता है. अमेरिका जब ईरान के मिसाइल प्रोग्राम पर बैन लगाता है, तो चीन इसे अवैध बताता है. यानी इजरायल-हमास युद्ध की आड़ में क्या सब अपनी पुरानी तनातनी का बदला लेने वाले बयान देने में जुटे हैं।
1 in 5 Hamas & Islamic Jihad rockets hit Gaza in the last 24 hours. pic.twitter.com/sfOv02NMuU
— Israel Defense Forces (@IDF) October 21, 2023
टू वॉर फ्रंट की तैयारी कर रहा इजरायल
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अब सीधे लेबनान बॉर्डर के पास मौजूद अपने सैनिकों के बीच पहुंचते हैं. नेतन्याहू का लेबनान बॉर्डर के पास पहुंचना इजरायली सेना के उस निश्चय की पुष्टि करता है, जिसमें कहा गया कि टू वॉर फ्रंट यानी गाजा और लेबनान पर लड़ने के लिए सेना तैयार है. इजरायली डिफेंस फोर्सेस के प्रवक्ता पीटर लर्नर कहते हैं कि अगर जरूरत पड़ी तो हम 2 मोर्चों पर लड़ने के लिए तैयार हैं. हमारे पास ऐसा करने की क्षमता है. हम इसे और भी मोर्चों पर कर सकते हैं. मेरा सुझाव है कि लेबनान हमारे लोगों पर हमला करने से हिज्बुल्लाह को कंट्रोल करे।
यूक्रेन-ताइवान के बाद अब इजरायल की मदद कर रहा US
युद्ध के महायुद्ध में बदलने का एक बड़ा संकेत ये भी है कि अमेरिका ने इजरायल की मदद के लिए स्पेशल फंड देने का ऐलान किया है. जब रूस और यूक्रेन का युद्ध शुरू हुआ तो यूक्रेन को हथियार अमेरिका ने दिए. जब चीन ताइवान में तनाव हुआ तो ताइवान को हथियार अमेरिका ने दिए. अब इजरायल को भी हथियारों की कमी ना होने देने के लिए स्पेशल फंड का ऐलान इजरायल से लौटने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कर दिया है. अमेरिका ने हथियारों की भी नई खेप इजरायल भिजवा दी है।
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अमेरिका इजरायल भेज रहा 2 आयरन डोम
जिस आयरन डोम यानि मिसाइल रॉकेट अटैक से बचाने वाले सिस्टम के जरिए इजरायल दावा करता है कि वो फिलिस्तीन के 97 फीसदी रॉकेट अटैक से बचता रहा है, ऐसे 2 आयरन डोम सिस्टम अमेरिका इजरायल को भेज रहा है, ताकि इजरायल अभी इस युद्ध के वक्त अपनी और सुरक्षा कर सके।
रूस-अमेरिका आए आमने-सामने
18 अक्टूबर को अमेरिका ने आर्म्ड व्हीकल की एक बड़ी खेप इजरायल को भेज दी थी, ताकि युद्ध में इजरायल की जो बख्तरबंद गाड़ियां नष्ट हुई हैं. उनकी वजह से कोई कमी अब लड़ाई में इजरायल को महसूस ना हो. युद्ध के महायुद्ध में बदलने का एक बड़ा संकेत ये भी है कि जहां अमेरिका ने ईरान के मिसाइल प्रोग्राम पर बैन लगाया, तो चीन ने विरोध करके इसे अवैध बताया. जब अमेरिका ने 2 युद्धपोत भूमध्यसागर में इजरायल की मदद के लिए तैनात किए तो ब्लैक सी में रूस ने किंझल मिसाइल तैनात कर दी।
अमेरिका ने किया अपने नागरिकों को अलर्ट
अगर अमेरिका जब इजरायल के लिए फील्डिंग सेट करता है, तो गाजा के बहाने ईरान के लिए रूस औऱ चीन भी बैटिंग करने लगते हैं. वहीं अमेरिका ने विदेश यात्रा करते नागरिकों को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है तो क्या इसे संकेत ना मानें कि अमेरिका तक को लग रहा है कि युद्ध और बड़ा हो सकता है. जहां अमेरिका ने अपने नागरिकों को कहा है कि मिडिल ईस्ट के माहौल और दुनियाभर में होते प्रदर्शनों के बीच सावधान रहें।
हमास के खिलाफ बेकाबू हो रही जंग
हमास के खिलाफ जंग बेकाबू होती जा रही है. न अस्पताल सुरक्षित हैं, ना चर्च. 17 अक्टूबर को गाजा के जिस अस्पताल में रॉकेट का धमाका हुआ, वहां सैकड़ों शरणनार्थी भी मौजूद थे. वहीं, गाजा के इस सबसे पुराने चर्च में भी हर धर्म के लोगों ने पनाह ले रखी थी, लेकिन इजरायल की बमबारी में ये भी हमले का शिकार हुआ और दावा है कि 17 लोगों की मौत हो गई।
इजरायल गाजा पर लगातार बरसा रहा बम
अब तक गाज़ा के अंदर 4137 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 12,500 लोग घायल हैं. वहीं, इजराइल ने बीती रात गाजा में 100 जगहों पर बम गिराए, इन हमलों में हमास के एक नेवी कमांडर की भी मौत हो गई, जो 7 अक्टूबर को इजराइल में नरसंहार का दोषी था. गाजा में अस्पताल पर बड़े हमले के बाद गुरुवार को सेंट पोर्फिरियस चर्च पर हमला किया गया. जिसमें 8 लोग मारे गए हैं और दर्जनों घायल हो गए हैं. फिलिस्तीन ने इस हमले की पुष्टि की है. हमास ने भी इसको लेकर बयान जारी किया है और आऱोप लगाया है कि इजरायली फौज ने चर्च को टारगेट किया. पिछले 24 घंटों में इजराइल की बमबारी में करीबी 307 फिलिस्तीनियों की जान गई. UN की रिपोर्ट के मुताबिक गाजा में अब तक 1,524 बच्चे और 1444 महिलाओं की मौत हो चुकी है. इसके अलावा गाजा पट्टी पर करीब 12,845 आवास ऐसे हैं, जो या तो तबाह हो चुके हैं या अब वहां रहना संभव नहीं है। (एएमएपी)