पाकिस्तान लौटे नवाज शरीफ को स्टील मिल केस में मिली बड़ी राहत
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ (Nawaz Sharif) को स्टील मिल केस में बड़ी राहत मिली है. पंजाब की कार्यवाहक सरकार ने अल अज़ीज़िया स्टील मिल केस में नवाज़ शरीफ़ की सज़ा निलंबित कर दी है. इस फ़ैसले के बाद अल अज़ीज़िया मामले में नवाज़ शरीफ़ की ग़िरफ़्तारी नहीं होगी. तीन बार के प्रधानमंत्री और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के प्रमुख 73 वर्षीय शरीफ लंदन में आत्म-निर्वासन में चार साल बिताने के बाद शनिवार को पाकिस्तान लौट आए थे।
Despite the worst ever victimisation for what seemed to be an eternity, & despite having been put through the mill, Alhamdolillah, the party stands united with @NawazSharifMNS more than ever before. A victory unheard of! pic.twitter.com/dtCUKmf2tw
पूर्व कानून मंत्री आजम तरार और वकील अमजद परवेज ने शरीफ की ओर से उच्च न्यायालय में याचिकाएं दायर की थीं. उच्च न्यायालय ने 19 अक्टूबर को शरीफ को 24 अक्टूबर तक दोनों मामलों में गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया था, ताकि वह गिरफ्तारी के डर के बिना अदालत में पेश हो सकें. शरीफ तीन बार प्रधानमंत्री रहे हैं, लेकिन 2017 में भ्रष्टाचार का दोषी पाए जाने के बाद उन्हें सत्ता से हटना पड़ा और उन्हें राजनीति से आजीवन अयोग्य घोषित कर दिया गया़। याचिकाओं में शरीफ ने अनुरोध किया कि उनकी दोषसिद्धि के खिलाफ अपील पर नये सिरे से सुनवाई की जानी चाहिए और कानून के अनुसार उचित फैसला किया जाना चाहिए। पूर्व प्रधानमंत्री शरीफ को एवेनफील्ड और अल-अजीजिया मामलों में दोषी ठहराया गया था और तोशाखाना वाहन मामले में भगोड़ा घोषित किया गया था, जो इस्लामाबाद जवाबदेही अदालत के समक्ष लंबित है. जब शरीफ 2019 में चिकित्सा आधार पर ब्रिटेन के लिए रवाना हुए, तब वह इन मामलों में जमानत पर थे।
अल-अजीजिया मामलों में ठहराया गया था दोषी
गौरतलब है कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को एवेनफील्ड और अल-अजीजिया मामलों में दोषी ठहराया गया था और तोशाखाना वाहन मामले में भगोड़ा घोषित किया गया था. जो इस्लामाबाद कोर्ट के समक्ष लंबित है. मालूम हो कि वह इन मामलों में जमानत पर थे जब वह 2019 में चिकित्सा आधार पर ब्रिटेन के लिए रवाना हुए थे।
पाकिस्तान लौटते ही की रैली
बता दें कि बीते शनिवार को नवाज शरीफ इस्लामाबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरे. इस दौरान उन्होंने दोषसिद्धि के खिलाफ लंबित अपील को बहाल करने के लिए याचिका पर हस्ताक्षर किए. नवाज शरीफ ने ब्रिटेन में चार साल का आत्म-निर्वासन समाप्त कर देश लौटने के तुरंत बाद लाहौर के मीनार-ए-पाकिस्तान में अपनी पहली रैली को संबोधित किया. इस दौरान वे बेहद भावुक दिखे, साथ ही उन्होंने आवाम को आश्वासन दिया कि देश को मुश्किल दौर से वे निकालने आये हैं।
दोबारा शुरू होंगे अदालती मामले
चार साल के आत्म-निर्वासन के बाद लंदन से लौटने के बाद पहली बार पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ मंगलवार को अपने खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों के सिलसिले में एक स्थानीय अदालत में पेश हुए। तीन बार प्रधानमंत्री और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सुप्रीमो 73 वर्षीय शरीफ के अदालती मामले फिर से शुरू होने वाले हैं, जो उनकी अनुपस्थिति के कारण रुक गए थे।
शरीफ, इस्लामाबाद स्थित न्यायाधीश मुहम्मद बशीर की जवाबदेही अदालत में उपस्थिति हुए, जिन्होंने चार साल बाद पाकिस्तान लौटने की सुविधा के लिए तोशाखाना मामले में उनकी गिरफ्तारी के आदेश को निलंबित कर दिया था। नवाज की उपस्थिति यह दिखाने के लिए महत्वपूर्ण थी कि उसने अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। न्यायाधीश द्वारा अदालत कक्ष में नवाज की उपस्थिति देखने के बाद जाने की अनुमति दे दी गई। मालूम हो कि बशीर वही जज हैं, जिन्होंने उन्हें एवेनफील्ड मामले में दोषी ठहराया था। अदालत ने शरीफ के गिरफ्तारी वारंट को मंगलवार तक के लिए निलंबित कर दिया था।
दी गई सुरक्षात्मक जमानत
इस मामले में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सह-अध्यक्ष आसिफ जरदारी और पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी भी सह-आरोपी हैं। बाद में, शरीफ को एवेनफील्ड और अल-अजीजिया मामलों के संबंध में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) के समक्ष पेश होना है। अदालत ने उन्हें मंगलवार तक के लिए सुरक्षात्मक जमानत दे दी थी। उन्होंने दोषसिद्धि के खिलाफ अपनी याचिकाओं को पुनर्जीवित करने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का रुख भी किया था।
इससे पहले आज, तोशाखाना मामले में शरीफ के वकील काजी मिस्बाह ने जवाबदेही अदालत में तीन अलग-अलग आवेदन दायर किए, जिसमें मामले में पीएमएल-एन सुप्रीमो की जब्त की गई संपत्ति की बहाली, मामले में शरीफ के वकील की नियुक्ति और राजनेता के जमानत बांड जमा करने के लिए एक आवेदन शामिल है।
शरीफ को 2017 में अयोग्य ठहराया गया था और बाद में 2018 में भ्रष्टाचार के दो अन्य मामलों में दोषी ठहराया गया था। उन्होंने हमेशा सभी आरोपों से इनकार किया है और अपनी सजा को न्यायपालिका की शक्तिशाली प्रतिष्ठान द्वारा मिलीभगत बताया है।
सुनाई गई थी 10 साल की सजा
शरीफ को जुलाई 2018 में एवेनफील्ड संपत्ति मामले में एक जवाबदेही अदालत द्वारा दोषी ठहराया गया था और 10 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और जेल में डाल दिया गया, लेकिन जमानत मिलने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। जब वह 2019 में शारीरिक समस्या के कारण यूके के लिए रवाना हुए, तो वह जमानत पर थे।
बेटी को किया गया था गिरफ्तार
नवाज की बेटी मरियम नवाज को भी मामले में सात साल जेल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन सितंबर 2022 में अपने पति मुहम्मद सफदर के साथ बरी कर दिया गया था। अल-अजीजिया स्टील मिल्स भ्रष्टाचार में शरीफ को दिसंबर 2018 में सात साल जेल की सजा सुनाई गई थी। आईएचसी ने दिसंबर 2020 में दोनों मामलों में उन्हें भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया था। (एएमएपी)