An IDF Operational RECAP:
📍Northern Israel
Since the beginning of the war, IDF soldiers in the Northern Command have neutralized multiple terrorist cells in Lebanon.
Additionally, a terrorist cell was struck by the IDF after attempting to launch anti-tank missiles from…
— Israel Defense Forces (@IDF) October 29, 2023
अमेरिकी मीडिया हाउस के मुताबिक इस घटना का एक वीडियो भी कैमरे में कैद हुआ है, जिसमें इजरायली झंडा लहराते IDF के सैनिकों की तस्वीरें एक यहूदी मीडिया आउटलेट इजरायल हायो द्वारा सोशल मीडिया पर प्रसारित की गईं। IDF के एक बयान के मुताबिक, IDF अब दावा कर रही है कि वे हमास को वैसे ही हरा रही है जैसे दुनिया ने ISIS आतंकियों को हराया था। इजरायली फौज के बयान में कहा गया है कि कट्टरपंथी इस्लाम मानवता का दुश्मन है। उसे शिकस्त देकर इजरायल इस दुनिया को बेहतर बनाने की जंग लड़ रही है।”
लंबी जंग नहीं चाह रहे इजरायली रणनीतिकार
विशेषज्ञों का मानना है कि इजरायली अधिकारी गाजा के लिए दीर्घकालिक योजनाओं और रणनीतिक रूप से लंबी लड़ाई की नहीं सोच रहे हैं क्योंकि गाजा पट्टी में चल रहा उनका जमीनी हमला एक महंगा सौदा है। उधर, हमास ने भी लड़ाई को लंबा खींचने की तैयारी कर रखी है, जबकि यूएन, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस समेत तमाम यूरोपीय देश और भारत भी इजरायल पर गाजा पट्टी में संघर्ष विराम का दबाव बना रहे हैं। ऐसे में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के पास तीन बड़े विकल्प बचते हैं।
विकल्प-1: गाजा पर पुनः कब्ज़ा
हमास के अभेद्य दुर्ग को भेदेगी इजराइली सेना, नागरिकों को उत्तरी गाजा छोड़ने की चेतावनी
मौजूदा समय में इजरायल द्वारा गाजा पर फिर से कब्जा करना एक चुनौतीपूर्ण विकल्प हो सकता है क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पिछले दिनों अपने एक इंटरव्यू में इस बारे में साफ तौर पर चेतावनी दी है कि इजरायल के लिए गाजा पट्टी पर फिर से कब्जा करना “एक बड़ी गलती होगी”, और इजरायली सैनिकों को बड़े पैमाने पर हिंसक प्रतिरोध का सामना करना पड़ेगा। मौजूदा हवाई हमलों ने इजरायल के प्रति फिलिस्तीनी रवैये को इस तरह से कठोर कर दिया है कि वो लंबे समय तक जंग कर सकते हैं।
विकल्प-2: हमास का खात्मा कर छोड़ दें गाजा
FACT: “The IDF is focused right now on one thing—victory and dismantling Hamas.”
This is how the Chief of the General Staff, LTG Herzi Halevi, fortifies the soldiers of the IDF Artillery Corps. pic.twitter.com/qGokguNue3
— Israel Defense Forces (@IDF) October 29, 2023
इजराइल के रीचमैन यूनिवर्सिटी में फिलिस्तीनी मामलों के प्रोफेसर, माइकल मिलशेटिन कहते हैं, “यह उस नई व्यवस्था की तरह लग सकता है जिसे अमेरिका ने 2003 में बाथ शासन के पतन के बाद इराक में स्थापित करने की कोशिश की थी।” उनका कहना है कि इनमें से कई समूह (जैसे इस्लामिक जिहाद) संभवतः हमास से भी अधिक उग्र हो सकते हैं, जो नागरिकों के खिलाफ क्रूर हिंसा में शामिल रहे हैं और 2017 के चार्टर में 1967 की सीमा-रेखा के मुताबिक दो देशों के समाधान के समर्क रहे हैं। मिलशेटिन के मुताबिक, गाजा पर अधिकार जमाने के लिए उत्तरी अफ्रीका, सीरिया और इराक के आतंकवादी समूह भी आपस में मिल सकते हैं। ऐसी स्थिति इजराइल की सीमा पर छोटे मोगादिशु जैसा हो सकता है।
विकल्प-3: गाजा पर शासन के लिए लाया जाए नया खिलाड़ी
मिलशेटिन का मानना है कि इतने कम समय में हमास का खात्मा पूरी तरह से गाजा पट्टी से हो जाए, यह मुश्किल सा दिखता है क्योंकि हमास दावा करता रहा है कि उसके पास 300 मील की गहराई वाले टनल्स हैं और गाजा की सघन आबादी वाले इलाकों में शहरी योद्धा हैं, जो किसी भी सेना के लिए बड़ी चुनौती है। इस बात की भी संभावना है कि इजरायली फौज भले ही हमास के ठिकानों को ध्वस्त कर दे लेकिन लोगों के जेहन से हमास वाली सोच खत्म नहीं कर सकता है।ऐसे में विशेषज्ञ तीसरे विकल्प की बात करते हैं। इस स्थिति में, इजरायल गाजा के भीतर अन्य स्थानीय गुटों की तलाश कर सकता है और एक नई सत्तारूढ़ पार्टी बनाने के लिए उनके साथ साझेदारी करने की कोशिश कर सकता है। टाइम मैग्जीन को दिए एक इंटरव्यू में मिलशेटिन कहते हैं, “इस विकल्प में जनजातियों के प्रमुख, गैर सरकारी संगठनों के लोग, या महापौर, यहां तक कि मौजूदा फिलिस्तीनी प्राधिकरण को नियंत्रित करने वाले राजनीतिक दल फतह के वरिष्ठ व्यक्ति भी हो सकते हैं।”
As we continue to expand our ground operations in northern Gaza:
🔴IAF aircraft, guided by IDF troops, struck Hamas structures.
🔴Anti-tank missile launch posts & observation posts were struck.
🔴Multiple terrorists were eliminated. pic.twitter.com/XMwKPKGZ1R— Israel Defense Forces (@IDF) October 29, 2023
फिलिस्तीनी प्राधिकरण पर क्या सोच?
ऑस्ट्रेलिया नेशनल यूनिवर्सिटी में मध्य पूर्व की राजनीतिक अर्थव्यवस्था पढ़ाने वाले अनस इक्तेत का कहना है कि अगर ऐसा होता है, तो इजरायल फिलिस्तीनी प्राधिकरण (PA) को ही शामिल करने को अपनी प्राथमिकता रखेगा। इक्तेत ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि गाजा में हमास को पूरी तरह से सत्ता से हटाना इजरायल के लिए व्यवहार्य है, लेकिन अगर वे ऐसा करते हैं, तो हमने अतीत में जो देखा है, उसके आधार पर फिलिस्तीनी प्राधिकरण ही इजरायल के लिए सबसे उपयुक्त या सबसे तार्किक विकल्प हो सकता है।”बता दें कि 2006 में चुनाव हारने से पहले फिलिस्तीनी प्राधिकरण ही गाजा पर शासन करता था। हमास और फतह के बीच हिंसक झड़पों के कारण 2007 में फिलिस्तीनी प्राधिकरण गाजा पट्टी से पूरी तरह से पीछे हट गया था। तब से इस क्षेत्र पर हमास का शासन है। हालांकि, एक बड़ी चुनौती यह भी है कि फ़तह और फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण (PA) हाल के वर्षों में फिलिस्तीनियों के बीच बेहद अलोकप्रिय हो गए हैं। प्राधिकरण के शासन वाले वेस्ट बैंक में भी फिलिस्तीनी PA को इजरायल के पिट्ठू के रूप में देखते हैं। अगर तीसरा विकल्प लागू हुआ तो इजरायल पीए के सहारे वहां भी शासन कर सकता है और अंतरराष्ट्रीय फलक पर भी लीड ले सकता है। (एएमएपी)