इजराइल-हमास जंग में अब एक नए किरदार की एंट्री हो गई है. इजराइल की खुफिया एजेंसी को एक ऐसा वीडियो हाथ लगा है, जिसमें हमास के कुछ नकाबपोश लड़ाके हथियार देने के लिए यूक्रेन का आभार जता रहे हैं। एक मिनट के इस वीडियो संदेश में हमास के लड़ाके अपने समर्थकों से कह रहा हैं कि आज यूक्रेन से हथियारों की खेप पहुंच गई है, जिसके लिए हम यूक्रेन की सेना और राष्ट्रपति जेलेंस्की का शुक्रिया अदा करते हैं।

वीडियो में यह दावा किया गया है कि यूक्रेन भी हमारी तरह अपनी आजादी के लिए लड़ रहा है और इन हथियारों की मदद से हम यहूदियों के खिलाफ अपनी जंग जरूर जीतेंगे. इजराइल में मौजूद टीवी9 की टीम ने स्वतंत्र रूप से इसकी पुष्टि करने की कोशिश की, लेकिन हमें अब तक कोई कामयाबी नहीं मिली है।

अमेरिकी सांसद मार्जोरी टेलर ग्रीन

हमास के बर्बर हमले के बाद से ही यूक्रेन पर हमास को सीधे या ब्लैक मार्केटिंग के जरिए हथियार देने के आरोप कई तरफ से लग चुके है. हालांकि अब तक इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) ने हमास के पास से बरामद ऐसा कोई हथियार सार्वजनिक नहीं किया है लेकिन पश्चिमी देशों के भी हथियार होने की चर्चा इजराइल से लेकर अमेरिका तक है. अमेरिकी सांसद मार्जोरी टेलर ग्रीन ने तो इजराइल से इस बात की जांच करने की भी मांग कर डाली है कि हमास के पास से मिले हथियारों के सीरियल नंबर देखकर बताएं कि वो हथियार किन देशों के हैं।

रूस पहले ही नाटो देशों पर लगा चुका है आरोप

रूस के पूर्व राष्ट्रपति दमित्री मेडवेदेव नाटो देशों से यूक्रेन को मिले हथियार हमास तक पहुंचने की बात कह चुके हैं. इजराइली सुरक्षा एजेंसियों को भी पिछले साल से ही ऐसा होने के संदेह हैं. पश्चिमी देशों से यूक्रेन को भेजे गये हथियार ब्लैक मार्केट में उपलब्ध होने की बात कई नाटो देशों ने आधिकारिक तौर पर कहा भी है।

जेलेंस्की के प्रति इज़रायल का रवैया भी असामान्य

सात अक्तूबर को हमास के हमले के बाद से कई देशों के प्रमुख इजरायल का दौरा कर चुके हैं. इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां, इटली की प्रधानमंत्री जार्जिया मिलोनी एवं ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक शामिल हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की भी तेल अवीब का दौरा करने की इच्छा जता चुके हैं लेकिन इजराइल ने उन्हें अब तक आने की इजाजत नहीं दी है. दुनिया भर में अपने लिए समर्थन जुटा रहे इजरायल का यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को लेकर यह रवैया भी कई सवाल खड़े करता है, खासकर तब जबकि जेलेस्की खुद भी एक यहूदी हैं।

इजरायल और रूस के बीच अलग तरह के रिश्ते

जानकारों का मानना है कि या तो इजराइली सुरक्षा एजेंसियों को हमास के पास से यूक्रेन के हथियार मिल चुके हैं या ऐसा होने के पूरे शक हैं. इस मामले में यूक्रेनियन इंटेलिजेंस एजेंसी की प्रतिक्रिया भी इस संदेह को और पुख्ता कर रही है. पोल खुलने के डर से यूक्रेनियन एजेंसी दलील दे रही है कि हमास के पास यूक्रेन के वो हथियार हो सकते हैं जो कि रूस ने यूक्रेनियन सैनिकों से मेडल के तौर पर बरामद किया था. यूक्रेन से आ रहे इस तरह के बयान इजराइली सुरक्षा एजेंसियों के मन में यूक्रेन को लेकर और अधिक संदेह पैदा कर रही है. दिलचस्प बात यह है कि रूस-यूक्रेन जंग में यूक्रेन के बार-बार मांगने के बावजूद इज़रायल ने अपना आयरन डोम डिफेंस सिस्टम या दूसरे हथियार यूक्रेन को देने से मना कर दिया था. अमेरिका और इजराइल के घनिष्ठ संबंधों के बावजूद इजराइल और रूस के बीच अलग तरह के रिश्ते हैं और दोनों ही देश एक-दूसरे के सामरिक हितों में दखल देने से परहेज करते आए हैं।

वीडियों जारी होने के बाद दावा सच

इजराइल की खुफिया एजेंसी को एक ऐसा वीडियो जारी कर इसकी जानकारी दी है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि हमास के कुछ नकाबपोश लड़ाके हथियार देने के लिए यूक्रेन को शुक्रिया बोल रहे हैं। एक मिनट के इस वीडियो संदेश में हमास के लड़ाके अपने समर्थकों से कह रहा हैं कि आज यूक्रेन से हथियारों की खेप पहुंच गई है, जिसके लिए हम यूक्रेन की सेना और राष्ट्रपति जेलेंस्की का शुक्रिया अदा करते हैं। वीडियो में यह दावा किया गया है कि यूक्रेन भी हमारी तरह अपनी आजादी के लिए लड़ रहा है और इन हथियारों की मदद से हम यहूदियों के खिलाफ अपनी जंग जरूर जीतेंगे।

उधर हमास-इजरायल युद्ध में युद्धविराम को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार (24 अक्टूबर) को एक उच्च स्तरीय बैठक करने की बात सामने आ रही है और जंग रोकने का निवेदन किया गया है। हालांकि इजरायल ने साफ मना करते हुए अस्वीकार कर दिया। संयुक्त राष्ट्र में इजऱाइल के राजदूत गिलाद एर्दान ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव संयुक्त राष्ट्र का नेतृत्व करने के लिए उपयुक्त नहीं हैं क्योंकि वह ‘बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की सामूहिक हत्या के अभियान’ के लिए कोई समझ नहीं दिखाते हैं।   (एएमएपी)