हमास के खिलाफ जंग में इजराइली सेना की मदद के लिए अमेरिका ने सबसे घातक ‘डेल्टा फोर्स’ को इजराइल में तैनात कर रखा है. इसकी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. अमेरिका की इसके बाद किरकिरी भी हुई, जहां माना जा रहा था कि युद्ध में अबतक उसका सीधा हस्तक्षेप नहीं है। डेल्टा फोर्स ने कई घातक मिशनों को अंजाम दिया है. ओसामा बिन लादेन को मारने से लेकर सद्दाम हुसैन को पकड़ने और अफगानिस्तान में तालिबान को खदेड़ने में इस फोर्स की बड़ी भूमिका रही है. आइए समझते हैं अमेरिका के इस खास डेल्टा फोर्स की खौफनाक कहानी।
डेल्टा फोर्स को आधिकारिक तौर पर प्रथम विशेष बल ऑपरेशनल डिटैचमेंट-डेल्टा के रूप में जाना जाता है. यह एक घातक अमेरिकी सैन्य इकाई है जो मुख्य रूप से आतंकवाद विरोधी अभियानों पर काम करती है. इसे कॉम्बैट एप्लिकेशन ग्रुप (सीएजी) और आर्मी कंपार्टमेंटेड एलिमेंट्स (एसीई) के रूप में भी जाना जाता है. डेल्टा फोर्स जॉइंट स्पेशल ऑपरेशंस कमांड (JSOC) के परिचालन नियंत्रण के तहत काम करती है और प्रशासनिक रूप से आर्मी स्पेशल ऑपरेशंस कमांड (USASOC) का हिस्सा होती है। डेल्टा फोर्स को आधिकारिक रूप से 1st स्पेशल फोर्सेज ऑपरेशनल डिटैचमेंट-डेल्टा (1st SFOD-D) के नाम से जाना जाता है. डेल्टा फोर्स खासतौर पर आतंकवाद विरोधी मिशनों में शामिल होते हैं. बंधकों को बचाने और आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने के लिए ऑपरेशन चलाने में माहिर हैं।
डेल्टा फोर्स संभावित खतरों या हाई-प्रोफाइल टार्गेट पर खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए विशेष टोही मिशन चलाती है. डेल्टा फोर्स स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बंधक बचाव कार्यों में माहिर हैं. दुनिया भर में आतंकवाद के बढ़ते खतरे के जवाब में 1977 में कर्नल चार्ल्स बेकविथ ने डेल्टा फोर्स की शुरुआत की थी़। डेल्टा फोर्स ऑपरेशन ईगल क्लॉ, ऑपरेशन अर्जेंट फ़्यूरी, ऑपरेशन जस्ट कॉज़ और ऑपरेशन गॉथिक सर्पेंट सहित कई बड़े मिशनों में शामिल रही है. डेल्टा फोर्स ने खाड़ी युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. डेल्टा फोर्स ऑपरेशन कायला मुलर जैसे हालिया ऑपरेशन में शामिल रही है, जिसने सिनालोआ कार्टेल नेता जोकिन “एल चापो” गुजमैन को निशाना बनाया था।
अफगानिस्तान में तालिबान, लीबिया में बेंगाजी हमलावरों और गल्फ में इराक को खदेड़ने में डेल्टा सैनिकों का अहम रोल रहा. इनके अलावा पनामा संकट के दौरान 35000 अमेरिकियों को सुरक्षित पनामा से निकाला. वहीं कुवैत पर इराकी हमले में अमेरिकी डेल्टा फोर्स ने बड़ा योगदान दिया, जहां अमेरिकी सहयोगियों ने सद्दाम हुसैन को हराया था डेल्टा फोर्स ने सीरिया में रेड कर मोस्ट वांटेड आतंकी अबू बकर अल-बगदादी को ढेर किया. बैटल ऑफ टोरा बोरा के नाम से मशहूर एक मिशन में डेल्टा सैनिकों ने ओसामा बिन लादेन को पकड़ने या ढेर करने के लिए मिशन चलाया. इनके अलावा सद्दाम हुसैन को ढूंढने और पकड़ने में डेल्टा सैनिकों का बड़ा योगदान रहा।
व्हाइट हाउस ने बाद में डिलीट कर दी पोस्ट
व्हाइट हाउस ने जो तस्वीर साझा की थी, उसमें राष्ट्रपति बाइडेन अमेरिकी डेल्टा फोर्स के मेजर से मिलते हुए नजर आ रहे थे. इस फोटो के सार्वजनिक होने के बाद इस बात की चर्चा होने लगी की कि यह फोर्स हमास से लड़ने के लिए इजराइल में पहले से मौजूद थी या उसे जंग के बाद वहां भेजी गई. खैर, अमेरिकी ऑफिशियल अकाउंट से यह तस्वीर शेयर की गई थी और बाद में पोस्ट डिलीट कर दी गई।
व्हाइट हाउस ने गलती पर जताया खेद
व्हाइट हाउस के एक प्रवक्ता ने इस घटना पर खेद जताया. उन्होंने कहा कि इस गलती के कारण होने वाली किसी भी समस्या पर खेद है. प्रवक्ता ने कहा कि तस्वीर पिछले हफ्ते बाइडेन की इजराइल यात्रा के दौरान ली गई थी, जब उन्होंने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की थी और हमास के कब्जे से बंधकों को छुड़ाने के लिए अमेरिकी सपोर्ट की पेशकश की थी।
हमास ने सैंकड़ों लोगों को बनाया बंधक
इजराइली सरकार ने बताया है कि हमास ने अभी भी 203 इजराइलियों को बंधक बनाकर रखा है. इसमें कुछ अमेरिकी नागरिक भी शामिल हैं जबकि 100 के करीब महिलाएं हैं. 7 अक्टूबर को हमास ने अचानक से इजराइल पर हमला कर दिया था. इस हमले में 1400 से ज्यादा इजराइलियों की मौत हो गई जबकि 4000 से अधिक लोग घायल हुए।
डेल्टा फोर्स के बारे में जानिए
डेल्टा फोर्स पूरा नाम फर्स्ट स्पेशल फोर्सेज ऑपरेशनल डिटैचमेंट-डेल्टा (1st SFOD-D) है. इसे शॉर्ट में डेल्टा फोर्स कहा जाता है. डेल्टा फोर्स को कॉमबैट एक्शन ग्रुप या आर्मी कंपार्मेंटेड एलिमेंट के नाम से भी जाना जाता है. यह अमेरिकी थलसेना के अधीन काम करती है. जॉइंट स्पेशल ऑपरेशंस कमान के पास इसका ऑपरेशनल कंट्रोल होता है। दरअसल, 70 के दशक में आतंकी गतिविधियों के बढ़ने के बाद इसके गठन की जरूरत महसूस हुई. 19 नवंबर 1977 को डेल्टा फोर्सेज आधिकारिक तौर पर मान्यता मिली. आतंक विरोधी अभियानों को अंजाम देना और बंधक संकट से निपटना डेल्टा फोर्सेज का मुख्य काम है. डेल्टा फोर्स कई अहम ऑपरेशन को अंजाम दिया है।
डेल्टा फोर्स कितना खतरनाक
- डेल्टा फोर्स के अभियान बेहद गोपनीय रखे जाते हैं। इसके अभियानों के बारे में राष्ट्रपति और चुनिंदा अधिकारियों के अलावा किसी को जानकारी नहीं होती है।
- यह फोर्स आतंकवाद विरोधी अभियानों, बंधक संकट से लोगों को छुड़ाने जैसे जोखिम भरे मिशन्स को अंजाम देता है। यह बल खास तौर से 1980 के दशक से अब तक अमेरिका के सभी प्रमुख अभियानों में किसी न किसी रूप में शामिल रहा है।
- डेल्टा फोर्स की स्थापना कर्नल चार्ल्स बैकविथ ने की थी। बैकविथ 1960 के दशक में ब्रिटिश एयर सर्विस में थे और उन्होंने मलेशिया में कम्यूनिस्ट गुरिल्लाओं के खिलाफ एक सफल आतंकविरोधी अभियान चलाया था
- बैकविथ ने हमेशा एक विशेष बल की जरूरत महसूस की। उन्हें लगता था कि सेना में एक टुकड़ी ऐसी होनी चाहिए जो शारीरिक रूप के साथ-साथ मानसिक रूप से काफी सशक्त हो और जो जरूरत पड़ने पर स्वतंत्र रूप से जोखिम भरे मिशन को अंजाम दे सके। इसलिए उन्होंने जंग का अनुभव रखने वाले नॉन-कमीशंड ऑफिसर्स एवं अनुभवी अधिकारियों के मिश्रण से बनी एक खास यूनिट पर जोर दिया।
- डेल्टा फोर्स में चुनिंदा लोग शामिल होते हैं। डेल्टा ऑपरेटर ट्रेनिंग कोर्स (ओटीसी) का प्रशिक्षण प्राप्त करने से पहले जवानों एवं अधिकारियों के पास कई वर्षों का अनुभव होना चाहिए। इसके अलावा उन्हें पैराशूट ऑपरेशंस में पारंगत होना होता है। इस बल के जवानों को एक ‘गोपनीय’ सुरक्षा क्लियरेंस और अनुशासन जांच से गुजरना होता है।
- डेल्टा फोर्स के जवानों को डिमोलिशन, लॉक पिकिंग सहित बम बनाने की तकनीक सिखाई जाती है। अमेरिका खुफिया एजेंसी सीआईए के लोग भी इन्हें प्रशिक्षण देते हैं। ओटीसी ट्रेनिंग से पहले चयनित जवानों एवं अधिकारियों को कई तरह की शारीरिक एवं मानसिक परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है।
- बैकविथ की अगुवाई में 1979 में डेल्टा फोर्स का मिशन ऑपरेशन इगल क्ला असफल हो गया था। इस ऑपरेशन के तहत तेहरान में अमेरिकी दूतावास में बंधक बनाए गए अमेरिकी नागरिकों को छुड़ाना था
- अफगानिस्तान में डेल्टा फोर्स ने कई अहम मिशन अंजाम दिए हैं। इराक युद्ध में भी इस फोर्स ने सफल ऑपरेशन किए। डेल्टा फोर्स ने अफगानिस्तान में तत्कालीन राष्ट्रपति हामिद करजई को लेजर गाइडेड बम से बचाया है। (एएमएपी)