पलक झपकते ही ग़ज़ा के बीचोबीच स्थित अल ज़ाहरा के रिहायशी टॉवर्स मलबे के ढेर में बदल गए.इसराइल ने इस शांत और संपन्न इलाक़े में एक रात में ही हवाई हमले करके कम से कम 25 रिहाइशी बहुमंज़िला इमारतों को ज़मींदोज़ कर दिया. अपना घर खोने वालीं उम्म सलीम अल-साफ़िन नाम की महिला ने रोते हुए मुझे बताया कि इसराइली सेना ने उन्हें 19 अक्टूबर को रात साढ़े आठ बजे तक घर खाली करने को कहा था अल साफ़िन ने कहा, “इसके बाद उन्होंने रात नौ बजे से शुक्रवार सुबह सात बजे तक लगातार इस इलाक़े पर बमबारी की।
Hamas isn’t shy about its mission to exterminate Jews.
In fact they repeat this message whenever they have the chance.
Don’t take our word for it, take theirs. pic.twitter.com/rNRG542ikY
— Israel ישראל 🇮🇱 (@Israel) October 23, 2023
उन्होंने कहा कि उनकी इमारत में 20 अपार्टमेंट थे और सभी में परिवार रहते थे. अब उनके पास रहने के लिए कोई जगह नहीं है। अपना घर खोने वाली उम्म मोहम्मद नाम की एक अन्य महिला ने कहा, “हम आम लोग शांति से अपने घरों में रह रहे हैं. वे क्यों हम पर बम बरसा रहे हैं? हमने क्या किया है?” अल ज़ाहरा के इन टॉवरों पर हमले के बाद क़रीब 5000 लोग बेघर हो गए हैं. जंग छिड़ने के बाद से ग़ज़ा से पहले ही लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं।
‘यह जनसंहार है’
अपना घर खोने वाले अबू रमी कहते हैं कि यह ‘जनसंहार’ है. उन्होंने कहा कि कुछ परिवार बाहर नहीं निकले और मलबे के नीचे दब गए हैं। लेकिन अब मलबे में फंसे लोगों को बचाना या उनके शव निकालना भी संभव नहीं है क्योंकि बचाव दल के पास ज़रूरी उपकरण नहीं हैं। अपने तबाह हो चुके आशियाने और मलबे में अपना सामान तलाशने आए लोगों ने बीबीसी से कहा कि उनका ‘सबकुछ छिन गया है.’उन्होंने कुछ कपड़े इकट्ठा किए, उन्हें चादर में लपेटा और अपने साथ कुछ तकिये, गद्दे और कंबल लेकर लौट गए। जब बीबीसी की टीम इसी इलाक़े में थी, तब एक शख़्स ने बताया कि इसराइली सेना का फ़ोन आया था और लोगों को इस जगह को ख़ाली करने के लिए कहा गया है। सेना इस जगह को तुरंत ख़ाली करवाकर बचे हुए एक और टॉवर को गिराना चाहती है।
इसलिए लोगों को अपनी तलाश रोक कर वापस जाना पड़ा.
गुरुवार को हुई बमबारी में 5000 लोगों के घर तबाह हो गए.
1990 के दशक में बसा था इलाका
अल ज़ाहरा क़स्बा, जहां ये बहुमंज़िला इमारतें गिराई गईं, उसे 1990 के दशक के आख़िर में एक ख़ाली जगह पर तैयार किया गया था। पूर्व फ़लस्तीनी राष्ट्रपति यासिर अराफ़ात ने नित्ज़ानिम नाम की एक बस्ती के विस्तार को रोकने के लिए इसे बसाने का आदेश दिया था. यह बस्ती इस क़स्बे के पास ही है। इस क़स्बे की इमारतें और सड़कें काफी आधुनिक हैं. यहां 60 रिहायशी बहुमंज़िला इमारते हैं जहां हज़ारों लोग रहते हैं. यहां कई सरकारी संस्थान, विश्वविद्यालय और स्कूल थे मीडिया ने इस बारे में इसराइली सेना से संपर्क किया और अल ज़ाहरा क़स्बे को निशाना बनाए जाने को लेकर सवाल किया. उन्होंने जवाब था कि वे ‘बर्बर हमले के जवाब में हमास की सैन्य और प्रशासनिक क्षमताओं को तबाह करने के लिए ताक़त का इस्तेमाल कर रहे हैं.’ इसराइली सेना ने कहा कि ‘इसराइली नागरिकों पर हमास के हमले को देखते हुए की जा रही इस कार्रवाई के दौरान सेना अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों का पालन करती है और नागरिकों को कम से कम नुक़सान हो, इसके लिए एहतियाती क़दम भी उठाती है।
सिर्फ 5 मिनट पहले चेतावनी
अल ज़ाहरा में रहने वाले हमज़ा बताते हैं कि यहां कोई सैन्य गतिविधि नहीं होती थी और पहले की जंग के दौरान कभी यहां हमला नहीं हुआ. दूसरे इलाक़ों से विस्थापित होने वालों को यहां आकर सुरक्षित होने का एहसास होता था.जब जंग छिड़ी, अल ज़ाहरा के बाशिंदों ने अपने रिश्तेदारों के लिए अपने दर खोल दिए. हर अपार्टमेंट में दो से ज़्यादा परिवार रह रहे थे.जब टॉवर गिराए गए तो यहां रहने वाले लोगों और उनके रिश्तेदारों, दोनों के सिर से छत छिन गई.जिन घरों पर हमला नहीं हुआ है, वहां रहने वाले भी किसी संभावित हमले की आशंका में लौटने से डर रहे हैं। अपने रिश्तेदार के यहां रह रहे हमज़ा इस स्थिति को ‘मानवीय आपदा’ बताते हुए कहते हैं, “हमले से सिर्फ़ पांच मिनट पहले चेतावनी जारी की जाती है।
गाजा अस्पताल में हुए हमले से बाइडेन दुखी
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन आज इजरायल पहुंच रहे हैं. इजरायल की यात्रा पर निकले जो बाइडेन ने कहा, “गाजा के अल-अहली अरब अस्पताल में विस्फोट और उसके परिणामस्वरूप हुए जानमाल के भयानक नुकसान से मैं बहुत नाराज और दुखी हूं.’हमास ने गाजा अस्पताल में हमले के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि इजरायल का दावा है कि ये हमला उनकी तरफ से नहीं किया गया बल्कि यह हमला हमास के मिसफायर का परिणाम था।
सुरक्षा टीम से मांगी जानकारी
जो बाइडेन ने कहा कि जब उन्होंने गाजा अस्पताल में हमले की खबर सुनी तो उन्होंने तुरंत जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बात की. उन्होंने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम को निर्देश दिया है कि वह इस बारे में जानकारी जुटाएं कि आखिर हुआ क्या है. जो बाइडेन ने कहा कि संघर्ष के दौरान अमेरिका लोगों के जीवन की रक्षा के लिए खड़ा है. उन्होंने इस त्रासदी में मारे गए और घायल हुए मरीजों, चिकित्सा कर्मचारियों और अन्य निर्दोषों के लिए दुख जताया।
बाइडेन ने रद्द की जॉर्डन की यात्रा
बता दें कि जो बाइडेन इजरायल के बाद जॉर्डन भी जाने वाले थे लेकिन गाजा अस्पताल में हुए हमले के बाद उन्होंने अपना दौरा रद्द कर दिया है. गाजा के अधिकारियों का कहना है कि उनके अस्पताल पर हमला इजरायल ने किया है और इस हमले में 200 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। (एएमएपी)