योगी सरकार का आजम खान को बड़ा झटका, जौहर ट्रस्ट से वापस ली जमीन
आजम खान को एक के बाद एक झटका लगता जा रहा है। अब एक और बड़ा झटका लगा है। दरअसल, योगी कैबिनेट ने जौहर ट्रस्ट से जमीन वापस लेने का निर्णय ले लिया है। आजम पर नियमों का उल्लंघन कर जमीन हासिल करने का आरोप लगा है। मंगलवार को योगी कैबिनेट की बैठक के बाद बताया गया कि इस पर फैसला ले लिया गया है। बता दें कि यह जमीन समाजवादी पार्टी सरकार के कार्यकाल के दौरान जौहर ट्रस्ट को दी गई थी। जमीन पर एक पब्लिक स्कूल संचालित है।
Uttar Pradesh: Yogi cabinet approves proposal to reclaim SP leader and Gangster Azam Khan’s land from the Ali Jauhar Trust. pic.twitter.com/PuouvYPBvH
आजम खान की पहले ही कई मुश्किलें लगातार बढ़ी हुई हैं। बेटे अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में पत्नी और बेटे संग सात साल की सजा सुनाए के बाद आजम फिलहाल सलाखों के पीछे हैं। अब एक नई मुसीबत सामने आ गई है। जौहर ट्रस्ट में अनियमितताओं को लेकर जमीन वापस लेने का मामला हैं। उधर, जाने-माने ठेकेदार फरहत अली से आजम खान के रिश्तों को लेकर आयकर विभाग ने भी शिकंजा कस दिया है।
कई खुलासे होने का आयकर को उम्मीद
फरहत अली खां और आजम खान के बीच कैसे रिश्ते रहे हैं, कितना ट्रांजेक्शन अथवा चंदा दिया गया है और कितने करोड़ के ठेके आजम ने दिलवाए हैं…इस तरह के तमाम खुलासों की आयकर को उम्मीद है। जिनका आधार बनेगी फरहत के घर से बरामद की गईं डायरी, पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क और मोबाइल की डिटेल। आयकर अफसरान दिल्ली के आईटी एक्सपर्ट्स से डाटा रिकवरी करा रहे हैं।
मालूम हो कि जौहर विवि बनवाने को जौहर ट्रस्ट को मोटा चंदा दिया गया था। आयकर को आशंका है कि इस चंदे में कर चोरी का बड़ा खेल हुआ है। इसी को लेकर आयकर अफसरान कड़ी से कड़ी जोड़ रहे हैं। इस क्रम में पहले आजम खां के घर छापामारी की गई, जौहर विवि में छापा मारा गया और 27 अक्तूबर को आजम खां के करीबी ठेकेदारों के यहां छापामारी की गई। इस दौरान गायत्रीपुरम निवासी बड़े ठेकेदार फरहत खां का नाम भी सामने आया। जिस पर आयकर की टीम ने घंटों उनसे पूछताछ की। उनके यहां आयकर अधिकारियों को 2084506 की ज्वैलरी और 28 हजार की नकदी मिली थी, जिसे लिखा-पढ़त में लेने के बाद फरहत अली खां के सुपुर्द कर दिया गया था लेकिन, आयकर टीम इनके यहां से दो डायरी, एक पेन ड्राइव, एक मोबाइल फोन और एक हार्ड डिस्क ले गई है। जिनसे बड़ा क्लू हाथ लगने की आयकर को उम्मीद है।
34 घंटे तक चली थी छापेमारी की कार्रवाई
रामपुर के ठेकेदारों के यहां आयकर की छापामारी करीब 34 घंटे तक हुई थी। सूत्रों की मानें तो इसके पीछे तीन मुख्य वजह हैं। जिन पर आयकर अधिकारियों ने सवाल जवाब किए थे। दरअसल सपा सरकार में जौहर विवि के निर्माण के दौरान जौहर ट्रस्ट को चंदा दिया गया था। तमाम बड़े ठेकेदारों ने ट्रस्ट को मोटा चंदा दिया था। वहीं तमाम ठेकेदार ऐसे हैं, जिन्होंने जौहर विवि में सिविल कंस्ट्रक्शन का काम किया था। कुछ ठेकेदार ऐसे भी हैं, जिन्होंने सरकारी दस्तावेजों में कहीं दूसरी जगह सड़क निर्माण का ठेका लिया लेकिन, हकीकत में निर्माण कार्य जौहर विवि में कराया। इसलिए ठेकेदार आयकर के रडार पर आए हैं और छापामारी की।
जमीन कब्जाने के मामलों की सुनवाई 16-17 को
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद आजम खां से जुड़े जौहर यूनिवर्सिटी के लिए किसानों की जमीन कब्जाने के चार मामलों में सोमवार को सुनवाई नहीं हो सकी। जौहर यूनिवर्सिटी के लिए किसानों की जमीन कब्जाने के चार मामलों में भी सोमवार को सुनवाई नहीं हो सकी। कोर्ट ने अगली तारीख 16 व 17 नवंबर निर्धारित की है।
सभी मामले विचाराधीन
बता दें कि आलियागंज के किसानों ने सपा नेता आजम खां समेत कई लोगों पर उनकी जमीन का जबरन बैनामा कराकर कब्जा करने के 27 मुकदमें अजीमनगर थाने में दर्ज कराए थे। ये सभी मामले विचाराधीन हैं। वकीलों के न्यायिक कार्य से विरत रहने के चलते सोमवार को इस मामले में सुनवाई नहीं हो सकी। दूसरी ओर यतीमखाना बस्ती को खाली कराने के चार मामलों की सुनवाई अब सात नवंबर को होगी। (एएमएपी)